बेरुत में हुई दुखद दुर्घटना के पीड़ितों के परिवारों के साथ संत पापा फ्राँसिस बेरुत में हुई दुखद दुर्घटना के पीड़ितों के परिवारों के साथ संत पापा फ्राँसिस 

संत पापा: 'लेबनान को शांति की परियोजना बने रहना चाहिए'

संत पापा फ्राँसिस ने बेरुत में हुई दुखद दुर्घटना के पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की। संत पापा ने मध्य पूर्व में युद्ध को समाप्त करने और "देवदारों की भूमि" के लिए एक ऐसी भूमि के रूप में अपने आह्वान के प्रति वफादार बने रहने की अपील की, जहाँ "विभिन्न धर्म और मान्यताएँ भाईचारे में मिलती हैं।"

वाटिकन न्यूज़

वाटिकन सिटी, सोमवार, 26 अगस्त 2024 : संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के कनसिस्ट्री भवन में गहरी भावना के साथ उस विस्फोट के पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की, जिसने 4 अगस्त 2020 को बेरूत के बंदरगाह और शहर के कुछ हिस्से को तबाह कर दिया, जिससे 235 लोगों की मौत हो गई, 6,500 घायल हो गए, 300 हजार लोग विस्थापित हुए और लगभग 3 अरब की क्षति हुई। एक ऐसी घटना जिसकी गतिशीलता और जिम्मेदार नागरिक कौन है, यह अनुत्तरित है।

 संत पापा फ्राँसिस ने बेरूत बंदरगाह विस्फोट में अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों से मिलने की खुशी जाहिर करते हुए कहा “मुझे आपसे मिलकर बहुत खुशी हुई। मैं आपको और आपके प्रियजनों को अपनी प्रार्थनाओं में शामिल करता हूँ और मैं भी आपके साथ अपने आँसू बहाता हूँ। आज मैं ईश्वर को धन्यवाद देता हूँ कि मैं आपके साथ यह समय बिता पाया हूँ और व्यक्तिगत रूप से आपके प्रति अपनी निकटता व्यक्त कर पाया हूँ।”

संत पापा ने उस भीषण विस्फोट में मारे गये सभी लोगों और छोटी एलेक्जेंड्रा को याद करते हुए कहते हैं कि “स्वर्ग से, वे आपके संघर्षों को देखते हैं और वे प्रार्थना कर रहे हैं कि वे जल्द ही समाप्त हो जाएँ।”

लेबनान एक शांति परियोजना है और इसे रहना ही चाहिए

संत पापा ने चार साल बीत चुके त्रासदी के लिए उनके साथ मिलकर सत्य और न्याय की मांग की। उन्होंने कहा कि मुद्दे जटिल और कठिन हैं और विरोधी शक्तियां और हित अपना प्रभाव महसूस कराते हैं। फिर भी सत्य और न्याय को बाकी सब से ऊपर होना चाहिए। “लेबनानी लोगों और सबसे बढ़कर आपको ऐसे शब्दों और कार्यों का अधिकार है जो जिम्मेदारी और पारदर्शिता को दर्शाते हैं।”

संत पापा ने कहा, आपके साथ, मैं भी एक बार फिर यह देखकर दर्द महसूस करता हूँ कि आपके क्षेत्र, फिलिस्तीन और इजरायल में युद्ध के कारण प्रतिदिन बड़ी संख्या में निर्दोष लोग अपनी जान गंवा रहे हैं, जिसके लिए लेबनान कीमत चुका रहा है। "हर युद्ध हमारी दुनिया को पहले से भी बदतर बना देता है। युद्ध राजनीति और मानवता की विफलता है, एक शर्मनाक आत्मसमर्पण है, बुराई की ताकतों के सामने एक करारी हार है।" (फ्राटेली तुत्ती 261)

संत पापा ने कहा कि इस धरती पर बनाना हमारे लिए बहुत मुश्किल है। हम लेबनान और पूरे मध्य पूर्व के लिए शांति हेतु प्रार्थना करें। लेबनान शांति के लिए एक परियोजना है और उसे ऐसा ही रहना चाहिए। इसका उद्देश्य एक ऐसी भूमि बनना है जहाँ विभिन्न समुदाय एक साथ सद्भाव में रहते हैं, व्यक्तिगत लाभ से ऊपर आम भलाई को रखते हैं, एक ऐसी भूमि जहाँ विभिन्न धर्म और मान्यताएँ भाईचारे की भावना से एक दूसरे से मिलती हैं।

कलीसिया का निरंतर समर्थन

संत पापा की हार्दिक इच्छा है कि वहाँ उपस्थित सभी लोग और पूरी कलीसिया उनके व्यक्तिगत स्नेह महसूस कर सके। संत पापा ने कहा, मैं जानता हूँ कि आपके धर्माध्यक्ष और पुरोहित, आपके धर्मसंघी पुरोहित और धर्मबहनें आपके बहुत करीब हैं। मैं उन्हें अपने दिल की गहराई से उन सभी चीज़ों के लिए धन्यवाद देता हूँ जो उन्होंने की हैं और करना जारी रखते हैं। आप अकेले नहीं हैं, और हम आपको कभी नहीं छोड़ेंगे, बल्कि प्रार्थना और दान के ठोस कार्यों के माध्यम से आपके साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं।”

संत पापा ने कहा कि वे उनमें विश्वास की गरिमा और आशा की महानता देखते हैं, ठीक वैसे ही जैसे देवदार के पेड़ की गरिमा और महानता जो उनके देश का प्रतीक है। “देवदार हमें अपनी निगाह ऊपर उठाने के लिए आमंत्रित करते हैं, स्वर्ग की ओर, ईश्वर की ओर, जो हमारी आशा है, एक ऐसी आशा जो निराश नहीं करती।” अंत में संत पापा ने हरिस्सा तीर्थालय की माता मरियम की मध्यता में सभी लेबनानियों को रखा और अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन देते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद देकर विदा किया।  

बेरुत में हुई दुखद दुर्घटना के पीड़ितों के परिवारों से विदा लेते हुए संत पापा फ्राँसिस
बेरुत में हुई दुखद दुर्घटना के पीड़ितों के परिवारों से विदा लेते हुए संत पापा फ्राँसिस

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26 August 2024, 16:03