फादर रोमानेली: गाजा में जीवन कभी शांतिपूर्ण नहीं रहा
वाटिकन न्यूज
येरूसालेम, शनिवार 11 नवम्बर 2023 : 7 अक्टूबर को जब हमास ने इज़राइल पर हमला किया, तब होली फामिली पल्ली के पल्ली पुरोहित फादर गाब्रियल रोमानेली एक धर्मबहन के लिए कुछ दवाएँ खरीदने के लिए बेथलेहम में थे और तब से वे गाजा लौटने में असमर्थ हैं, लेकिन वे होली फामिली पल्ली के साथ संपर्क में रहने में कामयाब रहे हैं।
होली फामिली पल्ली समुदाय वर्तमान में 700 विस्थापित लोगों को आश्रय दे रहा है और वे जितनी जल्दी हो सके अपनी पल्ली, अपने लोगों के पास लौटना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "गाजा में बमों के नीचे फंसे रहने की तुलना में मेरे लिए यहां फंसे रहना कहीं अधिक कठिन है।"
पिछले महीने की नाटकीय घटनाओं के बारे में येरूसालेम में ओस्सर्वातोरे रोमानो के साथ बात करते हुए, अर्जेंटीना में जन्मे फादर गाब्रियल रोमानेली ने बताया कि कई साल पहले जब से उन्होंने गजा में काम करना शुरू किया था, तब से गजा की आबादी के लिए जीवन कभी भी शांतिपूर्ण नहीं रहा है। अवरुद्ध पट्टी में लगभग 1,000 ख्रीस्तीय भी शामिल थे।
प्रश्न: फादर गाब्रियल, 7 अक्टूबर तक गाजा में आपका दैनिक जीवन कैसा था?
यह शांतिपूर्ण जीवन नहीं था। यह एक सामान्य असाधारणता थी। वे अब कहते हैं कि युद्ध 7 अक्टूबर को शुरू हुआ था, लेकिन हमने हमेशा युद्ध के माहौल का अनुभव किया है। बेशक, यह उतना दुखद नहीं है जितना हम अभी झेल रहे हैं, लेकिन गाजा में सायरन और विस्फोटों के साथ रहना एक दिनचर्या है।
मेरे साथ फादर जुसुफ और हमार धर्मसमाज की धर्मबहनें हैं, फिर मदर तेरेसा की 5 धर्मबहनें हैं, जो विशेष रूप से 50 वर्षों से बीमारों और विकलांगों की सेवा कर रही हैं, और फिर येरूसालम की रोज़री की धर्मबहनें हैं जो स्थानीय स्कूल और पल्ली में काम करती हैं। चूंकि मैं गाजा का पल्ली पुरोहित रहा हूँ, इसलिए मैंने इतने सारे युद्ध देखे हैं कि मैं संख्या नहीं बता सकता: कुछ दो या तीन दिनों तक चले, जिन्हें आंकड़े युद्ध के रूप में 'गिनते' नहीं हैं। यह एक अवास्तविक कहानी की तरह है, क्योंकि एक तरफ आपके पास दुनिया के हर हिस्से, कार्यालयों, व्यवसायों, दुकानों में होने वाली सभी गतिविधियाँ हैं, और दूसरी तरफ, समय-समय पर सायरन, बम और स्वतंत्र रूप से घूमने की असंभवता आपके जीवन को असंभव बना देती है।
यहां तक कि धर्मसंघियों के रूप में हमारा जीवन भी इस द्वंद्व का पालन करता है: एक ओर हम दैनिक प्रार्थना,मिस्सा बलिदान, पवित्र साक्रामेंट की आराधना में समय बिताते हैं तो दूसरी ओर पीड़ितों और गरीबों और युवाओं की सहायता के लिए अक्सर सामाजिक गतिविधियाँ रात 11 बजे तक चलती हैं। फिर हमारा काथलिक समुदाय तीन स्कूल चलाता है, जिनमें मुख्य रूप से मुसलमान पढ़ते हैं।
प्रश्न: काथलिक समुदाय की सामाजिक स्थिति क्या है?
यह कहना कठिन है, क्योंकि अपनी कम संख्या के बावजूद, ख्रीस्तियों को तीन समूहों में विभाजित किया गया है। पहला समूह फिलिस्तीनियों का है जो हमेशा गाजा में रहते हैं। वे आम तौर पर अपेक्षाकृत धनी, व्यापारी और पेशेवर हैं। यह समूह पिछले कुछ वर्षों में कम हो गया है क्योंकि कई लोग पलायन कर गए हैं।
फिर दूसरा समूह उन शरणार्थियों का है जो 1948 के युद्ध के बाद आए थे: वे येरूसालेम, तेल अवीव, जाफ़ा, अश्कलोन से आए थे। जब वे पहुंचे, तो काथलिक कलीसिया ने उन्हें मदद की, वास्तव में आज भी (केवल 11 परिवार बचे हैं) वे एक छोटे से पड़ोस में रहते हैं जिसे ख्रीस्तीय पड़ोस कहा जाता है, जहां कारितास और युवा ख्रीस्तियों के प्रशिक्षण के लिए थॉमस एक्विनास केंद्र है। जब वे पहुंचे तो उन्हें सबसे पहले गिरजाघर में रखा गया। उनमें से कुछ, जो गिरजाघर में या सामने आँगन में पैदा हुए थे, अब बूढ़े हो चुके है।
अंततः, एक तीसरा, नवीनतम समूह है जो 30 साल पहले 1993 में आया था। ओस्लो समझौते के बाद, अराफात ने पीएलओ सरकार के तहत पट्टी के प्रशासनिक प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए कई सार्वजनिक अधिकारियों को गाजा भेजा, जिनमें से कई ख्रीस्तीय थे।
2007 में सरकार बदलने के साथ, महमूद अब्बास के प्रति उनकी वफादारी के कारण, उनसे उनके कार्य छीन लिए गए, और अब, हालांकि वे रामल्ला की केंद्र सरकार के कर्मचारी बने हुए हैं, उन्हें अपने वेतन का केवल एक हिस्सा मिलता है। आज वे हमारे समुदाय के सबसे कमजोर वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं।
प्रश्न: गाजा में वास्तव में कितने ख्रीस्तीय हैं?
