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चीन का काथलिक गिरजाघर चीन का काथलिक गिरजाघर  (AFP or licensors)

चीन : शाओवु के नये धर्माध्यक्ष का अभिषेक सम्पन्न

अनंतिम समझौते के ढांचे पर शाओवु के नये धर्माध्यक्ष पियेत्रो वू यिशून का धर्माध्यक्षीय अभिषेक 31 जनवरी को फ्यूजियन प्रांत में सम्पन्न हुआ।

चीन, बृहस्पतिवार, 1 फरवरी 2024 (रेई) : उनकी नियुक्ति की घोषणा बुधवार को परमधर्मपीठ के प्रेस कार्यालय द्वारा उनके धर्माध्यक्षीय अभिषेक के बाद की गई, जैसा कि परमधर्मपीठ और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के बीच अनंतिम समझौते के ढांचे में निर्धारित किया गया था।

बिशप पियेत्रो वू यिशून का जन्म 7 दिसम्बर 1964 को हुआ था। उनका पुरोहिताभिषेक 15 अगस्त 1992 को शियामेन धर्मप्रांत के लिए हुआ था।

बाद में उन्हें मिनबेई भेजा गया। उन्होंने वहां एक पुरोहित के रूप में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएँ निभाईं, जिसमें नानपिंग के पल्ली पुरोहित, शाओवु एवं जियान'उ के प्रेरितिक अध्यक्ष की जिम्मेदारियाँ शामिल हैं।

फ्यूजियन प्रांत में काथलिक समुदाय

फिदेस न्यूस के अनुसार नये धर्माध्यक्ष का पावन अभिषेक जियानेयांग जिला के केनगुयन पल्ली में सम्पन्न हुआ जो नांगपियांग शहर (फूजियन प्रांत) में मरियम के जन्म को समर्पित है।

बीजिंग के धर्माध्यक्ष जुसेप्पे ली शान ने अभिषेक की अध्यक्षता की। तीन अन्य चीनी धर्माध्यक्ष, चीन के विभिन्न धर्मप्रांतों के लगभग 80 पुरोहित और 360 से अधिक ख्रीस्तीय विश्वासी धर्मविधि में भाग लिये।

फिदेस के अनुसार, शाओवू (मिनबेई) धर्मप्रांत में कलीसियाई समुदाय का जीवन धर्मशिक्षा, धार्मिक अनुष्ठानों, प्रार्थनाओं, परोपकारी कार्यों और हर साल संत जोसेफ, मरियम, पवित्र हृदय एवं रोजरी को समर्पित महीने को मनाते हुए आगे बढ़ रहा है।

प्राचीन मूल के गिरजाघरों को बचाया और पुनःस्थापित किया जा रहा है, तथा पोप द्वारा सुझाई गई प्राथमिकताओं के अनुसार प्रेरितिक पहल को साझा किया जाता है।

इस प्रकार, पोप बेनेडिक्ट 16वें  द्वारा संत पौलुस को समर्पित वर्ष और पोप फ्रांसिस द्वारा घोषित दया की असाधारण जयंती के दौरान धर्मप्रांत की पल्लियों ने विशिष्ट पहल में भाग लिया।

ओलंपिक की सफलता और महामारी की समाप्ति के लिए धर्मप्रांतीय पल्लियों में प्रार्थनाएँ की गईं। भूकंप और प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में, प्रभावित आबादी के लिए धन और राहत सामग्री एकत्र की जाती है।

करूणा के वर्ष के दौरान, धर्मप्रांतीय समुदाय ने 110 साल से भी अधिक समय पहले बनाए गए दो प्राचीन गिरजाघरों को पवित्र द्वार के साथ तीर्थस्थल के रूप में नामित किया, इस प्रकार सार्वभौमिक कलीसिया और संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे।

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01 February 2024, 15:16