फादर लोहरे: 'कैद के दौरान वाटिकन रेडियो ने कलीसिया का सदस्य होने का एहसास कराया'
डेविन वॉटकिंस और जॉन बैपटिस्ट टुमुसीमे
वाटिकन सिटी, शुक्रवार 19 जनवरी 2024 (वाटिकन न्यूज) : "मेरा कैदी होना, एक ऐसा समय था जब ईश्वर ने मुझे अपनी ताकत को नवीनीकृत करने, अपने विश्वास को नवीनीकृत करने के लिए दिया था ताकि बाद में लोगों के लिए उपयोगी हो सकूँ।"
फादर हंस-जोआकिम लोहरे, एमएएफआर, बमाको में 2022 में ख्रीस्त राजा का मिस्सा समारोह मनाने के लिए जा रहे थे, जब हथियारबंद लोगों ने उनकी कार के पीछे आकर कहा कि उन्हें गिरफ़्तार किया जा रहा है और उन्हें अपने वाहन में खींच लिया।
“यह केवल कुछ सेकंड का प्रश्न था,” उन्होंने बताया। फिर उन लोगों ने उसे कुछ घंटों के बाद जंगल में जिहादियों को सौंप दिया।
उन्होंने कहा, ''जब मुझे जिहादियों को सौंप दिया गया। मेरे दाहिनी ओर के व्यक्ति ने कहा, 'डरो मत; हम अच्छे हैं। हम अल-कायदा से हैं। हम इस्लामिक स्टेट की तरह नहीं हैं जो लोगों को मारते हैं।' तुम्हें हमसे डरने की कोई जरूरत नहीं है।''
इस प्रकार माली के रेगिस्तान में इस्लामी आतंकवादियों के हाथों जर्मन में जन्मे मिशनरी की साल भर की कठिन परीक्षा शुरू हुई।
कैद किया गया लेकिन सम्मान दिया गया
66 वर्षीय फादर लोहरे ने माली में अफ्रीका के मिशनरी के रूप में 30 वर्षों से अधिक समय तक सेवा की है, जिन्हें आमतौर पर वाइट फादर्स के रूप में जाना जाता है।
नवंबर 2023 के अंत में कैद से रिहा होने के बाद, फादर लोहरे ने वाटिकन रेडियो - वाटिकन न्यूज़ के स्टूडियो का दौरा किया। उन्होंने जॉन बैपटिस्ट टुमुसीमे के साथ एक साक्षात्कार में अपनी कहानी साझा की।
यह पूछे जाने पर कि क्या ख्रीस्तीय धर्म के प्रति घृणा के कारण उनका अपहरण किया गया था, काथलिक फादर ने कहा कि उन्होंने अपने अपहरणकर्ताओं से भी यही सवाल पूछा था।
उन्हें यह उत्तर मिला: “हमने आपको इसलिए अपहरण नहीं लिया क्योंकि आप एक पुरोहित हैं या इसलिए कि आप अंतरधार्मिक संवाद में शामिल हैं। लेकिन हम इसलिए ले गए क्योंकि आप जर्मन हें और हम जर्मनी के साथ युद्ध में हैं, क्योंकि जर्मनी हमसे लड़ने के लिए अपने सैनिकों को माली भेजता है और जर्मनी अन्य यूरोपीय देशों के साथ मिलकर हमारे खिलाफ कौलिकोरो में मालियन सेना को प्रशिक्षण भी दे रहा है। तो, आप युद्धबंदी हैं।"
हालाँकि, फादर लोहरे ने कहा कि बंधक बनाने वालों ने उनके साथ बहुत सम्मान से व्यवहार किया, फिर भी वे हमेशा हथियारों से लैस रहते थे और उन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ते थे। उन्होंने कहा, "यदि आप कभी माली गए हैं, या यदि आप कभी अफ्रीका गए हैं, तो आप देखेंगे कि लोग सबसे अधिक स्वागत करते हैं।" "आतिथ्य सत्कार एक बहुत बड़ी बात है और विशेष रूप से बड़ों का सम्मान भी।"