मैं हर साल क्रिसमस पर गिरजाघऱ के रजिस्टरों के आधार पर सांख्यिकीय डेटा अपडेट करता हूँ। पिछले वर्ष ख्रीस्तियों की संख्या 1,017 थी। इनमें से धर्मसंघियों सहित केवल 135 लैटिन काथलिक हैं।
फिर हमारे पास विभिन्न स्थितियों की एक श्रृंखला है: लैटिन और ऑर्थोडोक्स के बीच कई मिश्रित विवाह हैं। कई ऑर्थोडोक्स हमारी पल्ली समूहों में भाग लेते हैं। हमारे पास दस पल्ली समूह है।
हमारी कलीसिया पहले से ही सार्वभौम है: यह एक नीचे से ऊपर की ओर सार्वभौमवाद है जो धार्मिक विवादों की तुलना में अधिक व्यापक और व्यावहारिक है। तो, हम लगभग ढाई मिलियन निवासियों की आबादी में से कुल एक हजार लोग हैं।
हालाँकि, इस छोटी संख्या के बावजूद, जैसा कि मैंने कहा, हम तीन स्कूल चलाते हैं, और कारितास द्वारा दस से अधिक एम्बुलेंस चलाते हैं। महामारी के दौरान गाजा में 60% से अधिक कोविड मामलों का इलाज गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्र सरकार से भी अधिक हमारे कारितास द्वारा किया गया था।
प्रश्न: यहां, मुस्लिम बहुसंख्यक काथलिकों को कैसे देखते हैं?
उन्हें आम तौर पर अच्छा माना जाता है। मुझे उम्मीद है कि यह युद्ध लोगों के बीच संबंधों को भी बर्बाद नहीं करेगा। मैं कह सकता हूँ कि अंतर्धार्मिक संबंधों को लेकर हमारे बीच कभी कोई बड़ी समस्या नहीं रही। कट्टरवाद की कुछ अभिव्यक्तियों ने हमें कभी भी वास्तविक क्षति नहीं पहुँचाई है।
प्रश्न: आप कई वर्षों से गाजा में रह रहे हैं, क्या आप हमें बता सकते हैं कि आपने संघर्ष के प्रगतिशील इस्लामीकरण को कैसे देखा है? फ़िलिस्तीनियों की अतीत में कोई कट्टरपंथी परंपरा नहीं थी।
आप जो कहते हैं वह सच है, यहां तक कि गाजा में मैं इस प्रक्रिया का निरीक्षण करने में सक्षम था जो फिलिस्तीनी प्राधिकरण प्रशासन के अंतिम वर्षों में शुरू हो चुकी थी। मुझे याद है कि वर्तमान समूह के सत्ता में आने के तुरंत बाद, हरम का पालन, इस्लामी आचार संहिता के निषेध लागू किए गए थे। फिर समय के साथ, ख़ासकर मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड की सत्ता खोने के बाद, दबाव कम हो गया।
मध्य पूर्व ऐसा ही है। मैं आपको यह नहीं बता सकता कि समाज का इस्लामीकरण किस हद तक हुआ है, चाहे परंपरा से या थोपे जाने से, मैं केवल इतना ही कह सकता हूँ कि कट्टरपंथ जीवन की स्थितियों के अन्याय को भी बढ़ावा देता है।
प्रश्न: संत पापा फ्राँसिस के फोन कॉल का उन सभी के लिए बहुत महत्व है। उन्होंने आपसे भी बात की है।
जी हां, उन्होंने एक पिता की देखभाल और चिंता के साथ मुझसे बात की। दोनों अर्जेंटीनावासी होने के नाते हम पोर्टेनो (ब्यूनस आयर्स की भाषा) में बात करते थे।
अल्पसंख्यक होना हर जगह कठिन है, मध्य पूर्व में अल्पसंख्यक होना कठिन है, गाजा में अल्पसंख्यक होना बहुत अधिक कठिन है। हमारे आस-पास का बहुमत हमसे शत्रुतापूर्ण नहीं है लेकिन हमारे अस्तित्व को नजरअंदाज करता है।
हमारी पल्ली का नाम पवित्र परिवार के नाम पर रखा गया है, क्योंकि यह पट्टी मिस्र की ओर भागते समय येसु, मरिया और जोसेफ के कदमों से रौंदी गई थी और आज हम भी भाग रहे हैं, डर से, ज़ुल्म से।
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