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दक्षिण सूडान में संत पापा फ्राँसिस अपने  येसु समाजी भाईयों के साथ दक्षिण सूडान में संत पापा फ्राँसिस अपने येसु समाजी भाईयों के साथ 

संत पापा : युद्ध को रोका न गया तो दुनिया रसातल की ओर अग्रसर है

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और दक्षिण सूडान में अपनी हालिया प्रेरितिक यात्रा के दौरान अपने जेसुइट भाईयों के साथ बैठकों में, संत पापा फ्राँसिस ने युद्ध के बारे में अपनी चिंताओं को साझा किया, क्षेत्र में पर्यावरण की रक्षा, धर्मसभा और कई अन्य मुद्दों पर बात की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुनिवार 18 फरवरी 2023 (वाटिकन न्यूज) : युद्ध, हिंसा की क्रूरता, प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा, कलीसिया को पीड़ित करने वाली बुराइयाँ, अफ्रीका के लिए सपना: ये कुछ ऐसे विषय हैं जिन्हें संत पापा फ्राँसिस ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और दक्षिण सूडान में अपने जेसुइट भाईयों के साथ हुई बैठकों में संबोधित किया था। उनकी प्रेरितिक यात्रा के एजेंडे पर अपने जेसुइट भाईयों के साथ बैठकें नियमित बन गई हैं।

पूरी दुनिया युद्ध में है, क्या लोग रोकने की हिम्मत करेंगे?

2 फरवरी को प्रोविंशियल फादर रिगोबर्ट क्यूंगु के नेतृत्व में डीआरसी में काम करने वाले 82 जेसुइटों ने किंशासा के प्रेरितिक राजदूतावास में संत पापा से मुलाकात की। उनमें इनोंगो के जेसुइट धर्माध्यक्ष डोनाट बाफुइडिनसोनी भी थे।

बातचीत के दौरान, संत पापा ने येसु समाज की "सार्वभौमिक प्रेरितिक प्राथमिकताओं" में से एक सुलह और न्याय के मिशन के मुद्दे को संबोधित किया। संत पापा ने कहा, "यह स्पष्ट है कि संघर्ष और गुटबाजी के मुद्दे डीआरसी में मजबूत हैं। लेकिन आइए दुनिया के लिए अपनी आंखें खोलें: पूरी दुनिया युद्ध में है! उन्होंने सीरिया, यमन, म्यांमार, लैटिन अमेरिका और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों को याद किया और पूछा, "क्या मानवता के पास साहस, ताकत या यहां तक कि पीछे मुड़ने का अवसर होगा? यह रसातल की ओर आगे, आगे, आगे बढ़ता जा रहा है। संत पापा ने कहा कि उनके पास इस प्रश्न का उत्तर नहीं है, पर उन्होंने स्वीकार किया, "मैं थोड़ा निराशावादी हूँ।"

मुख्य समस्या: हथियारों का उत्पादन

संत पापा ने कहा, "आज वास्तव में ऐसा लगता है कि मुख्य समस्या हथियारों का उत्पादन है," लोग हथियारों का निर्माण जारी रखे हैं जबकि "दुनिया में अभी भी इतनी भूख है।" उन्होंने कहा, “इस आपदा से बाहर निकलना मुश्किल है और हम परमाणु हथियारों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं!"

संत पापा ने आगे कहा, "मैं अभी भी अनुनय के काम में विश्वास करता हूँ, "हम ख्रीस्तियों को बहुत प्रार्थना करनी है: 'प्रभु, हम पर दया कर!"

