कम्बोडिया: कोविड-19 को बावजूद लोगों के बीच कलीसिया
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
कम्बोडिया, बृहस्पतिवार, 23 अप्रैल 20 (वीएन)- नोम पेन्ह के प्रेरितिक विकर धर्माध्यक्ष ओलिवियेर स्कमीत्तायूस्लेर ने कहा, "कम्बोडिया के चावल के खेतों के बीच," कोरोनो वायरस संक्रमण को रोकने के लिए आपातकाल के बीच हमारा हदय बदल गया है और हमने अपने आपको मुस्कानों की माता मरियम को सौंप दिया है।"
कम्बोडिया में मंगलवार को कोरोना वायरस के 122 मामले दर्ज हुए थे किन्तु किसी की मौत नहीं हुई थी।
हालांकि, सरकार ने संक्रमण फैलने से रोकने हेतु कड़े कदम उठाये हैं। 7 मार्च से ही विभिन्न क्षेत्रों में बंद एवं रोक की स्थिति है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से धार्मिक सभाओं एवं सार्वजनिक क्रिया-कलापों पर बैन लगा दिया गया है और स्कूलों को अगले नोटिस तक के लिए बंद कर दिया गया है।
रचनात्मकता
धर्माध्यक्ष ने फिदेस न्यूज को बतलाया, "इस संदर्भ में काथलिक कलीसिया ने खुद को रचनात्मक और सक्रिय रूप से व्यवस्थित करने का प्रयास किया है। हमारे समुदायों में सभी प्रकार की सभाएँ – पवित्र मिस्सा, सामूहिक प्रार्थनाएँ, सभाएँ, सेमिनार आदि को स्थगित कर दिया गया है किन्तु नोम पेन्ह प्रेरितिक भिखारियेट अपनी प्रेरिताई को बहुत ही सक्रिय रूप से जारी रखने की कोशिश कर रहा है।"
धर्माध्यक्ष ने प्रेरितिक भिखारियेट के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों से 19 मार्च को "एक विशेष कोविड-19 कार्य दल" गठित किया।
काथलिक विश्वासी फेसबुक एवं यूट्यूब के माध्यम से रविवार के पवित्र मिस्सा बलिदान एवं दैनिक रोजरी माला प्रार्थना में भाग ले रहे हैं। भिखारियेट का सामाजिक संचार सेवा दिन के 24 घंटे उपलब्ध है जिससे कि विश्वासी अपने समुदाय से सम्पर्क कर सकें क्योंकि 4 से अधिक व्यक्ति एक साथ गिरजा नहीं आ सकते।
अपनी भेड़ों के बीच चरवाहे
प्रेरितिक विकर ने सभी पुरोहितों से कहा है कि वे भिखारियेट में संस्कारों का अनुष्ठान करने हेतु अपने समुदाय के करीब रहें, निश्चय ही, विश्वासियों की अनुपस्थिति में। उन्होंने कहा है कि उनकी उपस्थिति मूल्यवान है और गाँव के लोगों के प्रति उनका ठोस सामीप्य को दर्शाता है।
धर्माध्यक्ष ओलिवियेर खुद धर्माध्यक्षीय आवास में नहीं रह रहे हैं वे अस्थायी रूप से मुस्कानों की माता मरिया पल्ली में रह रहे हैं जो नोम पेन्ह से 90 किलोमीटर दूर है जहाँ 10 साल पहले वे पल्ली पुरोहित थे।
यह पल्ली प्रेरितिक भिखारियेट का सबसे बड़ा कम्बोडियाई समुदाय है और यह शिक्षा एवं विकास कार्यक्रमों का एक बड़ा केंद्र भी है।
धर्माध्यक्ष ने कहा, "मैंने पास्का त्रिदियुम मनाया जिसको चावल खेतों के बीच जो भी सुविधाएँ थीं उनके माध्यम से प्रसारित किया गया।"
शिक्षा
नोम पेन्ह के प्रेरितिक भिखारियेट के स्कूलों ने, प्राथमिक से उच्च विद्यालय तक ओनलाईन कोर्स की व्यवस्था की है। सेंट पॉल इंस्टीट्यूट छात्रों के लिए एक पूर्ण दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहा है। किंडरगार्डन के शिक्षकों के लिए ओनलाईन प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।
कोविड -19 के बीच काथलिक उदारता
धर्माध्यक्ष ने कहा कि काथलिक उदारता संगठन भी बहुत सक्रिय है, विशेषकर, स्वास्थ्य सेवा, काथलिक शिक्षा और सामाजिक सेवा विभाग के माध्यम से एवं कोविड -19 के बाद के समय की तैयारी कर रहा है।
उन्होंने कहा, "हम जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन, साबुन और मास्क बांट रहे हैं।" कोविड-19 कमजोर लोगों के लिए गहरा घाव छोड़ देगा। कई लोग बेरोजगार हो जायेंगे, कर्ज में डूब जायेंगे और धंधे बंद हो जायेंगे। पुनर्जीवित ख्रीस्त के नाम पर कलीसिया का सामाजिक सेवा विभाग और कारितास, जरूरतमंद लोगों की मदद कर सके।"
धर्माध्यक्ष ने कहा कि पास्का जागरण मिस्सा में 70 नये ख्रीस्तीय बपतिस्मा संस्कार ग्रहण करने वाले थे किन्तु कोरोना वायरस महामारी के कारण नहीं ले पाये। वे परीक्षा की घड़ी अपने विश्वास में सुदृढ़ बने रहें। धर्माध्यक्ष की आशा है कि वे पेंतेकोस्त रविवार के दिन संस्कार ग्रहण कर पायेंगे।
कम्बोडिया में कुल 16 मिलियन आबादी में काथलिकों की संख्या करीब 20,000 है। वहाँ बौद्ध धर्मावलम्बियों की संख्या 97 प्रतिशत है और काथलिकों की संख्या 0.13 प्रतिशत। वहाँ कोई धर्मप्रांत नहीं है बल्कि तीन कलीसियाई क्षेत्र हैं- नोम पेन्ह भिखारियेट, बटांम्बग का प्रेरितिक प्रेफेचर और कोमपोंग काम।
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