खार्किव-ज़ापोरिज़िया  धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष पावलो होन्चारुक खार्किव-ज़ापोरिज़िया धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष पावलो होन्चारुक 

खार्किव के धर्माध्यक्ष: युद्ध बुराई है, लेकिन विश्वास हमें दिलासा देता है

यूक्रेन का एक सबसे बड़ा धर्मप्रांत खार्किव संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में से एक है और बड़े पैमाने पर रूसी सैनिकों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। धर्माध्यक्ष पावलो होन्चारुक, जिन्होंने एक सैन्य चैपलिन के रूप में सेवा की है और युद्ध के कारण होने वाली पीड़ा से परिचित हैं, वे बताते हैं कि कैसे लोगों को भौतिक जरुरतों की पूर्ति साथ –साथ आध्यात्मिक संबल की जरुरत है। "कभी-कभी केवल गले लगाना मात्र उन्हें एहसास कराता है कि प्रभु निकट है।"

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

खार्किव, बुधवार 08 जून 2022 (वाटिकन न्यूज) : "मेरा धर्मप्रांत बहुत बड़ा है, यह 196,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है, जो पहले से ही रूसी सैनिकों के कब्जे में है," खार्किव-ज़ापोरिज़िया के लैटिन रीति के धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष पावलो होन्चारुक ने कहा। इस क्षेत्र में यूक्रेन के पच्चीस क्षेत्रों में से सात शामिल हैं। धर्मप्रांतीय कूरिया खार्किव में है और उप-महागिरजाघर ज़ापोरिज़िया में है, जहां सहायक धर्माध्यक्ष जान सोबिलो रहते हैं, दो प्रमुख शहरों में संघर्ष जो 100 दिन पहले शुरू होने के बाद से जारी है।

 धर्माध्यक्ष बताते हैं कि उनके पुरोहित कब्जे वाले क्षेत्रों में नहीं हैं और उन क्षेत्रों में जो रुस के कब्जे में नहीं हैं, पुरोहितों का सबसे महत्वपूर्ण मिशन लोगों के साथ होना,  दूर दराज क्षेत्रों में उन तक पहुंचना और उनके साथ प्रार्थना करना है। वे कलीसिया से यही अपेक्षा करते हैं।

मानवीय स्थिति और आउटरीच

धर्माध्यक्ष होन्चारुक बताते हैं, कि जिन क्षेत्रों में लड़ाई हो रही है, वहां मानवीय स्थिति बहुत दुखद है क्योंकि वहां जाना और भोजन या दवा लाना बहुत खतरनाक है। आपकी जान जोखिम में डालकर बहुत कम लोग वहां पहुंचने का प्रबंधन करते हैं। फ्रंट लाइन से थोड़ा आगे, 10-20 किमी दूर, लोगों की स्थिति थोड़ी बेहतर है, जैसे खार्किव में, जहां कई लोग हाल ही में लौटे हैं। "शहर में पहले से ही बहुत से लोग हैं, लेकिन समस्या यह है कि कई लोग अपने घर खो दिए हैं। बहुतों के पास काम नहीं है। कुछ व्यवसाय पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं, यहां तक कि बाजार भी, जहां निवासी काम करते थे, वे या तो जल गए या क्षतिग्रस्त हो गए। बहुत से लोगों के पास तो रोटी खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं और उन्हें कपड़े, जूते, भोजन, दवा और आश्रय की आवश्यकता है। उन्हें भी मदद और समर्थन की जरूरत है।

विभिन्न मानवीय संगठन और कलीसिया के उदार संगठन इन लोगों की सहायता कर रहे हैं। खार्किव-ज़ापोरिज़िया धर्मप्रांत पोलैंड से आने वाली सहायता और पश्चिमी यूक्रेन के पल्लियों को सहायता देने के लिए धन्यवाद करता है। धर्मप्रांतीय कारितास के माध्यम से भोजन, दवा और बहुत कुछ वितरित किया जाता है। कई स्वयंसेवक मदद करने और पड़ोसी गांवों में भी जरूरतमंद लोगों को आपूर्ति पहुंचाते हैं। स्थानीय पुलिस भी कारितास के साथ सहायता वितरित करती है और इसे सीधे उन लोगों के घरों तक पहुंचाती है जिनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है।

