संत पापाः आपकी बुलाहट प्रेरितिक कार्य पूरा करना
वाटिकन सिटी
संत पापा फ्रांसिस ने बृहस्पतिवार को वाटिकन के संत पापा क्लेमेंटीन के सभागार में वाटिकन संचार सहकर्मियों से मुलाकात की।
संत पापा ने संचार कर्मियों को धर्मविधि हेतु लिये गये दैनिक पाठ पर आधारित अपने संदेश में कहा कि यह आपकी बुलाहट है जो एक प्रेरितिक कार्य है। अपने कार्य में रचनात्मकता, तकनीकी और अपनी बुद्धिमत्ता के साथ-साथ आप अपने हृदय से संवाद करें, जो अत्यंत जरूरी है। “उदासीनता की संस्कृति, जहाँ हम अपना हाथ धोते, “ऐसा करना मेरे ऊपर निर्भर नहीं है”, जो बहुत कष्टप्रद है, में आपको एक महान और रोमांचक कार्य के लिए बुलाया गया है जहाँ आप विभाजन और आदर्शों की दीवारों के मध्य सेतु निर्माण करने को बुलाये गये हैं।”
प्रेरिताई का आधार
संत पापा ने उक्त संदेश आज के प्रथम पाठ पर आधारित थे जो कहता है, “आप सत्य का कमरबंद कसकर, धार्मिकता का कवच धारण कर, और पैरों पर शांति- सुसमाचार के जूते पहनकर दृढ़ रहो”।
संत पापा ने हाल ही खत्म हुए धर्मसभा की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि धर्मसभा की यात्रा अब हमारे लिए एक सामान्य यात्रा बनती है जहाँ हम कलीसिया के संग एकता में रहने और चलने को बुलाये जाते हैं। “इस यात्रा में हम ईश्वर के दिव्य प्रेम को जो हमें आकर्षित करता नये जोश के संग जीने को कहे जाते हैं।” उन्होंने कहा कि यदि हम राजनीति या व्यवासायिक निधियों की तरह कार्य करते तो हम कलीसिया नहीं रह जाते हैं। कलीसिया होने का अर्थ है इस चेतना में जीवन व्यतीत करना है कि ईश्वर ने हमें पहले प्रेम किया है, वे हमें बुलाते हैं, उन्होंने हमें सर्वप्रथम क्षमा किया है। “हम असीम करूणा के साक्षी हैं, जो हमें मुफ्त में दी गई है, जिसके द्वारा हमारे जीवन में परिवर्तन आया है, हम इसी प्रेम का संचार करने को बुलाये गये हैं।”
सपनों की अभिव्यक्ति
संत पापा ने कहा कि इस संदर्भ में संचार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों के रुप में उन्हें उनके उत्तरदायित्वों से अवगत करते हुए कहा, “आप कलीसियाई एकता को सच्चाई के संग कमर कसकर, न्याय और शांति के सुसमाचार की घोषणा करने को बुलाये जाते हैं।” संत पापा ने अपने सपनों को व्यक्त करते हुए कहा, “मेरी चाह है कि संचार माध्यम लोगों और संस्कृतियों को जोड़े, दुनिया के हर कोने में होने वाली कहानियों और साक्ष्यों को प्रसारित करते हुए उनका मूल्यांकन करे, उन्हें बढ़वा दे और सभों के लिए पेश करे।”
संत पापा ने वाटिकन संचार माध्यम जो पचास भाषाओं- जिसमें लिंगाला, मंगोलिया और कन्नाड फिलहाल ही शामिल किये गये, जो संत पापा से जुड़ी खबरों को विश्व में प्रसारित करता है, उनके कार्यों की प्रशंसा की।
हमारी संवेदनशीलता
संत पापा ने अपने सपनों को व्यक्त करते हुए कहा कि मेरी तमन्ना है कि हम हृदय से संचार करें, अपने को लोगों के संग संयुक्त करें, अपने असंख्य भाई-बहनों को होने वाली त्रासदियों से दुःखित होने दें। इस संदर्भ में संत पापा ने संचार कर्मियों को जोखिम लेते हुए अपने दायरे से बाहर जाने की चुनौती दी जिससे वे विचारों को नहीं बल्कि सच्ची घटनाओं को ईमानदारी और जुनून से प्रसारित कर सकें। “मैं उस संचार माध्य़म की कामना करता हूँ जो नाराओं से परे जाते हुए गरीबों, प्रवासियों और युद्ध के शिकार लोगों को प्रकाश में लाता हो। संचार जो सभों को बढ़ावा देता, वार्ता करता और शांति की खोज करता हो।”