संत पापा फ्राँसिस ने हिंसा और अकल्पनीय क्रूरता के पीड़ितों द्वारा सुनाई गई कहानियों को भी याद किया और दक्षिण सूडान के जेसुइटों को अपनी टिप्पणी में मूर्तिपूजा संबंधी आधुनिक रूपों की निंदा करते हुए कहा, "आज हमारी युद्ध की मूर्तिपूजक संस्कृति भी है, जहाँ मायने रखता है कि आपके पास बहुत से हथियार हैं।" "वे सभी मूर्तिपूजा के रूप हैं।"

कांगो बियोम को बचाने की प्रतिबद्धता

संत पापा फ्राँसिस ने पर्यावरण और उनके सभी आर्थिक नतीजों के के मुद्दों, पर भी विचार किया, कांगो नदी बेसिन के संबंध में, जो  अमेज़ॅन के बाद पृथ्वी का "दूसरा हरित फेफड़ा" है, जिसे वनों की कटाई, प्रदूषण और अवैध शोषण से खतरा है।

इस क्षेत्र पर सिनॉड की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, जैसा कि अमाजोन के लिए आयोजित किया गया था, संत पापा ने कहा कि सिनॉड नहीं होगा, क्योंकि अमेज़ोनिया पर धर्मसभा "अनुकरणीय" थी। उन्होंने कहा कि धर्मसभा के चार "सपनों" को कांगो के किनारों पर लागू किया जा सकता है।

"ग्रहों का संतुलन अमेज़न और कांगो बियोम के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है।"

उन्होंने कहा, "धर्माध्यीय सम्मेलन के लिए यह अच्छा होगा कि वह समान मानदंड के साथ स्थानीय स्तर पर सम्लनों में शामिल हो, लेकिन देश की वास्तविकता से संबंधित एक प्रवचन को आगे बढ़ाने के लिए।"

कलीसिया आध्यात्मिकता के लिए एक बहुराष्ट्रीय कंपनी नहीं है

अपनी यात्रा के दौरान धर्मविधि के बारे में बात करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने ज़ायरीन धर्मविधि  के उपयोग की प्रशंसा व्यक्त की। रोमन संस्कार का स्वीकृत, अनुसंस्कृत संस्करण डीआरसी के कुछ हिस्सों में इस्तेमाल किए जाते हैं। संत पापा ने इसे "कला का एक काम, एक साहित्यिक और काव्यात्मक कृति" कहा। यह एक अनुकूलन के रूप में नहीं, बल्कि एक काव्यात्मक, रचनात्मक वास्तविकता है।

एक बार फिर एक क्षेत्र अस्पताल के रूप में कलीसिया की छवि को ध्यान में रखते हुए,संत पापा ने "अधिनायकवाद" को "कलीसिया में सबसे बदसूरत चीजों में से एक के रूप में निरूपित किया... जो तब दुनियादारी और भ्रष्टाचार से घायल समाज का दर्पण बन जाता है।"

उन्होंने जोर देकर कहा, "कलीसिया एक बहुराष्ट्रीय आध्यात्मिकता निगम नहीं है।" संत पापा ने उन्हें "संतों से सीखने को प्रेरित किया। वे उन घावों का ख्याल रखे जो दुनिया अनुभव करती है! लोगों की सेवा करे! उन्होंने "येसु समाजियों के संस्थापक, लोयोला के संत इग्नासियुस का जिक्र करते हुए कहा कि 'सेवा' शब्द इग्नासियुस का है।"

इग्नासियुस का आदर्श वाक्य 'हर चीज में प्यार और सेवा' है। मुझे सेवा करने वाली कलीसिया चाहिए।

निचेया की परिषद की वर्षगांठ की तैयारी

संत पापा फ्राँसिस से निचेया की पहली परिषद की 1,700वीं वर्षगांठ की तैयारियों के बारे में भी पूछा गया था, जो 2025 में होगी। जवाब में, उन्होंने कहा कि इस अवसर को मनाने के लिए कांस्टांटिनोपल के प्राधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोम के साथ मिलकर तैयारी की जा रही है। उन्होंने "भाइयों के रूप में," और ईस्टर की तारीख पर एक समझौते के लिए अपनी आशाओं को दोहराया।

इस्तीफा देने की संभावना पर एक सवाल का जवाब देते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि परमाध्यक्ष के लिए इस्तीफा देना सामान्य हो जाना चाहिए। "संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें में इसे करने का साहस था" क्योंकि उन्हें लगा कि वह अपने स्वास्थ्य के कारण कार्य जारी नहीं रख सकते। संत पापा ने कहा, "फिलहाल मेरे एजेंडे में वह नहीं है, मैं मानता हूँ कि परमाध्यक्ष का कार्यकाल जीवन भर के लिए है। मुझे कोई कारण नजर नहीं आता कि ऐसा क्यों नहीं होना चाहिए।”