युद्ध से निपटने में परिचित

44 वर्षीय धर्माध्यक्ष पावलो होन्चारुक दुनिया के सबसे कम उम्र के काथलिक धर्माध्यक्षों में से हैं। उन्हें जनवरी 2020 में खार्किव-ज़ापोरिज़िया का धर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके धर्माध्य़क्ष बनने के दो साल बाद, यूक्रेन में युद्ध शुरू हुआ। धर्माध्यक्ष बनने से पहले उन्होंने एक सैन्य चैपलिन के रूप में अपनी प्रेरितिक सेवा दी थी। "वह अनुभव निश्चित रूप से उन्हें मदद करता है। धर्माध्यक्ष कहते हैं, "क्योंकि जब लड़ाई शुरू हुई, विस्फोट और गोली बारी मुझे ज्यादा झटका नहीं दे पाये। मैं अपने कर्तव्यों को सामान्य रूप से कर सकता था, निर्णय ले सकता था और लोगों की सेवा कर सकता था, इसलिए मुझे नई स्थिति के अनुकूल होने की प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं थी, जहां खतरे हैं, विस्फोट हैं, और जहां मृत्यु बहुत करीब है। यह सब मैंने पहले एक पुरोहित के रूप में अनुभव किया था।"

इसी अनुभव ने धर्माध्यक्ष को खार्किव क्षेत्र में मौजूद सेना के साथ संवाद करने का तरीका भी सिखाया। "यहां बहुत सारे लोग हैं जो तनाव में हैं," उन्होंने जारी रखा, "और एक चैपलिन के रूप में मैंने सीखा कि उनकी मदद कैसे करें: किस बात पर ध्यान देना है, क्या कहना है, कब बात करनी है और कब बस उन्हें गले लगाना है .. .. मैंने सीखा कि मुझे क्या करना है और सबसे महत्वपूर्ण बात, क्या नहीं करना है, क्योंकि आप गलत काम न करके बहुत मदद कर सकते हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि यह ईश्वर की कृपा हा कि उन्होंने मुझे इसके लिए पहले से तैयार किया था।"

मुश्किल सवालों का सामना

बड़ी पीड़ा और दुख को देखते हुए युद्ध में कई सवाल उठते हैं, कई ईश्वर को संबोधित भी करते हैं। धर्माध्यक्ष होन्चारुक कहते हैं,"लोगों से बात करने के अपने अनुभव से मैं कह सकता हूं कि जब कोई व्यक्ति ईश्वर में दृढ़ता से विश्वास करता है और उसके साथ संबंध बनाये रखता है, तो 'क्यों? किसका दोष है? क्या हम इतने बड़े पापी हैं? क्या अन्य पापी भी हैं ... ईश्वर कहाँ हैं? जो विश्वास रखते हैं वे समझते हैं कि इसका कारण कहाँ है: यह पाप है और पाप के माध्यम से मनुष्य अंधकार की शक्ति को प्राप्त करने की अनुमति देता है। जब हम बुराई करते हैं, तो हम शैतान को अनुमति देते हैं, आओ और हमारी जान ले लो। ईश्वर में विश्वास एक ठोस आधार प्रदान करता है जो हमें अन्याय के भारी बोझ को सहन करने और न केवल युद्ध के दौरान, बल्कि सामान्य जीवन में जीवित रहने में मदद करता है। और हम यहां पुरोहितों के साथ ईश्वर में हमारे विश्वास, और उनकी उपस्थिति को महसूस कर सकते हैं, जहां यह बहुत जरूरी है, यह हमें किसी भी संकट का सामना करने की ताकत देता है। हम सब कुछ नहीं समझा सकते हैं और यहां तक कि स्पष्टीकरण भी बोझ को कम नहीं करेगा। लेकिन जब ईशअवर मेरे दिल को ताकत देते हैं, तो यह बोझ वहन किया जा सकता है।"

धर्माध्यक्ष होंचारुक का कहना है कि कभी-कभी लोग अभी भी उनके पास उन सवालों को लेकर आते हैं। इन मामलों में, वे उनकी बातों को धीरज के साथ सुनते हैं। किसी ने शायद अपने प्रियजन को खो दिया है, किसी ने भयानक चीजें देखी या अनुभव की हैं... "कभी-कभी आपको बस इस व्यक्ति को गले लगाना पड़ता है, उन्हें रोने देना चाहिए, उन्हें दुःख से बाहर निकलने देना चाहिए।" धर्माध्यक्ष ने आगे कहा, "और मैं उससे कहता हूं: 'ईशअवर तुम्हारे बगल में है, अब तुम उसकी ओर मुड़ सकते हो, वह तुम्हें गले लगाएगा, वह तुम्हें शक्ति देगा ...' और यहां आमतौर पर एक चमत्कार होता है: व्यक्ति रोना शुरू कर देता है और फिर कुछ देर बाद कहता हैं, 'धन्यवाद, मैं बेहतर महसूस कर रहा हूं।' इसलिए इन स्थितियों में धार्मिक व्याख्याओं आदि की तलाश करना मुश्किल है, क्योंकि दर्द बहुत बड़ा है। लेकिन ईश्वर हमारे बहुत करीब हैं और हमें गले लगाते हैं, आपको बस ईश्वर की इस उपस्थिति को महसूस करना और पहचानना है।"

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08 June 2022, 16:25