यूक्रेन के कीव शहर में बमबारी यूक्रेन के कीव शहर में बमबारी 

महामारी के उपरांत युद्ध ˸ मानवता के लिए एक खतरा

यूक्रेन में हमले शुरू हो चुके हैं। यूरोप में 21वीं सदी में युद्ध असंभव के समान लगता था। पतन का खतरा अकाल्पनिक लगता था। संत पापा ने प्रार्थना द्वारा हथियारों की शक्ति का विरोध करने की अपील की है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

यूक्रेन, बृहस्पतिवार, 24 फरवरी 22 (रेई) ˸ कुछ लोगों को विश्वास नहीं हो पा रहा है कि तीसरी सहस्राब्दी में यूरोप में युद्ध हो सकता है उन्हें असंभव लग रहा है किन्तु अब तक इससे कई लोगों की मौत हो चुकी है। निर्दोष और असहाय लोग इसके शिकार हो रहे हैं, जो सबके साथ शांति से जी रहे थे, चाहे उनके ध्वज अलग-अलग क्यों न हों। कमजोर लोगों की मृत्यु पर शक्तिशाली कोई परवाह नहीं करते। हेरोद की निंदा करने वाले अनेक हैं, फिर भी, निर्दोष लोगों की हत्या रूक नहीं रही है। महामारी की मार झेलने के बाद, संघर्ष से विलाप करने का समय आ गया, जिसको हम जान भी नहीं पाये कि कैसे शुरू हुआ।  

कुछ लोगों ने तृतीया विश्व युद्ध के खतरे का जिक्र किया है। हम अब भी इसकी असंभवना पर विश्वास कर रहे हैं। हम सोचते रहे कि मानव इस पागलपन में फिर नहीं पड़ सकता, क्योंकि युद्ध पागलपन है, इसका कोई औचित्य नहीं। यह शैतानी है, शैतान जीवन को नष्ट करना चाहता है, वह दुनिया को तबाह करना चाहता है। आज अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए उसके पास पर्याप्त घातक हथियार हैं। इसलिए हम विश्व शांति को हल्के में न लें।  

 

संत पापा फ्राँसिस ने बड़े दुःख एवं चिंता से, शांति के लिए प्रार्थना एवं उपवास का आह्वान किया है। शक्ति के हथियार के खिलाफ प्रार्थना के हथियार की दुर्बलता। कौन विश्वास कर सकता है? तोपों की ताकत के खिलाफ उपवास की हल्की तपस्या का विरोध कौन करेगा? प्रार्थना हमें पिता के पास एक साथ लाता है एवं एक-दूसरे को भाई और बहन बनाता है; जबकि उपवास हमसे कुछ लेकर उसे दूसरों के साथ बांटने के लिए प्रेरित करता है, चाहे वह हमारा शत्रु ही क्यों न हो।

प्रार्थना एक सच्ची क्रांति है जो दुनिया बदल सकती है क्योंकि यह हृदय बदल देती है। हमारे पास युद्ध के खिलाफ कम संसाधन हैं किन्तु शैतान बिना किसी जिम्मेदारी के उन्हें घृणा, छल और क्रोध में बदल देता है। येसु कहते हैं कि इस तरह के अपदूतों को प्रार्थना और उपवास के बिना निकाला नहीं जा सकता।   

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

24 February 2022, 15:45