2024.09.18सेंट जोसेफ इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स पाककला कार्यक्रम के प्रतिभागी 2024.09.18सेंट जोसेफ इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स पाककला कार्यक्रम के प्रतिभागी 

सेंट जोसेफ इंस्टीट्यूट ने भारत में युवा माताओं के लिए पाककला कार्यक्रम शुरू किया

सेंट जोसेफ इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स ने तीन महीने का बेकिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य व्यावहारिक कौशल और रोजगार के अवसर प्रदान करके युवा महिलाओं, विशेष रूप से 18 से 27 वर्ष की आयु की माताओं को सशक्त बनाना है।

लीकास न्यूज़

बेंगलुरु, बुधवार 18 सितंबर 2024 : काथलिक कनेक्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, विहान संगठन के साथ साझेदारी में विकसित की गई इस पहल का उद्देश्य प्रतिभागियों को अपने घरों से छोटे पैमाने पर बेकिंग व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से लैस करना है।

प्रतिभागियों में से कई महिलाएँ हैं जिन्होंने बेरोज़गारी, जल्दी स्कूल छोड़ने या एचआईवी/एड्स और यौन उत्पीड़न के प्रभावों जैसी चुनौतियों का सामना किया है।

सेंट जोसेफ इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स (एसजेआईएस) के निदेशक फादर दीपक जोसेफ ने कहा, "हम महिलाओं को सशक्त बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे अपने जीवन के लिए एक कौशल सीख सकें। अगर तुरंत नहीं, तो भविष्य में वे घर पर ही अपना छोटा व्यवसाय शुरू कर सकती हैं, बेकरी आइटम बना सकती हैं।"

फादर जोसेफ ने कहा, "हम उन लोगों को पीछे नहीं छोड़ना चाहते जो 50% से कम हैं, जिनके पास शैक्षणिक योग्यता नहीं है, लेकिन बेहतर भविष्य बनाने की क्षमता है।"

2020-21 में स्थापित सेंट जोसेफ इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स ने पहले ही 1,100 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया है, जिसमें हाशिए के समुदायों के व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

इस नवीनतम पहल में इस वर्ष 25 महिलाओं को नामांकित किया जाना है, तथा भविष्य में अन्य स्थानों पर भी इसका विस्तार किया जा सकता है।

बेकिंग कार्यक्रम, व्यावहारिक कौशल प्रदान करने के साथ-साथ प्रतिभागियों को अपने खाली समय का उपयोग उत्पादक तरीके से करने का अवसर भी प्रदान करता है।

संस्थान को उम्मीद है कि यह कार्यक्रम न केवल युवा महिलाओं को स्वयं का समर्थन करने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें अपने दम पर उद्यमी बनने का आत्मविश्वास भी प्रदान करेगा।

सेंट जोसेफ इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स (एसजेआईएस), की स्थापना 2020 में मैसूर रोड, बेंगलुरु में सेंट जोसेफ शिक्षण संस्थान परिसर में की गई थी और यह महाधर्मप्रांतीय शिक्षा बोर्ड के तहत संचालित होता है।

बैंगलुरु के महाधर्माधयक्ष पीटर मचाडो द्वारा स्थापित, यह संस्थान अर्ध-शिक्षित युवाओं और स्कूल छोड़ने वाले छात्रों को व्यावसायिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से कोविड के बाद की पहल के रूप में कार्य करता है।

बैंगलुरु के विभिन्न क्षेत्रों पर केंद्रित और कर्नाटक के सबसे दूरदराज के हिस्सों तक फैला यह संस्थान अक्सर वंचित पृष्ठभूमि से आने वाले व्यक्तियों को आजीविका सुरक्षित करने और उनकी आर्थिक परिस्थितियों को बेहतर बनाने में मदद करता है।

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18 September 2024, 15:32