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लम्पेदूसा में संत पापा फ्रांँसिस लम्पेदूसा में संत पापा फ्रांँसिस   (ANSA)

पोप फ्राँसिस की लम्पेदूसा यात्रा का 10वाँ सालगिरह : ‘‘तुम्हारा भाई कहाँ है?’

संत पापा फ्राँसिस की 8 जुलाई 2013 को लम्पेदूसा की यात्रा के 10वें सालगिरह के अवसर पर वाटिकन संचार विभाग के अध्यक्ष पाओलो रूफिनी का कहना है कि संत पापा फ्राँसिस याद दिलाते हैं कि आप्रवासन एक जटिल मुद्दा है जिसका सामना अपने “हृदय से सुनने और देखने” के द्वारा किया जा सकता है।

वाटिकन सिटी, शनिवार, 8 जुलाई 2023 (रेई) : इताली द्वीप लम्पेदूसा में 8 जुलाई को पोप फ्राँसिस की यात्रा के 10 साल पूरे हो रहे हैं, जहाँ उन्होंने भूमध्यसागर में खोनेवाले आप्रवासियों एवं शरणार्थियों के लिए प्रार्थना की थी।

पिछले दशकों से, दक्षिणी इटली का क्षेत्र अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया से यूरोप में प्रवेश करने के इच्छुक अवैध आप्रवासियों के लिए एक प्रमुख पारगमन बिंदु बन गया है, जो मुख्य रूप से लीबिया के तटों से प्रस्थान करते हैं।

भूमध्यसागर का वह स्थल जो आप्रवासियों के लिए त्रासदी का प्रतीक बन चुका है, पोप ने 13 मार्च 2013 में अपने पोप चुने जाने के बाद रोम के बाहर पहली यात्रा के रूप में उसी स्थान को चुना था। संत पापा आप्रवासियों और युद्ध, अत्यचार एवं गरीबी से भागे आश्रय की खोज करनेवाले लोगों की दुर्दशा को उजागर करना चाहते थे, जो लगातार ही उनके परमाध्यक्षीय काल का मुख्य मुद्दा रहा है।

पोप की लम्पेदूसा यात्रा : एक कारर्वाई की मांग

संत पापा की यात्रा कुछ ही घंटों की थी जिसमें उन्होंने उन अवैध आप्रवासियों के लिए प्रार्थना की जो यूरोप में प्रवेश करने की कोशिश करते हुए सागर में डूब गये। खुली हवा में सामूहिक प्रार्थना सभा की अध्यक्षता करने से पहले, शोक के संकेत के रूप में उन्होंने समुद्र को फूलों की माला चढ़ायी। लेकिन अपने संदेश में उन्होंने "उदासीनता का वैश्वीकरण" की निंदा की जो सिर्फ अपने बारे सोचने के लिए प्रेरित करता एवं दूसरों के संकट के प्रति असंवेदनशील कर देता है।

उपदेश के दौरान संदेश मार्मिक ढंग से गूँज उठा जब उन्होंने उस सवाल को याद किया जिसको ईश्वर ने काईन से पूछा था: "तुम्हारा भाई कहाँ है?"

प्रभु कहते हैं "तुम्हारा भाई कहाँ है?" उसका रक्त मुझे पुकार रहा है। संत पापा ने कहा कि यह सवाल दूसरों के लिए नहीं है, यह मेरे लिए है, हम प्रत्येक के लिए। ये हमारे भाई और बहनें कठिन परिस्थिति से भागने की कोशिश कर रहे थे ताकि थोड़ी शांति और स्थिरता पा सकें। वे अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर स्थान को तलाश कर रहे थे जबकि उन्हें मौत मिली। कितनी बार उन लोगों को गलतफहमी, अस्वीकृति एवं एकजुटता की कमी का सामना करना पड़ता है।  

संत पापा की लम्पेदूसा यात्रा का 10वाँ सालगिरह आज कलीसिया एवं सरकार के लिए एक आह्वान बन गया है, जब अवैध आप्रवासी बढ़ते जा रहे हैं, खासकर, भूमध्यसागर में जो “यूरोप का सबसे बड़ा कब्रस्थान बन चुका है।”  

आप्रवासियों के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन (आईओएम) के अनुसार 2014 से अबतक भूमध्यसागर के सिर्फ मुख्य रास्ते पर करीब 17,000 से अधिक आप्रवासियों के मरने एवं लापता होने की खबर है जो लीबिया और ट्यूनिशिया से इटली की आ रहे थे।   

ये संख्या कम है क्योंकि कई बार टूटे जहाज दिखाई नहीं पड़ते इसलिए वे आप्रवासियों के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन के आंकड़े में शामिल नहीं हो पाते। पूर्वी रास्ते पर 2,300 मौते दर्द की गई हैं जबकि 1,700 मौतें पूर्वी रास्ते पर हुई हैं।  

यूरोपीय संघ ने बाल्कन से ज़मीन के रास्ते यूरोप आनेवाले आप्रवासियों के प्रवाह को रोकने के लिए तुर्की को 6 बिलियन यूरो की सहायता दी है। हाल के वर्षों में यह प्रवाह काफी कम हुआ है, लेकिन तुर्की में आनेवाले आप्रवासियों का एक हिस्सा इटली पहुँचने के लिए समुद्र के रास्ते अपनी किस्मत आजमाता है।

भूमध्यसागर में सबसे घातक आप्रवासी जहाज दुर्घटना 3 अक्टूबर 2013 को हुई थी, जब मिसराता, लीबिया से चल रही 20 मीटर लंबी नाव लम्पेदूसा से आधा मील की दूरी पर पलट गई थी। इस त्रासदी में 368 लोगों की मौत की पुष्टि हुई और लगभग बीस लोग लापता हो गए।

भूमध्य सागर में नवीनतम घातक घटना 14 जून, 2023 को हुई, जब 750 यात्रियों से भरा एक मछली पकड़ने वाला ट्रॉलर ग्रीक तट के पास पलट गया, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए और सैकड़ों लापता हो गए।

पलायन एक जटिल मुद्दा है जिसे नारों से हल नहीं किया जा सकता

संचार विभाग के अध्यक्ष पाओलो रूफिनी ने कहा, इन त्रासदियों के सामने पोप फ्रांसिस हमें याद दिलाते हैं, कि "हम हर चीज की योजना नहीं बना सकते हैं, लेकिन हमें अपने दिल से सुनने और देखने की जरूरत है, जिसका मतलब है कि क्या हो रहा है इसे समझना।"  

उन्होंने वाटिकन न्यूज से कहा, “आप्रवासन एक जटिल मुद्दा है। हम यह सोचने के आदि बन गये हैं कि इन जटिल समस्याओं का आसान समाधान है। हालांकि, वास्तविक सवाल आप्रवासियों के खिलाफ होने या न होने का नहीं है जो हमेशा दुनिया के इतिहास में रहा है बल्कि प्रबंध करने में है।"

रूफिनी ने जोर दिया कि “वर्तमान परिदृश्य में यह याद रखना अनिवार्य है कि 10 साल पहले क्या हुआ : “यदि हम याद नहीं रखते हैं, तब हम नहीं जानेंगे कि हम किस पड़ाव पर हैं। हमें नारों को छोड़ना होगा और अपने हृदय से बोलना और चीजों को आगे बढ़ाने के लिए साझा करना होगा।

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08 July 2023, 15:57