'आप प्रेम और आशा का ज्वलंत आदर्श बनें', महाधर्माध्यक्ष जिरेल्ली
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
खुँटपानी, बुधवार 08 अक्टूबर 2023 (वीएन हिन्दी) : आज छोटानागपुर की काथलिक कलीसिया के लिए स्वर्णिम दिवस है। 150 साल पहले आज ही दिन 8 नवम्बर 1873 को कलकत्ता के धर्माध्यक्ष वालतेरूस स्टेन्स एस. जे. ने खूँटपानी में 28 लोगों को पहला बपतिस्मा संस्कार दिया और वे छोटानागपुर के पहले काथलिक बने।
खूँटपानी में आज प्रथम बपतिस्मा की 150वीं जयन्ती समारोह सुबह 8 बजे रोजरी प्रार्थना से शुरु की गई। रोजरी प्रार्थना के बाद माता मरिया के तीर्थालय पर बने क्रूस मार्ग की छवियों पर आशीष की प्रार्थना राँची के महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो द्वारा पढ़ी गई।
महोत्सव के विशेष अतिथि वाटिकन के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष लेओपोल्दो जिरेली का मुख्य द्वार से पैकी नाच के साथ परिघाते हुए पवित्र वेदी तक लाया गया। राजदूत महाधर्माध्यक्ष लेओपोल्दो जिरेली ने सिनॉडल कलीसिया एवं 150वीं जयन्ती स्मारक पत्थर का उद्घाटन किया। खूँटपानी में विश्वास की शतवर्षीय जुबली 8 नवम्बर 1973 को गाड़ी गई स्मृति पत्थर को खूँटपानी के ‘हो’ विश्वासियों द्वारा अपनी रीति रिवाज के अनुसार पानी से धोया गया। इसके पश्चात लोटा में हल्दी लिए, जो पवित्रता का प्रतीक है, पत्थर का शुद्धीकरण किया गया। फिर तेल से स्मृति पत्थर का लेपन किया गया। तेल मानव समाज के लिए स्वास्थ्य का प्रतीक है। इसके बाद स्मृति पत्थर पर पुष्प अर्पण किया गया। और स्मृति पत्थर के नीचे चावल से पत्थर के नीचे लकीर खींची गई।
आदिवासी कड़सा नृत्य करते हुए महिलाओं ने धर्माध्यक्षों और पुरोहितों को बलिवेदी तक पहुँचाया।
पवित्र मिस्सा की शुरुआत में जमशेदपूर के धर्माध्यक्ष तेलेस्फोर बिलुँग ने धर्मप्रांत की ओर से प्रथम बपतिस्मा की 150वीं जयन्ती समारोह में भाग लेने हेतु आये सभी अतिथियों,तीर्थयात्रियों और विश्वासियों का स्वागत करते हुए पवित्र मिस्सा का अनुष्ठान करने हेतु कलकत्ता के धर्माध्यक्ष थोमस डिसुजा को आमंत्रित किया। ख्रीस्तयाग की शुरुआत में धर्माध्यक्ष थोमस ने कहा कि आज इतिहास को हम पुनः दुहरा रहे हैं।150 साल पहले इसी पथ पर मान्यवर फादर अगुस्तुस स्टॉकमैन और कलकत्ता के धर्माध्यक्ष वालतेरूस स्टेन्स एस. जे. आये थे। आज के दिन हमारे 28 भाईयों और बहनों ने बपतिस्मा ग्रहण किया था। नया जीवन पाकर अपने जीवन में पवित्रता और प्रभु में अपनी श्रद्धा प्रकट की थी, इसी को आज हम दुहरा रहे हैं। इस सुन्दर परिवेश में आज पवित्र मिस्सा में भाग लेते हुए उस दिन की याद करें और अपने लिए प्रार्थना करें कि 150 साल बाद भी हमारा विश्वास और भी सुदृढ़ होता जाए ताकि हम इस दुनिया में सबों के लिए एक दीप जैसे जलकर प्रभु की रोशनी चारों तरफ फैलाएँ।
पवित्र मिस्सा सुनियोजित तरीके से भक्ति भाव के साथ सम्पन्न हुआ। मिस्सा समारोह में दस हजार से अधिक विश्वासी और तीर्थयात्री उपस्थित थे।
पवित्र मिस्सा के बाद संत पापा के प्रतिनिधि भारत और नेपाल के लिए प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष लेओपोल्दो जिरेली ने “जेसु मरांग” कहते हुए अपना संबोधन शुरु किया। उन्होंने इस जुबली समारोह में शरीक होने की खुशी जाहिर की। उन्होंने सरकार प्रशासन, धर्मप्रांत, विभिन्न उपकारकों और अन्य धर्मों के भाई-बहनों को धन्यवाद दिया जिन्होंने जमशेदपूर धर्मप्रांत को बढ़ने में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से अपना योगदान दिया। उन्होंने जमशेदपूर धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष तेलेस्फोर बिलुँग, सभी पुरोहितों, धर्मबहनों धर्मबंधुओं और लोकधर्मियों को धन्यवाद और बधाई दी। महाधर्माध्यक्ष लेओपोल्दो ने वहाँ उपस्थित सभी अतिथियों, विश्वासियों और तीर्थयात्रियों के लिए भी खास संदेश दिया। उन्होंने कहा, “कलीसिया के जीवन में आपकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। धर्माध्यक्ष, पुरोहितों, धर्मसंघियों और धर्मबहनों की कुशल अगुवाई में आप अपने आध्यात्मिक सामाजिक एवं धर्मिक उपल्ब्धियों को प्रप्त कर सकते हैं आप में से प्रत्येक विश्वास को अच्छी तरह से जीने के लिए बुलाए गये हैं, दूसरों के लिए आदर्श बनें। मुक्तिदाता येसु ख्रीस्त आपको अपने प्रेम और दया से भर दे। अपने संबोधन को अंत करते हुए कहा, “मैं यह आशा और प्रार्थना करता हूँ कि ईश्वर की ओर अग्रसर पथ में 150वें वर्षगांठ का महोत्सव आपमें नया उत्साह प्रदान करे। संत जोसेफ मजदूर जो हमारे धर्मप्रांत के संरक्षक हैं आपको चाहे आप किसी भी धर्म या जाति के क्यों न हों, प्रेम और आशा का ज्वलंत आदर्श बने।” पवित्र मिस्सा के अंत में सभी धर्माध्यक्षों और वेदी पर उपस्थित पुरोहितों ने तीर्थालय में प्रवेश कर माता मरिया का दर्शन किया और इस तरह पवित्र मिस्सा समारोह सम्पन्न किया गया।
धर्माध्यक्ष बिलुँग ने धर्मप्रांत की ओर से वहाँ उपस्थित सभी विश्वासियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने संत पापा के प्रतिनिधि प्रोरितिक राजदूत को महाधर्माध्यक्ष जिरेल्ली, कलकत्ता के धर्माध्यक्ष थोमस डिसूजा और राँची महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो को शोल ओढ़ाकर उन्हें सम्मानित किया।
जुबली समारोह में प्रथम बपतिस्मा प्राप्त काथलिकों के दो परिवार के सदस्य उपस्थित थे।
महाधर्माध्यक्ष जिरेल्ली ने प्रथम बपतिस्मा प्राप्त काथलिकों की चौथी पीढ़ी के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
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