त्याग की भावना
मैं एक ऐसे संचार का सपना देखता हूँ जो दूसरों के लिए जगह बनाने हेतु खुद का थोड़ा त्याग करना सिखाता होः एक भावुक, जिज्ञासु और सक्षम संचार, जो यह जानता है कि इसे घोषित करने हेतु वास्तविकता में खुद को कैसे डुबोया जाए। सुसमाचार की रूचिकर कहानियों को सुनना हमारे लिए अच्छा है, जो आज भी, दो हजार साल पहले की तरह, हमें ईश्वर के बारे में बताती है जो येसु ख्रीस्त, पुत्र के रूप में दुनिया में आये।
संत पापा ने परिवर्तन से न डरने की चुनौती पेश करते हुए, संचार के संबंध में नये मार्गों, भाषाओं और डिजिटल तकनीकीओं को अपनाने का आहृवान किया। “आप मानवीय संबंधों को खोये बिना ऐसा करें क्योंकि सुसमाचार की कहानियाँ, चिन्हों, निगाहों, मार्गों में वार्ता और मेज मिलन में व्यक्त होती हैं।”
संत पापा ने अपने सपने मिलन के संचार की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि हम समारी नारी, निकोदेमुस, व्याभिचार में प्रकट गई नारी, बरथोलोमेयुस... की सुन्दरता को व्यक्त करें जिसकी व्याख्या उन्होंने अपने नये विश्व प्रेरितिक पत्र “दिलएक्सत नोस” में की है। “संचार माध्यम में कार्यारत लोगों को ऐसा ही करने की जरुरत है क्योंकि येसु में प्रेम मिलन द्वारा ही हम भ्रातृत्व, मानवीय सम्मान और हमारे सामान्य निवास की देख-रेख को सक्षम होते हैं।”
संत पापा आहृवान
संत पापा ने संचार माध्यमों के द्वारा अपने नये विश्व प्रेरितिक पत्र का प्रचार करने का आग्रह किया। “संचार माध्यम के जरिये आप मेरी सहायता करें जो एकता का साधन है।” हालाँकि दुनिया भयानक हिंसा से हिल गई है, हम ख्रीस्तीत आशा की किरणों को देखने जानते हैं जो कई छोटी और बड़ी कहानियों में व्यक्त होती हैं। हमें यकीन है कि बुराई की जीत नहीं होगी, क्योंकि यह ईश्वर हैं जो इतिहास का मार्गदर्शन करते हैं और हमारे जीवन को बचाते हैं।
संत पापा ने वाटिकन संचार माध्यम में कार्यरत ग्लोरिया फोनताना के प्रति अपने आभार व्यक्त किये जिन्होंने विगत 48 सालों तक अपने सेवाएँ वाटिकन रेडियो को विभिन्न रूपों में दी।
वहीं उन्होंने इस बात के लिए खेद व्यक्त किया कि वाटिकन संचार माध्यम को नये रुपों में मदों की खोज करने की जरुरत है क्योंकि वाटिकन आर्थिक रुप में सहायता करने को सक्षम नहीं है।
जयंती वर्ष, जिसकी शुरूआत हम कुछ ही हफ्तों में करेंगे, दुनिया के सामने हमारे विश्वास और आशा की गवाही देने का एक महान अवसर है। “आप जो कुछ भी करते हैं, उसके लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं, रोम आने वाले तीर्थयात्रियों और जो यात्रा करने में सक्षम नहीं होंगे, दोनों की मदद करने, और संचार विभाग की प्रतिबद्धता के लिए, वाटिकन मीडिया को धन्यवाद।
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