ऑस्ट्रेलियाई फस्ट नेशन्स के छात्रों को छात्रवृत्ति ने रोम लाया
वाटिकन न्यूज
फ्राँसिस जेवियर छात्रवृति हर ग्रीष्म काल में ऑस्ट्रेलिया के फस्ट नेशन्स के विद्यार्थियों को रोम लेकर आता है।
ऑस्ट्रेलियाई काथलिक विश्वविद्यालय और परमधर्मपीठ के ऑस्ट्रेलियाई दूतावास द्वारा प्रायोजित, इस छात्रवृत्ति का नाम फ्राँसिस जेवियर कोनासी के नाम पर रखा गया है, जो 19वीं सदी के एक ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी युवा थे, जो दुखद रूप से युवावस्था में मरने से पहले, एक मठवासी के रूप में प्रशिक्षण लेने के लिए रोम आये थे।
इस वर्ष छात्रवृति प्राप्तकर्ता हैं 38 वर्षीय रेलेने पेने और 22 वर्षीय त्याहन बेल।
वाटिकन न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में इस जोड़ी ने फ्राँसिस जेवियर कोनासी के पदचिन्हों पर यात्रा करने और फस्ट नेश्न्स समुदायों को उनके मूल ऑस्ट्रेलिया में वापस लाने में मदद करने की उनकी आकांक्षाओं पर चर्चा की।
उन्होंने कहा, “यह खूबसूरत था, एक युवा लड़के के रूप में, ऑस्ट्रेलिया से रोम आने पर, कल्पना करना कि उसका [कोनासी] जीवन कैसा था। यहां पहुंचने के लिए उड़ानें लेने के बाद, मैं कल्पना नहीं कर सकती कि अपने परिवार और अपनी भूमि से दूर नाव से आना और नया अनुभव प्राप्त करना कैसा रहा होगा। इसलिए यह अच्छा हुआ कि हम यहाँ आये जहां हमारा मानना है कि उन्हें दफनाया गया है, और हम उनके प्रति अपना सम्मान व्यक्त कर पायेंगे और वास्तव में इसका क्या मतलब है इसके बारे में सोचेंगे।''
बेल कहती हैं कि वे "अपने घर में, अपने लोगों के बीच एक संदेश लाना चाहती है, कि हम 'घातक' चीजों के लिए बने हैं, भले ही ऑस्ट्रेलिया में प्रणालीगत बाधाएँ हैं।"
वे आगे कहती हैं, "मुझे यह कहावत हमेशा पसंद आती है कि हमारे पूर्वजों ने हमारा मार्ग प्रशस्त किया है और हम उसका अनुसरण कर सकते हैं।"
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here