काथलिक कलीसिया पर सैंडिनिस्टों की कार्रवाई जारी
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
राष्ट्रपति दानियल ओर्तेगा के अधिनायकवादी शासन ने संयुक्त राष्ट्र, कलीसियाओं और दुनियाभर के मानवाधिकार संगठनों के विरोध के बावजूद, निकारागुआ में काथलिक कलीसिया के खिलाफ अपनी कार्रवाई और हमलों को जारी रखा है।
दो अन्य धर्मबहनें एवं एक पुरोहित निष्कासित
मार्च में, निकारागुआ में वाटिकन राजदूतावास और रोम में निकारागुआ के राजदूतावास को बंद करने के बाद, अब सरकार ने दो अन्य धर्मबहनों एवं एक पनामा के क्लारेशियन मिशनरी को भी निष्कासित किया।
निकारागुआ की सरकार एवं कलीसिया के बीच तनाव 2018 से ही जारी है, जब निकारागुआ के अधिकारियों ने शासन-विरोधी विरोध प्रदर्शनों की लहर को क्रूरता से दबा दिया गया था, जो 2021 के विवादास्पद चुनावों के बाद और भी बदतर हो गया, जिसमें ओर्टेगा फिर राष्ट्रपति चुने गये। सैंडिनिस्टा नेता ने बार-बार धर्माध्यक्षों पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है।
धर्माध्यक्ष रोलांडो अल्वारेज को जेल की सजा
संकट शुरू होने के बाद से ही कलीसिया को, जिसे मध्यस्थता से प्रतिबंधित कर दिया गया है, उसपर कई हमले हुए हैं और उसे अपमान किया गया है, साथ ही साथ उत्पीड़न, धमकी दी गई है और यहां तक कि धर्माध्यक्ष, पुरोहितों और धर्मसमाजियों को निष्कासित भी किया गया है।
2019 में मनागुआ के सहायक धर्माध्यक्ष सिल्वियो जोस बेज़ को निर्वासन के लिए मजबूर किया गया था और मार्च 2022 में, निकारागुआ के प्रेरितिक राजदूत, महाधर्माध्यक्ष वाल्डेमार स्टैनिस्लाव को "अवांछित व्यक्ति" के रूप में निष्कासित किया गया।
निकारागुआ में कलीसिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर यूरोपीय धर्माध्यक्ष विरोध में शामिल हुए
फरवरी में फिर से तनाव बढ़ा, जब माटागल्पा के धर्माध्यक्ष रोलांडो अल्वारेज़ को राजद्रोह, राष्ट्रीय अखंडता को कम करने और झूठी खबरें फैलाने का आरोप लगातार उनकी नागरिकता छीन ली गई, और जब उन्होंने अन्य 222 हिरासत में लिए गए विरोधियों के साथ अमेरिका में निष्कासित होने से इनकार किया तब उन्हें 26 साल के लिए कारावास की सजा सुनाई गई।
पिछले सप्ताह, राष्ट्रीय शांति दिवस के अवसर पर एक टेलीविजन सम्बोधन में, ओर्तेगा ने फिर से निकारागुआ के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन और वाटिकन पर “राक्षस” और “अपराधी” होने का हिंसक आरोप लगाया, एवं अप्रैल 2018 के प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया।
धर्माध्यक्ष अल्वारेज के लिए पोप की प्रार्थना
ओर्तेगा ने कहा, “वहाँ हमने काईन के उसी वंशज को पाया, जो अपने भाइयों के खिलाफ साजिश रचते, जो यांकी और यूरोपीय साम्राज्यों के सम्राटों की सेवा करते” और यहां तक कि उन्होंने कलीसिया के धर्मगुरूओं पर भी आरोप लगाया कि काथलिक पुरोहित खीस्त के साथ हेरफेर करते हैं।”
हाल ही में उन्होंने गिरजाघर से बाहर पास्का समारोह मनाये जाने पर प्रतिबंध लगाया, और कहा कि यह उपाय उनके खिलाफ एक कथित विद्रोह को रोकने के लिए तय किया गया है।
निकारागुआ की कलीसिया के प्रति अमरीका के धर्माध्यक्षों की एकात्मकता
निकारागुआ में चल रही काथलिक विरोधी कार्रवाई संयुक्त राज्य अमेरिका के धर्माध्यक्षों के लिए भी एक बड़ी चिंता का विषय है।
पिछले सप्ताह एक बयान में अमरीकी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के न्याय एवं शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष बिशप डेविड जे. मलोय ने कहा कि वे निकारागुआ की कलीसिया के साथ "अटूट एकजुटता" में हैं।
उन्होंने कहा है कि "इन सभी कठिनाइयों के बावजूद, निकारागुआ के विश्वासियों ने, अपने धर्माध्यक्षों और पुरोहितों के साथ मिलकर, ख्रीस्त के पुनरुत्थान की शक्ति की गवाही दी है।"
बयान में अमरीकी सरकार और पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से "अल्वारेज़ की रिहाई के लिए काम करना जारी रखने और देश में शांति और कानून के शासन की बहाली के लिए" आह्वान किया गया है।
अप्रैल में 39 लोगों को गिरफ्तार कर मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया
गैर-सरकारी संगठन मोनितोर्यो अजुल वाई ब्लांको द्वारा 21 अप्रैल को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में निकारागुआ में पुलिस ने 39 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से अधिकांश राजनीतिक विरोधी और काथलिक पल्लीवासी होने के कारण उन्हें मनमाने ढंग से हिरासत में रखा गया है। रिपोर्ट में पनामा के पुरोहित दोनासियानो अलारकोन के निष्कासन की भी पुष्टि दी गई है जिन्हें पुलिस ने बिशप अल्वारेज के हित में बोलने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
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