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नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के सामने पत्रकार नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के सामने पत्रकार 

भारतीय धर्माध्यक्षों ने समलैंगिक विवाह को खारिज करनेवाले सुप्रीम कोर्ट का स्वागत किया

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीआई) ने 17 अक्टूबर को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट के इनकार का स्वागत किया है।

वाटिकन न्यूज रिपोर्टर

नई दिल्ली, बृहस्पतिवार, 19 अक्टूबर 2023 (मैटर्स इंडिया) : भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने एक प्रेस बयान में कहा, "शीर्ष अदालत का निर्णय पारंपरिक विवाह की संस्था की पुष्टि करता है, जो काथलिक कलीसिया और कई अन्य धर्मों द्वारा रखी गई पवित्र शिक्षाओं और मूल्यों में निहित है।"

मंगलवार को शीर्ष अदालत ने 3-2 के बहुमत से फैसला सुनाया कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं दी जा सकती। शीर्ष अदालत द्वारा कम से कम चार फैसले सुनाये गये और कई टिप्पणियाँ की गईं।

11 मई को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 10 दिनों की सुनवाई के बाद याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ताओं ने अपने वकीलों के माध्यम से एलजीबीटीक्यूआईए प्लस समुदाय के समानता अधिकारों पर जोर दिया और ऐसे संघ को स्वीकार करने पर जोर दिया जो यह सुनिश्चित करेगा कि एलजीबीटीक्यूआईए, विषमलैंगिकों की तरह "सम्मानजनक" जीवन जी सके।

दूसरी ओर, संघीय सरकार ने तर्क दिया था कि भारत की विधायी नीति ने जानबूझकर केवल एक जैविक पुरुष और एक जैविक महिला के बीच संबंध को मान्य किया है। 3 मई को, सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि वह कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करेगी जो उन प्रशासनिक कदमों की जांच करेगी जो समान-लिंग वाले जोड़ों की शादी को वैध बनाने के मुद्दे पर ध्यान दिए बिना उनकी "वास्तविक चिंताओं" को दूर करने के लिए उठाए जा सकते हैं।

सीबीसीआई प्रेस वक्तव्य में दावा किया गया है कि विवाह विशेष रूप से एक पुरुष और एक महिला के बीच का मिलन है, जो पारस्परिक आत्म-उपहार के माध्यम से, नए मानव जीवन की उत्पत्ति और पालन-पोषण के लिए समर्पित हैं। इसमें कहा गया है, "विवाह की यह समझ ख्रीस्तीय विवाह को एक संस्कार और ख्रीस्त एवं कलीसिया के बीच व्यवस्थान के प्रतीक के रूप में देखती है।"

धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने यह भी स्पष्ट किया कि कलीसिया का मानना ​​है कि समलैंगिक संबंध विवाह के लिए ईश्वरीय योजना से मूल रूप से भिन्न हैं। धर्माध्यक्ष बताते हैं कि "समलैंगिक कृत्यों को प्राकृतिक नैतिक कानून के विपरीत माना जाता है, और पवित्र ग्रंथ उनकी आलोचना करता है।"

साथ ही चर्च ने किसी भी अन्यायपूर्ण भेदभाव को खारिज करते हुए समान-लिंग के आकर्षण वाले व्यक्तियों के साथ सम्मान, करुणा और संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करने की आवश्यकता पर बल दिया। बयान में बताया गया है कि ऐसे व्यक्तियों को, सभी ईसाइयों की तरह, शुद्धता का जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

साथ ही कलीसिया ने किसी भी अन्यायपूर्ण भेदभाव को खारिज करते हुए समान-लिंग के आकर्षणवाले व्यक्तियों के साथ सम्मान, करुणा और संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करने की आवश्यकता पर बल दिया। बयान में बताया गया है कि ऐसे व्यक्तियों को, सभी ख्रीस्तीयों की तरह, शुद्धता का गुण जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

“सीबीसीआई सभी लोगों के बीच सम्मान, करुणा और समझ को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे उनका यौन रुझान या विश्वास कुछ भी हो। हम अपनी शिक्षाओं पर कायम हैं जो विवाह और पारिवारिक जीवन की पवित्रता पर जोर देती है।''

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19 October 2023, 16:57