संत पापा ने कहा कि यह येसुसमाज के सुपीरियर जनरल की भूमिका के लिए भी सही है, "इस पर, मैं 'रूढ़िवादी' हूँ।"

अफ्रीका को ईमानदार राजनीतिक नेताओं की जरूरत है

संत पापा फ्राँसिस ने दक्षिण सूडान के जुबा में 4 फरवरी को जेसुइटों के साथ मुलाकात की। बैठक में पूर्वी अफ्रीकी प्रांत के सुपीरियर फादर किज़ितो कियिम्बा के साथदेश में काम कर रहे ग्यारह जेसुइट थे। पूर्वी अफ्रीकी प्रांत में सूडान, दक्षिण सूडान इथियोपिया, युगांडा, केन्या और तंजानिया शामिल हैं।

संत पापा ने अपने सपने को साझा किया कि "अफ्रीका का विकास होना चाहिए" और इसका शोषण नहीं होना चाहिए, एक विषय जिसे उन्होंने नवंबर में अफ्रीकी छात्रों के साथ एक ऑनलाइन बैठक के दौरान उठाया था। जेसुइटों के साथ अपनी बातचीत के दौरान उस मुलाकात को याद करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "मैं इन युवा महिलाओं और पुरुषों की बुद्धिमत्ता से प्रभावित था। मुझे उनके सोचने का तरीका बहुत पसंद आया।"

“राजनीतिक भ्रष्टाचार देश के विकास के लिए कोई जगह नहीं छोड़ता; यह इसे नष्ट कर देता है।

फादर पेद्रो अरुपे का संत प्रकरण

संत पापा को येसु समाजियों के पूर्व सुपीरियर जनरल फादर पेद्रो अरुपे के संत प्रकरण के बारे में बोलने का अवसर भी दिया गया था। संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "उनके संत प्रकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, क्योंकि एक चरण पहले ही पूरा हो चुका है।"

उन्होंने आगे बताया कि इस समय सबसे बड़ी बाधा अरुपे के व्यापक लेखन के साथ है। संत पापा ने कहा, "उन्होंने बहुत कुछ लिखा है उसे पढ़ना है और यह प्रक्रिया को धीमा कर देता है।"

अपने आध्यात्मिक जीवन के बारे में पूछे जाने पर संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "स्पष्ट रूप से, मैं प्रतिदिन पवित्र मिस्सा करता हूँ, कलीसिया द्वारा निर्धारित दैनिक प्रार्थना, मनन ध्यान और व्यक्तिगत प्रार्थना करता हूँ।" उन्होंने कहा कि वे रोज़री प्रार्थना का पाठ करते हैं और कभी-कभी सुसमाचार पर मनन करते हुए प्रार्थना करते हैं।

"व्यक्तिगत प्रार्थना के लिए, मुझे, हर किसी की तरह, दिन-ब-दिन जीने का सबसे अच्छा तरीका खोजना होगा।" उन्होंने कहा, "मैं उन प्रार्थना प्रचारकों से डरता हूँ जो अमूर्त, सैद्धांतिक प्रार्थना करते हैं, जो बोलते हैं, और बोलते हैं, और बोलते हैं, लेकिन खाली शब्दों के साथ।" इसके बजाय, संत पापा फ्राँसिस ने जोर देकर कहा कि "प्रार्थना हमेशा सन्निहित होती है, हर किसी को वास्तविकता से जुड़े रहकर हुए प्रार्थना करनी चाहिए।"

वाटिकन न्यूज के स्टाफ लेखकों ने इस रिपोर्ट में योगदान दिया। कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और दक्षिण सूडान में जेसुइटों के साथ संत पापा फ्राँसिस की वार्ता का पूरा लेख ‘सिविल्ता कत्तोलिका’ की वेबसाइट पर पाया जा सकता है।

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18 February 2023, 17:21