पोप फ्राँसिस ने संतियागो दी कम्पोस्तेला,  तुई-विगो और मोंडोनेडो-फेरोल के मेजर अंतरधर्मप्रांतीय सेमिनरी के छात्रों से मुलाकात की। पोप फ्राँसिस ने संतियागो दी कम्पोस्तेला, तुई-विगो और मोंडोनेडो-फेरोल के मेजर अंतरधर्मप्रांतीय सेमिनरी के छात्रों से मुलाकात की।  (Vatican Media)

पोप : पुरोहिताई प्रशिक्षण मसीह की ओर एक तीर्थयात्रा है

पोप फ्राँसिस ने सेमिनारी छात्रों को आमंत्रित किया कि वे पुरोहिताई की ओर अपनी यात्रा को एक तीर्थयात्रा के रूप में देखें ताकि वे मसीह के हृदय के अधिक अनुरूप बन सकें।

वाटिकन न्यूज

पोप फ्राँसिस ने गुरुवार को संतियागो दी कम्पोस्तेला,  तुई-विगो और मोंडोनेडो-फेरोल के मेजर अंतरधर्मप्रांतीय सेमिनरी के छात्रों से मुलाकात की।

उन्होंने तीन उत्तर-पश्चिमी स्पेनिश धर्मप्रांतों में संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए सेमिनरी के सुपीरियर्स की प्रशंसा की और इस चुनौतीपूर्ण प्रयास में उनका उत्साहवर्धन किया।

वे महागिरजाघर के आस-पास के इलाकों से आते हैं, जहाँ प्रेरित संत जेम्स द ग्रेट को दफनाया गया है, जहाँ हर साल सैकड़ों हज़ारों तीर्थयात्री कमिनो दी संतियागो के साथ यात्रा करते हैं, जो चित्रित पीले तीरों द्वारा निर्देशित होते हैं, जिन्हें स्थानीय रूप से "लास फ्लेकस अमरिलास" के रूप में जाना जाता है।

पोप ने कहा, "कभी भी उन 'पीले तीरों' से न रुकें, जो संत जॉन बपतिस्ता की तरह, येसु की ओर इशारा करते हैं, और अपने शब्दों के साथ, लेकिन विशेष रूप से अपने जीवन के तरीके से सभी को बताएँ: 'देखिये ईश्वर के मेमने को।'"

उन्होंने कहा कि सभी तीर्थयात्री अपने साहसिक कार्य पर निकलते समय खुद से बाहर निकलने का आह्वान महसूस करते हैं।

उन्होंने कहा, "यही बात पुरोहिती प्रशिक्षण पर भी लागू होती है," उन्होंने आगे कहा कि लक्ष्य "ईश्वर के लोगों के चरवाहे बनना है, मसीह के हृदय के अनुसार गढ़े गए चरवाहे, विनम्र और दयालु।"

पोप फ्राँसिस ने स्पेनिश सेमिनारियों को याद दिलाया कि वे अपनी यात्रा में कभी अकेले नहीं होते हैं, क्योंकि मसीह हमेशा उनके प्रशिक्षकों और साथियों के माध्यम से उनके साथ होते हैं।

उन्होंने कहा, "प्रभु के लिए अपना दिल खोलने से मत डरो और उसे अपने साथ आने दो, ताकि वह तुम्हारे जीवन को आकार दे सके।" अंत में, पोप फ्राँसिस ने भावी पुरोहितों को उन लोगों के लिए प्रकाश बनने के लिए आमंत्रित किया, जो कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं या ईश्वर से दूर हो गए हैं। उन्होंने निष्कर्ष निकाला, "उन सभी के लिए सुसमाचार के आनंद के साक्षी बनें, प्रभु की कोमलता और सांत्वना प्रदान करें ताकि वह उनकी यात्रा के फफोलों को ठीक कर सके।"

 

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12 December 2024, 17:04