एक बार उसने धोने के लिए अपनी शर्ट उतार दी। लेकिन उनमें से एक आदमी तुरंत आया और उसे धोने के लिए ले गया। उसके बाद, वे उससे हर हफ्ते पूछते थे कि क्या वह जिहादियों के साथ अपने कपड़े भी धोना चाहता है।
संत पापा की प्रार्थना सभा को सुनना, कलीसिया के साथ महसूस करना
फिर, 24 दिसंबर 2022 की रात को, एक महीने से अधिक बंधक के रूप में रहने के बाद, फादर लोहरे ने एक व्यक्ति को शॉर्टवेव रेडियो सुनते हुए देखा। जब उसका कार्यक्रम समाप्त हो गया तो फादर लोहरे ने पूछा कि क्या वह रेडियो कुछ देर के लिए ले सकता है।
कुछ देर के बाद, उन्हें वाटिकन रेडियो की एक शॉर्टवेव आवृत्ति मिली, जो उस समय संत पेत्रुस महागिरजाघर से रात के दौरान संत पापा फ्राँसिस का क्रिसमस मिस्सा का प्रसारण कर रहा था।
कुछ महीने बाद, फादर लोहरे को रेडियो के अधिकाधिक उपयोग की अनुमति दी गई। हर दोपहर, वह डायल को स्कैन करता था और अंग्रेजी और फ्रेंच भाषा के दैनिक समाचार प्रसारण सुनता था।
उन्होंने कहा, "इससे मुझे विश्वव्यापी कलीसिया का हिस्सा महसूस करने में बहुत मदद मिली।"
वाटिकन न्यूज़ रेगिस्तान में रोशनी
अपनी कठिन परीक्षा के बावजूद, फादर लोहरे को कभी संदेह नहीं हुआ कि ईश्वर उसे जीवित वापस लाएंगे।
एक रात, नवंबर 2023 में, वह बाहर निकला, सितारों की ओर देखा और ईश्वर से कहा: "ठीक है, प्रभु, आपके चमत्कार के लिए बहुत देर नहीं हुई है।"
उसी क्षण, उसने एक टूटता हुआ तारा देखा और उसे विश्वास हो गया कि वह जीवित रहेगा।
फिर, थोड़ी देर बाद, उसने एक और टूटता तारा देखा। पाँच या छह दिन बाद, उसे बंदी बनाने वाले फादर लोहरे के पास आये और उसे बताया कि वह अगले दिन जा रहा है। अगली सुबह, उन्हें रिहा कर दिया गया और वे जर्मनी के लिए रवाना हो गए।
शारीरिक रूप से बाध्य, आध्यात्मिक रूप से मुक्त
एक पुरोहित के रूप में, फादर लोहरे पवित्र मिस्सा चढ़ाने या संस्कार प्राप्त करने में असमर्थ थे, लेकिन उन्होंने अपनी कठिनाई को इस तरह लिया जैसे कि यह एक विश्राम और रिचार्ज करने का मौका हो।
उन्होंने कहा, ''मैं थक गया था और मुझे ब्रेक की जरूरत थी। और हम देखते हैं कि येसु ने भी वैसा ही किया। वह तीन दिनों तक भीड़ के बीच प्रचार करता रहा, उन्हें खाना खिलाता रहा और सिखाता रहा। लेकिन फिर हमने सुसमाचार में पढ़ा कि रात के दौरान वह प्रार्थना में अपने पिता के साथ अकेले रहने के लिए पहाड़ पर गया।
रमज़ान के इस्लामी पवित्र महीने के दौरान, फादर लोहरे ने दिन के उपवास को एक अनौपचारिक इग्नासियुस आध्यात्मिक साधना में बदलने की मांग की।
उन्होंने कहा, "मैं इस समय को वास्तव में प्रार्थना के समय के रूप में जी रहा था और मैं यह कह सकता हूँ कि, मुझे इस तरह का अनुभव पहले कभी नहीं हुआ - और शायद बहुत कम लोगों को हुआ है - कि एक साल में, मेरी कैद के 371 दिनों में से, मैंने 368 दिन शांति और सांत्वना में बिताया। यह बात अपने बारे में कौन कह सकता है?”
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