एक मिशन जो पेरू अमाज़ोन की नदियों के साथ बहता है
मेरा नाम सिस्टर फातिमा ले मार्टिनेज है, मैं क्रूसित येसु की प्रचारिका धर्मबहनों के धर्मसमाज की सदस्य हूँ और मैं पेरू के अमाज़ोन में हमारे मिशन को आपके साथ साझा करना चाहती हूं, जो 2017 में शुरू हुआ। दुनिया के इस छोटे से कोने में, जिसे मैं "ईश्वर का उपहार" कहती हूँ", चीजें उस तरह से काम नहीं करती हैं जैसे हम चाहते हैं और इसलिए लोगों की जरूरतों का जवाब देने, उन्हें जानने और प्यार करने में हमारी ओर से बहुत रचनात्मकता और समय लगता है।
हम इक्विटोस में रहते हैं, पेरू अमाज़ोन का सबसे बड़ा शहर, प्रकृति और बड़ी नदियों से घिरा हुआ है। हालाँकि, पीने का पानी यहाँ केवल पाँच घंटे ही उपलब्ध है, बिजली भी अस्थिर है और इंटरनेट की पहुँच धीमी है। लोग दूर-दराज के गांवों से यहां आते हैं और बहुत ही अनिश्चित परिस्थितियों में नदी के किनारे बस जाते हैं, जो भी काम मिलता है उसे करते हैं, परंतु हमेशा उन्हें अच्छी मजदूरी नहीं मिलती है, लेकिन यह उनकी खुशमिजाज और परिचितता को नहीं छीन सकता। मुझे वास्तव में बच्चों को गंदी सड़कों पर खेलते और नंगे पाँव छींटे मारते देखना अच्छा लगता है।
अमाज़ोन में यात्रा करने का सबसे आम तरीका नदी पर नौका है। केवल एक सड़क है जो इक्विटोस को नौटा शहर से जोड़ती है, जो एक सौ किलोमीटर दूर है; अन्य यात्रा मोटरबोट, नौका या तथाकथित "बोंगुएरोस" के साथ होते हैं और कई दिनों तक चल सकते हैं। दरअसल, यहां दूरियां किलोमीटर की तुलना में समय से अधिक मापी जाती हैं। लीमा मोटरबोट से आठ दिनों की दूरी पर है, जबकि मोटरबोट से ब्राजील या कोलंबिया की सीमा तक पहुंचने में केवल एक दिन लगता है।
हमारे विकारीएट में सुसमाचार प्रचार
पेरु अमाजोन एक मिशन भूमि है जो संत पापा पर निर्भर है और इसलिए इसके क्षेत्र को धर्मसंधों को सौंपे गए विभिन्न भिखारिएट में संगठित किया गया है। लेकिन इस क्षेत्र की विशालता के अनुपात में मिशनरी बहुत कम हैं। उदाहरण के लिए, हमारे भिखारिएट इक्विटोस में केवल 33 पुरोहित हैं और इस कारण अनुप्राणदातागण और हम धर्मबहनें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
अमाज़ोन के अन्य भिखारिएटों के विपरीत, यहाँ के अधिकांश पल्ली इक्विटोस में हैं, एक शहर जिसमें लगभग आधा मिलियन निवासी हैं। लेकिन पल्ली का काम दूर के गाँव समुदायों तक भी पहुँचता है, जो नदियों के किनारे और उन जगहों पर पाए जाते हैं जहाँ भूगोलिक जटिलता और परिवहन की उच्च लागत दोनों के कारण पहुँचना मुश्किल है। जब नदियों पर पानी का स्तर गिर जाता है तो कुछ क्षेत्रों तक पहुंचना असंभव हो जाता है, या कम से कम ऐसा करने के लिए आपको जंगल की मिट्टी में चलना पड़ता है और खुद को कीड़ों और अन्य जानवरों से बचाना पड़ता है।
हमारा मिशन एक "कुंवारी भूमि"
इस संदर्भ में, हमारा काम लोगों के बीच सुसमाचार प्रचार करना और उनका साथ देना है, खासकर उन लोगों को जो दूर-दराज के गांवों से अपने साथ सपने लेकर आते हैं, खासकर अपने बच्चों के लिए। मुझे वो पहली मुलाकात याद है जो कुछ बच्चों के बपतिस्मा संस्कार के लिए एक बैठक के दौरान हुई थी। यह मेरे लिए बड़े आश्चर्य की बात थी कि उनके माता-पिता में से कुछ ही लोगों ने बपतिस्मा लिया था। मैंने इसे एक चुनौती के रूप में अनुभव किया और मुझे उस धर्मशिक्षा को बदलना पड़ा जिसे मैंने तैयार किया था। इसलिए मैंने धीरे-धीरे महसूस किया कि यह क्षेत्र प्रचार के लिए एक "कुंवारी भूमि" है, यह देखते हुए कि कई लोगों ने कभी बाइबल नहीं उठाया है और न ही पवित्र शास्त्र से एक अंश सुना है।
एक समुदाय के रूप में अपने करिश्मे को जीते हुए, इन छह वर्षों में हमने विभिन्न पल्लियों में धर्मशिक्षा और प्रशिक्षण सेवाओं में सहयोग किया है, साथ ही पोंटिफिकल मिशन सोसाइटी के प्रभारी भी हैं। इसके लिए हमें शहर से उपनगरों तक जाना पड़ता है और इस प्रकार नौका द्वारा नदी के किनारे बसे समुदायों तक पहुंचते हैं। वहाँ भी हमें आज के क्रूसों से मिलने और उनकी सेवा करने का अवसर मिलता है।
क्रूसित येसु के साथ मुलाकात
बुधवार को हम बीमारों के लिए पवित्र परमप्रसाद लाते हैं, हम उनके साथ समय बिताते हैं और हम उनकी बातें सुनते हैं। मुझे याद है कि एक बार, घृणा के बावजूद मैंने घावों से ढके हुए व्यक्ति की सहायता की। मैंने मानवीय रूप से क्रूसित मसीह को महसूस किया था। कोविड महामारी के दौरान मैंने उनके साथ दुख सहा और इतने सारे लोगों को मरते देख बेबसी से रोया, क्योंकि इक्विटोस में पहली लहर विनाशकारी थी।
इतने सारे क्रूसों के साथ यह मुलाकात हमें उन लोगों को आवाज देने के लिए भी प्रतिबद्ध करती है जो आवाजहीन है। चूंकि यहां कई अवैध कटाई और खनन कार्य होते हैं, इसलिए तेल रिसाव नदियों को प्रदूषित करता है। नदियों की मछलियाँ मर जाती हैं और आबादी को पीने के लिए पानी और खाने के लिए मछली नहीं मिलता है। इन वास्तविकताओं के सामने, लोगों के लिए प्यार हमें उदासीन नहीं रहने देता है और इस लिए हमने अपनी पल्ली में कारितास शुरु करने के लिए प्रेरित किया।
जंगल में रहना ईश्वर की ओर से एक उपहार है और भले ही दुनिया को यह एहसास न हो कि हम क्या कर रहे हैं, इन लोगों के साथ-साथ चलने का हर प्रयास, उनकी गरिमा को पुनः प्राप्त करने में मदद करना, ईश्वर के राज्य की शुरुआत है और समुदाय में अपनी धर्मबहनों के साथ मिलकर ईश्वर की ईच्छा की खोज करते हुए उसे पूरा करने का प्रयास करती हैं।
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