भारतीय उपयाजकों ने सीखा मीडिया उपकरणों को सुसमाचार प्रचार में प्रयोग करना
अग्नेल मरिया
सेंट पीटर पोंटिफ़िकल इंस्टीट्यूट के 40 उपयाजकों ने हाल ही में भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीसीबीआई) की पहल पर आयोजित 4 दिवसीय मीडिया प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया।
महाधर्मप्रांत के कम्युनिकेशंस सेंटर के साथ सहयोगात्मक पहल भारत में बैंगलोर, पलाना भवन, एवीई स्टूडियो में सम्पन्न हुई। सभी प्रतिभागी उपयाजक अपने सेमिनरी प्रशिक्षण के अंतिम चरण में हैं और यह ट्रेनिंग उनके प्रेरितिक डिप्लोमा कोर्स का हिस्सा था। ट्रेनिंग 23 – 26 अगस्त तक चली।
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
ट्रेनिंग कोर्स पाठ्यक्रम में विभिन्न प्रकार के विषयों को शामिल किया गया है, जैसे- मीडिया के माध्यम से प्रभावी प्रचारक बनना, धर्मविधि में मीडिया को शामिल करना, डिजिटल मीडिया मिशन, नागरिक संचार के सिद्धांत और 21वीं सदी के लिए रणनीतिक बुद्धिमत्ता के रूप में जनसंपर्क आदि।
इसके अतिरिक्त, एक धर्मसमाजी के दैनिक जीवन में मीडिया की आदत, सोच को आकार देना तथा प्रेरिताई के लिए मीडिया के प्रभावशाली स्रोतों को पहचानना आदि विषयों पर कार्य योजनाओं को विकसित करने में सहायता हेतु जानकारी हासिल की गई।
प्रशिक्षण, व्यावहारिक अभ्यासों के माध्यम से सम्पन्न किया गया, जिसमें व्यक्तिगत अभ्यासों के साथ-साथ दृश्य और श्रव्य दोनों माध्यम शामिल थे।
सीसीबीआई हमेशा अच्छी खबर फैलाने और विभिन्न मीडिया उपकरणों के माध्यम से कलीसिया के कार्यों को बढ़ाने के लिए समर्पित रहा है। जनसंपर्क के पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रमों में काथलिकों की भूमिका से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई थी।
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, विभिन्न मीडिया उपकरणों के माध्यम से उपयाजकों को रचनात्मक रूप से कई लोगों के साथ येसु के बारे में बात करने हेतु प्रेरित किया गया। उन्हें रचनात्मक मीडिया सामग्री के माध्यम से युवा दर्शकों को येसु ख्रीस्त के करीब लाने के विभिन्न तरीकों का पता लगाने के लिए भी प्रेरित किया गया।
प्रशिक्षण ने उन्हें व्यक्तिगत एवं संस्थागत विकास का अवसर प्रदान किया और उन्हें पेशेवर कार्य वातावरण बनाने की तैयारी हेतु शिक्षित किया।
विद्यार्थियों का साक्ष्य
तंजावुर धर्मप्रांत के छात्र के कहा, "इस पाठ्यक्रम ने दुनिया के साथ जुड़े रहने और लोगों तक पहुंचने की हमारी क्षमता को तेज किया जैसा कि येसु ने अतीत में किया था। पहले के समय में, प्रचार के लिए कोई प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नहीं थे।"
उपयाजक ए. वाल्टर ने कहा, "आज के हाई-टेक मीडिया परिदृश्य में, प्रत्येक धर्मसमाजी और आध्यात्मिक संगठन अधिक भलाई के लिए अपने विचारों को फैलाने हेतु मीडिया कवरेज और उसका उपयोग करने की कोशिश करता है।"
चिकमंगलूर धर्मप्रांत के उपयाजक ने कहा, "कैमरे का सामना करना काफी दिलचस्प था; इससे हमें यह समझने में मदद मिली कि कैसे खड़ा होना है, कैसे इशारों का प्रयोग करना है और मुद्राएं अपनानी हैं।" "इससे हमें कैमरे और डिजिटल मंच का सामना करने के डर पर काबू पाने में भी मदद मिली।"
उपयाजक देश के विभिन्न हिस्सों से आते हैं और वे सर्वाईट, क्लारेशियन और रेडेम्पट्रिस्ट धर्मसमाजों के सदस्य हैं।
विभिन्न दलों ने प्रशिक्षण की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए सीसीबीआई मीडिया प्रेरिताई द्वारा सिगनिस के समर्थन की काफी सराहना की है।
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