सोलोमोन द्वीप पर जरूरतमंदों की सेवा करतीं चैरिटी की धर्मबहनें
सिस्टर नीना बेनेडिक्ता क्रापिक, वीएमजेड
क्रोवेशिया की संत भिंसेंट दी पौल की चैरिटी की धर्मबहनें, सोलोमोन द्वीप में मिशनरी के रूप में 12 वर्षों से सेवारत हैं।
सोलोमोन द्वीप के बूमा धर्मप्रांत स्थित मलाइटा का एक क्षेत्र बिना बिजली के है तथा खतरनाक सड़कों द्वारा राजधानी से खराब तरीके से जुड़ा हुआ है।
स्थानीय निवासी नारियल बेचकर और मछली पकड़ कर अपनी जीविका चलाते हैं और संत भिंसेंट दी पौल की धर्मबहनें दवाएँ, शिक्षा और धर्मशिक्षा प्रदान कर उनकी मदद करती हैं।
जैसे-जैसे वर्ष बीत रहे हैं, उनके मिशनरी कार्यों के फल और अधिक स्पष्ट होते जा रहे हैं। सोलोमन द्वीप में कलीसिया बढ़ रही है, खासकर, युवाओं के बीच।
धर्मबहनों ने भिंसेनसियन मरिया युवा दल का निर्माण किया है जिनके सदस्यों की संख्या लगातार बढ़ रही है। धर्मबहनों के अनुसार युवा अपने विश्वास के बारे अधिक सीखने एवं कलीसिया में सक्रिय सहभागी होने के लिए उत्सुक हैं।
विंसेंसियन सिस्टर्स महिलाओं, विशेषकर, एकल माताओं की मदद “संत लुईस दी मारिलैक” केंद्र में करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं, जहां वे सिलाई और साक्षरता पाठ्यक्रम प्रदान करती हैं।
शिक्षा मुख्य प्राथमिकताओं में से एक है जिसे सुनिश्चित करने में बहनें मदद कर रही हैं। कई बच्चे स्कूल नहीं जा पाते क्योंकि उनके माता-पिता स्कूल फीस देने में असमर्थ होते हैं।
विश्वभर के स्वयंसेवकों एवं अनुदानदाताओं से मदद
सिस्टर वेरोनिका किबारिक क्रोवेशिया की धर्मबहन हैं जो सोलोमोन द्वीप में मिशनरी के रूप में सेवारत हैं। वाटिकन न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने बतलाया कि किस तरह पूरे विश्व से लोग उनके मिशन को जीवित रखने के लिए मदद दे रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के क्रोएशियाई स्वयंसेवकों ने घर बनाए हैं जहां बहनें काम करती हैं और शैक्षिक कार्यक्रम चलाती हैं। दानकर्ता स्कूल की ट्यूशन फीस के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों के लिए दवा और कपड़ों के माध्यम से भी योगदान करते हैं।
सिस्टर वेरोनिका ने कहा, “मलेरिया की बीमारी यहां बार-बार आती है लेकिन दुर्भाग्य से मलेरिया के लिए की दवाई या क्लिनिक नहीं है। हम कम से कम बच्चों और गर्भवती महिलाओं की मदद करती हैं।”
सोलोमोन की कलीसिया में बढ़ वृद्धि
कुछ-कुछ द्वीपों को “परित्यक्त” भी कहा जाता है क्योंकि वे नक्शे में दिखाई नहीं पड़ते, अब वहाँ भी विश्वास का जन्म हुआ है। कई स्थानीय लड़कियाँ क्रोवेशिया के धर्मसंघ में प्रवेश कर रही हैं, इस प्रकार सोलोमोन द्वीप से बूमा समुदाय में अब दो धर्मबहनें, एक नवशिष्य और दो उम्मीदवार हैं।
सिस्टर वेरोनिका ने कहा, "हम ईश्वर को अपने लोगों के करीब लाना चाहते हैं।" “और हम यहां गरीबों के करीब हैं। हम शहर में नहीं हैं। हम उनके बीच ग्रामीण इलाके में हैं, उनके निकट हैं और उनके पास एक सुरक्षित जगह है, एक उम्मीद की तरह। वे हमारे पास आ सकते हैं और मांग सकते हैं, भले ही कई बार हम उन्हें उन चीजों को प्रदान नहीं कर पाते जो उन्हें चाहिए होता है, लेकिन कम से कम उन्हें हममें आशा है और मुझे विश्वास है कि वे लड़कियाँ, हमारी युवा बहनें और जो लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं, वे इसे पहचानते हैं।”
संत भिंसेंट दी पौल का पर्व
कलीसिया 27 सितम्बर को संत विंसेंट दी पॉल का पर्व मनाती है, लेकिन सोलोमोन द्वीप में यह पर्व सितंबर के पूरे महीने चलता है, खासकर, विंसेंसियन मरिया युवाओं और संत विंसेंट दी पॉल धर्मसंघ के बीच। संत विंसेंट दी पॉल के पर्व के दिन, वे सामूहिक उत्सव मना रहे हैं, वे उपस्थित लोगों को रोटी बांटते हैं।
सिस्टर वेरोनिका ने बतलाया कि वे मिस्सा में भाग लेनेवाले हरेक व्यक्ति के लिए एक छोटी रोटी प्रदान करते हैं। यह एक चिन्ह है जिसके द्वारा वे दिखलाना चाहती हैं कि रोटी बांटने के द्वारा हम अपना जीवन साझा करती हैं और कि हम सभी एक ही बृहद परिवार के सदस्य हैं। यही संत विंसेंट दी पौल ने हमें सिखाया है कि “हरेक व्यक्ति के लिए स्थान है।”
जीवन परिवर्तन का अनुभव
सिस्टर वेरोनिका बतलाती हैं कि उनके जीवन में तब बदलाव आया जब वे सोलोमोन द्वीप के मिशन से जुड़ीं और उसी तरह उनकी खुशी के विचार भी बदले।
उन्होंने कहा, “सोलोमोन द्वीप समूह को हैप्पी द्वीप समूह भी कहा जाता है क्योंकि लोग अपने पास जो है उसके लिए कृतज्ञ हैं। वे अपने जीवन के लिए आभारी हैं। वे जानते हैं कि यह उनके लिए एक महान वरदान है। वे वर्तमान में जीते हैं और आज के लिए जो हैं उसी से खुश रहते हैं क्योंकि वे कल के लिए कुछ नहीं रखते। इस चीज को हम कभी नहीं भूल सकते कि हम अकेले खुश नहीं हो सकते हैं।”
संत पापा ने मई 2023 में मिशनरी संस्थाओं के सम्मेलन में कहा था कि ख्रीस्तीय विश्वास के लिए मिशनरी कार्य अत्यावश्यक है। “ख्रीस्तीय जीवन के लिए मिशन, ऑक्सिजन के समान है जिसके बिना यह बीमार हो जाता और मुरझाता है।” संत पापा ने मिशनरियों को प्रोत्साहन दिया है कि वे साहस पूर्वक आगे बढ़ें।
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