सिरो-मलाबार ख्रीस्तयाग अर्पण, फाईल तस्वीर सिरो-मलाबार ख्रीस्तयाग अर्पण, फाईल तस्वीर 

धर्मविधिक विवाद पर भारतीय पुरोहित बहिष्कार के ख़तरे में

वाटिकन के प्रतिनिधि येसु धर्मासमाजी महाधर्माध्यक्ष सिरिल वाज़िल ने कहा है कि जो पुरोहित कलीसिया की धर्मसभा और वाटिकन द्वारा अनुमोदित धार्मिक अनुष्ठान को स्वीकार करने से इनकार करते हैं, उन्हें बहिष्कारी का सामना करना पड़ सकता है।

वाटिकन सिटी

एरनाकुलम-अंगामाली, शुक्रवार, 18 अगस्त 2023 (ऊका समाचार): केरल स्थित सिरो-मालाबार कलीसिया में  में दशकों पुराने धर्मविधिक विवाद का समाधान खोजने में मदद करने के लिए नियुक्त वाटिकन के प्रतिनिधि येसु धर्मासमाजी महाधर्माध्यक्ष सिरिल वाज़िल ने कहा है कि जो पुरोहित कलीसिया की धर्मसभा और वाटिकन द्वारा अनुमोदित धार्मिक अनुष्ठान को स्वीकार करने से इनकार करते हैं, उन्हें बहिष्कारी का सामना करना पड़ सकता है।

वाटिकन प्रतिनिधि का आदेश

एरनाकुलम-अंगामाली महाधर्मप्रान्त में व्याप्त धर्मविधिक विवाद को सुलझाने के लिये वाटिकन से भेजे गये  महाधर्माध्यक्ष वाज़िल ने 17 अगस्त को महाधर्मप्रान्त के  पुरोहितों के आदेश दिया कि वे रविवार, 20 अगस्त से सभी पल्लियों में धर्मसभा द्वारा अनुमोदित ख्रीस्तयाग अर्पित करें। हालाँकि, पुरोहितों ने इस आदेश के पालन से  इनकार कर दिया है और अपने धार्मिक अनुष्ठान को जारी रखने के अपने संकल्प की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि वे ख्रीस्तयाग के दौरान अपनी मण्डली का सामना करना जारी रखेंगे।

वे कलीसिया की धर्मसभा और वाटिकन द्वारा अनुमोदित धार्मिक अनुष्ठान को स्वीकार करने से इनकार कर रहे हैं, जो यूखारिस्तीय समारोह के दौरान वेदी का सामना करने का आग्रह करता है।  कलीसियाई अधिकारियों ने दक्षिण भारत में केरल स्थित सिरो मलाबार कलीसिया की पूजन-पद्धति में एकरूपता लाने के उद्देश्य से दो दशक पहले संशोधित पूजन-पद्धति की शुरुआत की थी, लेकिन विवादों के चलते इसके क्रियान्वयन में देरी हुई।

आदेश पालन से इनकार

महाधर्मप्रान्त में धर्माध्यक्षीय समिति के सचिव फादर कुरियाकोस मुंडादान ने 17 अगस्त को ऊका समाचार से कहा, "हम ख्रीस्तयाग समारोह के समय एक समान तरीके की पेशकश नहीं करेंगे क्योंकि इसमें ख्रीस्तयाग अर्पण के दौरान वेदी की ओर मुड़ने को बिना किसी विचार के, गुप्त रूप से, जोड़ा गया था।" उन्होंने कहा, "धर्मसभा ने सन्त पापा को भी गुमराह किया है और अब वे चाहते हैं कि हम इसका पालन करें जो संभव नहीं होगा।"

हालाँकि, महाधर्माध्यक्ष वासिल ने धर्मसभा-अनुमोदित ख्रीस्तयाग को लागू करने पर ज़ोर दिया है और पुरोहितों से 25 मार्च, 2022 को जारी सन्त पापा फ्रांसिस के एक पत्र को पढ़ने के लिए भी कहा है, जिसमें कलीसिया को एक समान धार्मिक अनुष्ठान में मदद हेतु महाधर्मप्रांत को धर्मसभा-अनुमोदित ख्रीस्तयाग का आदेश दिया गया था।

उन्होंने पुरोहितों को ख्रीस्तयाग के दौरान वैध पदानुक्रमों को याद करने का भी आदेश दिया जिनमें कलीसिया के परमाध्यक्ष सन्त पापा फ्राँसिस और साथ मेजर महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जॉर्ज एलेनचेरी और प्रेरितिक प्रशासक महाधर्माध्यक्ष एंड्रयू थज़थ को सभी धार्मिक समारोहों में याद करने के लिए कहा गया है।

उन्होंने कहा, "मैं आपको चेतावनी देता हूँ कि इस आदेश को पूरा करने में किसी भी लापरवाही के लिए पूर्वी कलीसियाई संहिता के कानून के 1438 में निर्धारित दंड को आमंत्रित किया जाएगा, जिसमें बहिष्कार का उल्लेख निहित है।"

कलीसियाई कानून

कलीसियाई कानून के अनुसार, जो पुरोहित "जानबूझकर धर्मविधि और पूजन-पद्धति में कानूनन निर्धारित स्मरणोत्सव को छोड़ देते हैं" और वैध चेतावनी के बावजूद निर्णय पर पुनर्विचार नहीं करते हैं, उन्हें "दंडित किया जा सकता है।"

सिरो मलाबार कलीसिया में धर्मविधिक विवाद द्वितीय वाटिकन महासभा के बाद से शुरु हो गया था जिसमें अनेक सुधारों का प्रस्ताव किया गया था। एक परंपरावादी समूह प्राचीन परंपराओं को बरकरार रखना चाहता था, जबकि दूसरा समूह पूजन-पद्धति को आधुनिक बनाना चाहता था। परंपरावादी चाहते थे कि पुरोहित, यूखारिस्तीय समारोह के दौरान, वेदी के समक्ष प्रस्तुत रहें, जबकि आधुनिकतावादी चाहते थे कि वे मण्डली के सामने प्रस्तुत होवें।

नवंबर 2021 तक, एर्नाकुलम-अंगामाली महाधर्मप्रांत को छोड़कर, सिरो-मलाबार कलीसिया के सभी 35 धर्मप्रान्तों ने धर्मसभा-अनुमोदित ख्रीस्तयाग की धर्मविधि को लागू कर दिया था, यही वाटिकन के हस्तक्षेप का कारण रहा है। 

 

 

 

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18 August 2023, 11:41