2024.08.24 भूमध्य सागर में मारे जोनियो 2024.08.24 भूमध्य सागर में मारे जोनियो  

मारे जोनियो ने भूमध्यसागर में 182 प्रवासियों को बचाया

इतालवी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक मानवीय खोज और बचाव मिशन ने 182 प्रवासियों को बचाया।

जोसेफ टुलोच द्वारा - भूमध्य सागर में मारे जोनियो से,

सोमवार, 16 अगस्त 2024 (वाटिकन न्यूज़) : शनिवार, 24 अगस्त की शाम और रविवार, 25 अगस्त की सुबह के बीच,  मानवीय जहाज मारे जोनियो ने भूमध्य सागर के खतरनाक समुद्री पार करने का प्रयास कर रहे 182 प्रवासियों के बचाया।

यह इतालवी नागरिक समाज संगठन, द्वारा किया गया यह अठारहवाँ ऐसा कार्य था, लेकिन भूमध्यसागरीय सेविंग ह्यूमन्स के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया जाने वाला इतालवी धर्माध्यक्षीय प्रवासी संगठन का पहला कार्य था।

बचाव

शनिवार को शाम 6 बजे, मारे जोनियो ने टूनीशियाई तट से लगभग 35 मील दूर अंतर्राष्ट्रीय जल में एक लकड़ी का नाव देखा। उन्होंने इतालवी तटरक्षक को इसकी स्थिति की सूचना दी और नाव पर सवार सभी लोगों को लाइफ़जैकेट वितरित किए, क्योंकि नाव अत्यधिक अस्थिर दिखाई दे रही थी। इतालवी तटरक्षक दल कुछ ही समय बाद वहाँ पहुँच गया और इसके कुल 67 लोगों को लम्पेदूसा में सुरक्षित पहुँचाया। सभी उत्तरी अफ़्रीकी मूल के हैं।

इस बीच, मारे जोनियो को पास में एक और नाव की सूचना मिली थी। रात होने पर भी, वे इसकी अंतिम ज्ञात स्थिति की ओर बढ़े, जहाँ लगभग 23:20 बजे एक अत्यधिक भीड़भाड़ वाली  रबर की नाव दिखाई दी। अपने सवारों को जहाज पर लाने के कुछ समय बाद, मारे जोनियो उन्हें इतालवी तटरक्षक दल को सौंपने में सक्षम हो गया। कुल 50 लोग थे, जिनमें से अधिकांश इथियोपियाई मूल के थे, जिनमें 43 नाबालिग और दो महिलाएँ शामिल थीं।

अंत में, रविवार की सुबह लगभग 6:30 बजे, और प्रवासी नावों की तलाश में दक्षिण की ओर नौकायन करते समय, मारे जोनियो एक तीसरे जहाज के सामने आ गया। इसने 26 सीरियाई, 30 बांग्लादेशी और 6 पाकिस्तानी लोगों को बचाया और इतालवी सरकार ने उन्हें सिसिली के पॉज़ालो बंदरगाह तक पहुँचाने का निर्देश दिया।

पीछे संघर्ष, आगे संघर्ष

तीसरी नाव के रहने वालों को मारे जोनियो पर लाए जाने के भावुक दृश्य थे। प्रवासियों ने स्वयंसेवकों को गले लगाया और बचाव के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। एक व्यक्ति ने कहा, "आप देवदूत हैं, जिन्हें भगवान ने हमारी मदद करने के लिए भेजा है।"

नाव पिछली शाम लीबिया से रवाना हुई थी। नाव पर सवार अधिकांश लोगों को किसी समय देश के क्रूर मिलिशिया द्वारा कैद किया गया था और कई लोगों के शरीर और आँखों में दुर्व्यवहार और यातना के निशान थे।

बचाए गए लोगों में से एक अपने मूल देश में न्यायाधीश था। एक अन्य - दमिश्क का एक अरबी शिक्षक - शेक्सपियर पर चर्चा करने के लिए बेताब था।

ये बातचीत, हालांकि बहुत ही मार्मिक थी, लेकिन दुःखभरी थी। एक बार बचाव का उत्साह खत्म हो जाने के बाद, प्रवासियों को नए जीवन के निर्माण के लिए एक विशाल संघर्ष का सामना करना पड़ेगा, एक ऐसे यूरोप के संदर्भ में जो उनकी उपस्थिति के प्रति तेजी से शत्रुतापूर्ण होता जा रहा है।

यह एक अनुस्मारक था कि, संयुक्त भूमध्यसागरीय-प्रवासी खोज और बचाव अभियान जितना महत्वपूर्ण था, यह एक शुरुआत से ज्यादा कुछ नहीं था।

एकजुटता के नेटवर्क बनाने का वास्तविक कार्य – संत पापा फ्राँसिस द्वारा देखे गए "भाईचारे और सामाजिक मित्रता" के समाज का निर्माण करना - जमीन पर ईमानदारी से शुरू होगा।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

26 August 2024, 16:31