जीजस यूथ ने उठने और दूसरों को प्रभु की ओर लेने का प्रोत्साहन दिया
वाटिकन न्यूज
भारत, मंगलवार, 31 अक्टूबर 2023 (रेई) : युवाओं को कलीसिया के प्रभावी मिशनरी बनने के उत्साह से भरने के लिए कई कार्यक्रमों को सम्पन्न करने के बाद जीसस यूथ जागो नेशनल कॉन्फ्रेंस 2023 का समापन हुआ।
बेंगलुरु के धर्माराम कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम ने लगभग 17,500 युवाओं को कलीसिया का अद्वितीय और एकीकृत सदस्य बनने के लिए प्रेरित किया।
21-24 अक्टूबर के सम्मेलन ने पूरे भारत के युवाओं को एक मिशनरी जीवन जीने के लिए तैयार किया, साथ ही एक फलदायी जीवन जीने के लिए व्यक्तिगत, पारिवारिक और मिशनरी जीवन के बीच संतुलन बनाये रखने के लिए प्रेरित किया।
संत पापा जॉन पॉल द्वितीय का अवशेष, जिसे पहले ही 28 राज्यों में और 500 से अधिक पल्लियों में घुमाया गया था, जागो सम्मेलन में सम्मानित किया गया, जिसमें युवाओं और उनके द्वारा किए जानेवाले मिशन के लिए मध्यस्थता की मांग की गई।
सम्मेलन की मुख्य बातें
मुख्य भाषण के दौरान, भारत और नेपाल में वाटिकन के प्रेरितिक राजदूत के सलाहकार जुआन पाब्लो सेरिलोस हर्नांडेज़ ने भारत के ख्रीस्तीय युवाओं के लिए अपना संदेश दिया। “आप कीमती हैं। आप उनके (ईश्वर) हाथों की कृति हैं।”
ख्रीस्त और उनकी कलीसिया की सेवा करने के लिए मिशनरी बनने के लिए युवाओं को निमंत्रण देते हुए, मोनसिन्योर हर्नान्डेज़ ने युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा: "जब येसु आपसे कुछ मांगते हैं, या बस आपको जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए कहते हैं, तो वे उम्मीद करते हैं कि आप उनके लिए जगह बनाएंगे कि वे आपको आगे ले सकें।"
रेक्स बैंड के के एक उत्साहवर्धक प्रदर्शन के बाद, उसके सदस्य स्टीफन डेवेसी ने युवाओं से कहा, “प्रसिद्धि और पैसा सफलता नहीं दिलाते। सफलता तब होती है जब आप अपने काम से अन्य व्यक्तियों को ईश्वर की महिमा के लिए प्रेरित करते हैं।''
रेक्स बैंड भारत का पहला काथलिक बैंड है जिसे 2002 में विश्व युवा दिवस पर और लगातार 20 से अधिक देशों में प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया गया है। कई अन्य कलाकारों और वक्ताओं ने छात्रों और कामकाजी पेशेवरों दोनों के लिए शिक्षा, वित्त, काम और जीवन में सफलता जैसे विषयों पर युवाओं को संबोधित किया।
"जागो प्रदर्शनी" में जीजस यूथ सम्मेलन के इतिहास, इसके मील के पत्थर और युवाओं के अतीत के बारे में शिक्षित करने के मिशन को प्रदर्शित किया गया और यह दिखाया गया कि उस चट्टान के रूप में कैसे कार्य करता है जिस पर कलीसिया विश्वास के माध्यम से पवित्र आत्मा में मजबूत खड़ा है।
प्रदर्शनी ने संत पापा जॉन पॉल द्वितीय के "शरीर के ईशशास्त्र" से प्रेरणा लेते हुए युवाओं को जीवन, विवाह, बच्चे, निष्ठा और कामुकता जैसे विषयों पर संवेदनशील बनाने में मदद की। इसने मिशन को सशक्त बनाने और युवाओं को अपने दैनिक जीवन में मिशनरी बनने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु मिशनरी जीवन के प्रतिनिधित्व के रूप में कार्य किया।
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