ग्रादो एवं लेद्रो के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस, जिन्होंने चरनी और क्रिसमस ट्री दान की है ग्रादो एवं लेद्रो के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस, जिन्होंने चरनी और क्रिसमस ट्री दान की है  (Vatican Media)

चरनी एवं क्रिसमस ट्री दाताओं से पोप, चरनी शांति और प्रेम का संदेश देती है

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को ग्रादो एवं लेद्रो के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, जिन्होंने वाटिकन के संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण एवं पॉल षष्ठम सभागार में स्थापित चरनी और 29 मीटर ऊंची क्रिसमस ट्री दान की है। चरणी का निर्माण बेतलेहेम के शिल्पकारों ने किया है।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शनिवार, 7 दिसंबर 2024 (रेई) : उन्हें धन्यवाद देते हुए संत पापा ने कहा, "मैं उपस्थित नागरिक एवं धार्मिक अधिकारियों का, विशेष रूप से फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास, के विशेष प्रतिनिधियों, फ्रीउली वेनिस जुलिया के क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष और त्रेंतो प्रांत के अध्यक्ष, गोरित्सिया के महाधर्माध्यक्ष, ग्रादो और लेद्रो के महापौरों का हार्दिक स्वागत करता हूँ।”

क्रिसमस ट्री

वाटिकन में स्थापित 29 मीटर ऊंची क्रिसमस ट्री को लेकर पोप ने कहा, “पेड़ की भव्यता अद्भुत है। इसे जंगल के प्राकृतिक नवीनीकरण के पारिस्थितिकी सिद्धांतों के अनुसार काटा गया है, और इस पर कई वर्षों के निशान हैं, विशाल तने की कई परतें, पुराने तने जो युवा तनों को जीवन देते हैं, युवा तने जो पुराने तनों को ढँकते और उनकी रक्षा करते हैं, ये सभी एक साथ ऊपर की ओर बढ़ते हैं।” संत पापा ने कहा कि यह कलीसिया की एक सुन्दर छवि हो सकती है। लोगों के द्वारा ख्रीस्त का प्रकाश पूरी दुनिया में फैलता है और यह पीढ़ी दर पीढ़ी जारी है।

चरनी

चरनी ग्रैदो से मछुआरों के घरों में से एक को प्रस्तुत करता है जो मिट्टी और नरकट से बनाए गए थे और जहाँ छोटे लैगून द्वीपों के निवासी, मछली पकड़ने के कठिन काम के दौरान, रोजमर्रा की जिंदगी के सुख और दुःख साझा करते थे।

संत पापा ने कहा, “यह प्रतीक हमें क्रिसमस की याद दिलाता है, जिसमें ईश्वर हमारी गरीबी में पूर्ण रूप से सहभागी होने के लिए मनुष्य बन गये, तथा पृथ्वी पर अपने राज्य का निर्माण करने के लिए शक्तिशाली साधनों से नहीं, बल्कि अपनी कृपा से शुद्ध और सुदृढ़ किये गये मनुष्यों के दुर्बल साधनों से आये।”

कलीसिया येसु के पास पहुँचाती है

चरनी के बारे संत पापा ने दूसरी बात बतलायी कि “कसोनी” या घर पानी से घिरे होते हैं और वहाँ तक पहुँचने के लिए बटेला (नाव) की आवश्यकता होती है।

संत पापा ने कहा, उसी तरह “येसु तक पहुँचने के लिए हमें एक कलीसिया रूपी नाव की आवश्यकता है। इसे “अकेले” प्राप्त नहीं किया जा सकता, बल्कि एक साथ, समुदाय में, उस छोटी-बड़ी नाव पर किया जा सकता है जिसका मार्गदर्शन पेत्रुस करते हैं और जिस पर, थोड़ी जगह बनाने से, सभी के लिए जगह होती है।”

अलग अलग जगहों में निर्मित चरनी

अंततः बेतलेहेम की चरनी की याद करते हुए संत पापा ने कहा कि इसका निर्माण उस भूमि में हुआ है जहाँ ईश्वर के पुत्र का जन्म हुआ था। इस प्रकार अलग अलग जगहों में निर्मित चरनी अलग होते हैं लेकिन एक ही संदेश देते हैं। शांति और प्रेम का संदेश जिसको येसु ने हमारे लिए दिया है। जबकि संत पापा ने याद किया कि आज दुनिया में बहुत लोग युद्ध की त्रासदी से पीड़ित हैं। उनके लिए प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए संत पापा ने कहा, “आँखों में आँसू भरकर, आइए, हम शांति के लिए प्रार्थना करें। अब कोई युद्ध न हो, कोई हिंसा नहीं! पूरी दुनिया में और उन सभी लोगों के लिए शांति हो, जिनसे ईश्वर प्रेम करते हैं।” (लूक. 2:14)

संत पापा ने अंत में सभी प्रतिनिधियों को उनके बहुमूल्य दान के लिए धन्यवाद देते हुए उनके परिवारों एवं पड़ोसियों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

7 दिसम्बर याने आज की शाम 6.30 बजे संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में स्थापित चरनी एवं क्रिसमस ट्री का उद्घाटन एक समारोह के साथ किया जाएगा।

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07 December 2024, 12:54