मोदी और भारत के ख्रीस्तीय समुदाय के बीच 'क्रिसमस कूटनीति'
वाटिकन न्यूज
नई दिल्ली, बृहस्पतिवार, 28 दिसम्बर 2023 (एशियान्यूज़) : भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में पदभार संभालने के बाद, पहली बार क्रिसमस पर नई दिल्ली में अपने आधिकारिक निवास में ख्रीस्तीय समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की, जिसमें एक साथ छुट्टी मनाने के भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन के प्रस्ताव का स्वागत किया गया।
मुलाकात में देशभर से ख्रीस्तीय समुदाय के प्रमुख धर्मगुरू उपस्थित थे, जिनमें मुंबई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वाल्ड ग्रेसियस, दिल्ली महाधर्माध्यक्ष अनिल जोसेफ थॉमस कूटो, गुड़गांव के सेंट जॉन क्राइसोस्टोम के ऑर्थोडॉक्स बिशप थॉमस मार एंथोनियोस वलियाविलायिल; वाटिकन दूतावास के दूसरे सचिव केविन जे. किमटिस; दिल्ली के एंग्लिकन धर्मप्रांत के बिशप माननीय पौल स्वरूप; सेंट स्टीफन कॉलेज के प्रिंसिपल जॉन वर्गीस और नागरिक समाज के अन्य प्रतिनिधि शामिल थे।
मोदी ने पवित्र बाइबिल का उदाहरण देते हुए भारत में विभिन्न धर्मों के बीच मूल्यों की समानता पर प्रकाश डाला, जो दूसरों की सेवा में सदाचार पर जोर देती हैं। मोदी ने कहा, "पवित्र बाइबिल में सत्य को बहुत महत्व दिया गया है और कहा गया है कि केवल सत्य ही हमें मुक्ति का रास्ता दिखाएगा।" ख्रीस्तीय धर्मग्रंथ और पवित्र हिंदू उपनिषदों के बीच संबंध को रेखांकित करते हुए, इस पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि सत्य का ज्ञान ही हमें मुक्त करता है।
मोदी ने आगे कहा कि वे साझा मूल्यों और विरासत पर ध्यान केंद्रित करके आगे बढ़ते हैं। "21वीं सदी में आधुनिक भारत के लिए, सहयोग और 'सबका प्रयास' की यह भावना देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।"
जबकि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता संभालने के बाद से कोई सद्भाव नहीं रहा है: उस वर्ष ख्रीस्तीयों के खिलाफ हिंसा और गिरफ्तारियों की 147 घटनाएँ दर्ज की गईं थीं, तब से 2015 में 177, 2016 में 208, 2017 में 240, 2018 में 292, 2019 में 328, 2020 में 279, 2021 में 505, 2022 में 599 और नवंबर 2023 में 687 के साथ मामले लगातार बढ़े हैं।
धर्मांतरण विरोधी कानूनों की शुरूआत के बाद ईसाइयों के प्रति हिंसा में वृद्धि के बावजूद, मोदी ने याद किया कि कैसे 2021 में पोप फ्राँसिस के साथ उनकी मुलाकात ने उन पर गहरा प्रभाव डाला था। इस अवसर के लिए, उन्होंने पिछले वर्षों के पोप के क्रिसमस संदेशों में से एक का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने गरीबी को समाप्त करने हेतु संघर्ष कर रहे लोगों के लिए ईसा मसीह का आशीर्वाद मांगा था। मोदी ने कहा, "यह सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास" के मंत्र को प्रतिबिंबित करता है।
कार्डिनल ग्रेसियस ने प्रधानमंत्री को उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद दिया और यह भी कहा कि यह दिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। अतः उन्होंने दूसरों के विकास और प्रगति के लिए काम करने की ईसा मसीह की शिक्षाओं की तुलना करते हुए, सुशासन के प्रति अपने जुनून की बात की।
अंत में, मोनसिग्नोर अनिल कूटो ने अपने आवास में क्रिसमस समारोह आयोजित करने के लिए मोदी को धन्यवाद देते हुए इस महत्व को रेखांकित किया कि इस भाव ने छुट्टी को न केवल ईसाई समुदाय का उत्सव बल्कि एक राष्ट्रीय अवकाश बना दिया। उन्होंने शांति, प्रेम और एकता के संदेश को आगे बढ़ाते हुए देश के सभी नागरिकों की भलाई की आशा की।
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