अमेज़ॅन नदी: येसु मसीह की आशा और सांत्वना ले जाने वाली एक नाव
सिस्टर डेबोरा इवांजेलिना वर्गास, ए.एस.सी.जे.
अमेज़ॅन, मंगलवार 19 मार्च 2024 (वाटिकन न्यूज) : सिस्टर मार्सिया लोपेस असिस येसु के पवित्र हृदय के प्रेरितों के धर्मसमाज की धर्मबहन है। वह अमेज़ॅन में जुरुति-पारा में नुएस्ट्रा सेन्योरा डे ला सालुद पल्ली में अपना प्रेरिताई काम करती है। यह पल्ली ब्राज़ील में ओबिडोस धर्मप्रांत के अंदर आता है।
सिस्टर मार्सिया साझा करती हैं कि उनकी "बुलाहट शुरू से ही एक मिशनरी रहा है" और उनकी पूरी यात्रा के दौरान, ईश्वर ने उन्हें दिए गए हर मिशनरी अनुभव से उन्हें हमेशा आश्चर्यचकित किया है।
वे कहती हैं, ''वे सभी असाधारण और गहन अनुभव रहे हैं और मैं उनके लिए बहुत आभारी हूँ।'' जुरुति अलग नहीं है; यह एक अद्भुत अनुभव है जिसने मुझे अपने बुलाहट के सार और हमारे संस्थापक के करिश्मे को फिर से खोजने का अवसर दिया है, जिसे मैं अपने अंदर रखती हूँ। यहां, 'घर' का वह अर्थ नहीं है जो अन्य स्थानों पर है, जहां हम किसी ऐसी स्थिर चीज़ के बारे में सोचते हैं जो हमारी सभी जरूरतों को पूरा करती है या जहां हम बाहरी खतरों से सुरक्षित हैं। यहां, 'घर' एक नाव में या आम के पेड़ के नीचे स्थापित झूले में; सड़क पर या खुले आश्रय में या अपने स्वयं के पवित्र स्थान के अंदर पाया जा सकता है।"
बच्चे: उत्तम शिक्षक
अपनी विभिन्न गतिविधियों के बीच, सिस्टर मार्सिया पल्ली मिशनरी काउंसिल (सीओओमआईपीए) में एक सलाहकार है, जो संत पापा फ्राँसिस के निमंत्रण “मिशनरी कलीसिया बनना” को स्वीकार करते हुए मिशनरी कलीसिया को आगे बढ़ा रहे हैं। सीओओमआईपीए का लक्ष्य पल्ली क्षेत्र के 78 समुदायों तक पहुंचना है, विशेष रूप से वे जो सबसे दूरस्थ हैं - 60 किलोमीटर से अधिक दूर - सबसे नाजुक और सबसे अधिक जरूरतमंद समुदाय तक पहुँचना।
सिस्टर मार्सिया बताती हैं, अमेज़ॅन नदी पार करना कोई आसान काम नहीं है। जब हम सांता रीटा समुदाय में पहुंचे, तो बच्चों ने मेरा स्वागत किया, जो किसी अजनबी के आगमन से बहुत डरे हुए थे, लेकिन हम जल्द ही बहुत करीब आ गए। कुछ लोग डरते हैं क्योंकि वे मुझे नर्स या दंत चिकित्सक समझ लेते हैं; अन्य लोग मुझे शिक्षक कहते हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश मंत्रमुग्ध हैं और पास ही रहते हैं, कहते हैं कि बड़े होकर वे भी उसकी तरह धर्मसंघी बनेंगे।
अपनी कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में, बच्चों ने धर्म बहन को नाव चलाना सिखाने की पेशकश की। वह आगे कहती हैं, ''मुझे बच्चों में सबसे अच्छे शिक्षक मिले।''
चुनौतीपूर्ण प्रकृति
जिस क्षेत्र में सिस्टर मार्सिया अपने मिशन के लिए जाती है, वहां कई चुनौतियों में से एक "टिएरा कैडा" की घटना है, जिसका अर्थ है कि द्वीप जो पानी के निरंतर बल के कारण गायब हो गए हैं।
इसके कारण कुछ घरों में पानी भर जाता है, और कई परिवारों को तब तक छोड़ना पड़ता है जब तक कि जल स्तर वापस नीचे नहीं चला जाता। इसका परिणाम शैक्षणिक वर्ष नागरिक कैलेंडर के बजाय "जल कैलेंडर" के अनुसार होता है। एक नाव है जो बच्चों को घर से उठाती है और स्कूल ले जाती है।
नदी की आवाज़ के साथ झूले में सोने, लैंडलाइन या सेलफोन न होने और अन्य अनुभवों से सिस्टर मार्सिया को करुणा का अनुभव करने और एक महान सबक सीखने में मदद मिली।
"चीज़ें जैसी हैं उन्हें वैसे ही स्वीकार करना" और परिवारों द्वारा दी गई शक्ति, आशा और लचीलेपन के साक्ष्य के लिए आभारी होना।
आशा लेकर चलने वाली नाव
"संत पापा फ्राँसिस हॉस्पिटल बोट" में 35 लोग काम करते हैं और सिस्टर मर्सिया उस टीम की एक सदस्य है। टीम में 10 डॉक्टर, दो दंत चिकित्सक और एक पुरोहित फादर अल्फोंसो लाम्बर्ट शामिल हैं। यह स्वागत करने, प्रयास करने, जीवन की रक्षा करने और सुसमाचार प्रचार, सादगी और प्रेम का घर है।
नाव पर दिन की शुरुआत सुबह पवित्र मिस्सा के साथ होती है। फिर डॉक्टर उनके लक्षणों के अनुसार रोगियों का इलाज करते हैं।
“मैं परिवारों का स्वागत करने, बच्चों को सुसमाचार प्रचार करने और सर्जरी के बाद बीमारों का साथ देने या यदि वे स्वयं वहां नहीं पहुंच सकते हैं तो चिकित्सक के पास ले जाती हूँ। सिस्टर मार्सिया कहती हैं, ''मैं बीमारों के बीच पवित्र परमप्रसाद बांटती हूँ।''
अपने अभियानों में, उन्होंने लगभग 5,200 लोगों की देखभाल की है और कुछ मामलों में, सरल सर्जरी भी की है। कुछ मरीज़ आठ साल से इंतज़ार कर रहे थे।
अपने यात्रा कार्यक्रम में, उन्होंने अरितापेरा क्षेत्र और मामुरु जनजाति क्षेत्र का दौरा किया है। सिस्टर मार्सिया पुष्टि करती हैं, "हम हॉस्पिटल बोट और येसु के बीच एक सामंजस्य बना सकते हैं: जैसे वे सभी बीमारों को उनके पास लाते थे ताकि वह उन्हें ठीक कर सकें, हॉस्पिटल बोट के साथ भी ऐसा ही होता है।"
उस अवधि में, सिस्टर मार्सिया को एक समारी कलीसिया का अनुभव हुआ जो इलाज के रूप में प्यार की पेशकश करती थी।
सिस्टर मार्सिया ने कहा, “जीवन में उद्देश्य ही है जो यह अर्थ देता है कि कोई कहां है और वह क्या करता है। ईश्वरीय विधान हमें जहां भी रखे, हमें एक मिशन बनने से कोई भी रोक नहीं सकता और प्रेम सभी की प्रेरक शक्ति है।''
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