खोज

2024.06.07नाइजीरिया के लागोस में स्टाफ और तस्कर के हाथों से बचे लोगों के साथ प्रशिक्षण सत्र के बाद सिस्टर जुस्टिना नेल्सन 2024.06.07नाइजीरिया के लागोस में स्टाफ और तस्कर के हाथों से बचे लोगों के साथ प्रशिक्षण सत्र के बाद सिस्टर जुस्टिना नेल्सन  #SistersProject

नाइजीरिया: मानव तस्करी के पीड़ितों की सेवा में समर्पित दया की धर्मबहनें

मानव तस्करी से निपटना नाइजीरिया में दया की धर्मबहनों के लिए एक प्राथमिकता है, जो अक्सर पीड़ितों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करते हैं। सिस्टर जुस्टिना सुएकिम नेल्सन तस्करी के पीड़ितों को आज़ादी तक साथ ले जाने की अपनी कहानी बताती हैं।

सिस्टर ओलुवेकेमी अकिनले, एफएसपी

लागोस, गुरुवार, 13 जून 2024 (वाटिकन न्यूज) : नाइजीरिया में दया की धर्मबहनें मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई पर अपना योगदान देती हैं। हर क्षेत्र और प्रांत को मानव तस्करी के मुद्दे पर सक्रिय रुख अपनाने की आवश्यकता है।

सिस्टर जुस्टिना सुकेम नेल्सन को नाइजीरियाई क्षेत्र में तस्करी विरोधी समन्वयक और अंतर-धर्मसंघीय तस्करी विरोधी टीम में भूमिका निभाने के लिए नियुक्त किया गया था।

सिस्टर जुस्टिना ने 1985 में नाइजीरिया में दया की धर्मबहनों के धर्मसमाज में प्रवेश किया और 1988 में अपना पहला मन्नत लिया, जिसके बाद उन्हें विभिन्न प्रेरितिक कार्यों करने के लिए नियुक्त किया गया। उन्होंने पल्लियों में काम किया, धर्मशिक्षा दी और घर-घर जाकर लोगों से मुलाक़ात की, जो कि दया की धर्मबहनों के रूप में उनके करिश्मे का हिस्सा है।

एक तस्वीर जो मदद के लिए पुकार रही थी

2008 से, सिस्टर जुस्टिना ने तस्करी की शिकार युवा लड़कियों के पुनर्वास में मदद करने और दुर्व्यवहार के पीड़ितों के लिए आवाज़ उठाने के लिए अथक प्रयास किया है। एक अंतरराष्ट्रीय टीम के सदस्य के रूप में वह विभिन्न देशों में मानव तस्करी की बुराइयों से और अधिक परिचित हुईं।

“एक बार, जब मैं तस्करी विरोधी कार्यक्रम के लिए ऑस्ट्रेलिया में थी, तो मैंने एक नाइजीरियाई लड़की का तस्वीर देखा, जिसे वहाँ तस्करी करके लाया गया था। तुरंत मेरे दिमाग में यह बात आई कि वहाँ पहुँचने के लिए उसे कितनी लंबी दूरी तय करनी पड़ी होगी और इतनी लम्बी यात्रा करने में कितना खर्च आएगा। मुझे उसके और तस्करी की शिकार कई अन्य लड़कियों के लिए कुछ करने की चुनौती मिली।”

दुर्व्यवहार के शिकार लोगों की पैरवी करने के लिए न्यायालय जाना

कुछ अवसरों पर, सिस्टर जुस्टिना को दुर्व्यवहार के शिकार लोगों की पैरवी करने के लिए न्यायालय जाना पड़ा।

वे दो विशेष मामलों को साझा करती हैं। पहला, पंद्रह वर्षीय लड़की, एथला (उसका असली नाम नहीं) की कहानी, जिसे एक परिवार में घरेलू सहायिका के रूप में काम पर रखा गया था। वह अनाथ थी और उसे एक रिश्तेदार द्वारा शहर में लाया गया था। एथला को अक्सर पीटा जाता था, उसे अपमानजनक नामों से पुकारा जाता था और उसे उसे ठीक से खाना नहीं दिया जाता था। जब एथला इसे और सहन नहीं कर सकी, तो वह परिवार से भागकर धर्मबहनों के पास चली गई। सिस्टर जुस्टिना उसकी कहानी बताने के लिए पुलिस के पास गई। उसकी कहानी की पुष्टि करने के बाद, उसके मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायालय में आरोप लगाया गया।

“फिर वकील ने मुझे बुलाया और पूछा, ‘सिस्टर जुस्टिना, क्या आप लड़की के बचाव में गवाही देंगी यदि आपको ऐसा करने के लिए कहा जाए?’ सिस्टर जस्टिना ने कहा, “मैंने एक मिनट के लिए इसके बारे में सोचा और उनसे जवाब के लिए कुछ समय देने के लिए कहा।”

अर्थात्, नाइजीरिया में न्यायालय में धर्मबहन को देखना काफी असामान्य है। "मैंने अपने वरिष्ठ अधिकारी से बात की और प्रार्थना करने तथा इस बारे में विचार करने के बाद कि दुर्व्यवहार पीड़ित के जीवन में इसका क्या अर्थ होगा, मैंने गवाही देने का निर्णय लिया। मेरे वरिष्ठ अधिकारी (सुपीरियर) ने बहुत सहयोग किया।"

सिस्टर जुस्टिना ने अदालत में लड़की की आपबीती सुनाई। अंत में, लड़की को महिला के घर से आज़ाद कराया गया और कुछ समय के लिए सरकारी आश्रय में रखा गया, उसके बाद उसे गाँव में उसके रिश्तेदारों के पास वापस भेज दिया गया।

दूसरा प्रकरण एक पिता की बहुत ही परेशान करने वाली कहानी थी जो अपनी बेटियों का यौन शोषण कर रहा था। जब लड़कियों ने आखिरकार हिम्मत करके अपने स्कूल शिक्षिका को यह बात बताई, तो शिक्षिका ने सोचा कि उनकी कहानी सिस्टर जस्टिना को बताना ही बेहतर होगा। सिस्टर जुस्टिना ने याद करते हुए कहा, “उन लड़कियों के लिए मेरा दिल दुख रहा था। हमें उनके लिए तुरंत कुछ करना था!”

उनके पिता को गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन उन्होंने आरोपों से इनकार किया। सिस्टर जुस्टिना ने बताया कि उन्हें कई बार मार डालने की धमकी दी गई थी। उन्होंने कहा, “उस आदमी के पक्ष में शक्तिशाली लोग थे और वे चाहते थे कि हम केस छोड़ दें।” “मुझे कई बार धमकियाँ मिलीं और एक बार तो मैं डर गई थी, लेकिन मैंने हार नहीं माना। मैंने बहुत प्रार्थना किया।”

कई महीनों की सुनवाई के बाद, उस आदमी को आखिरकार आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई।

जोश और साहस के साथ आगे बढ़ना

दया की धर्मबहनें नाइजीरिया के विभिन्न हिस्सों में लोगों को शिक्षित करने के लिए कार्यक्रम चलाती रहती है।

सिस्टर जुस्टिना नेल्सन दुर्व्यवहार के शिकार लोगों और बचे लोगों के लिए न्याय और स्वतंत्रता की मांग करके खुश हैं। सिस्टर जस्टिना ने अपनी कहानी अंत करते हुए कहा, "न्याय के लिए मेरे जुनून और उत्पीड़न के प्रति घृणा ने मेरे अंदर जोखिम के बावजूद हर संभव प्रयास करने की आग जलाई, ताकि लोगों को मानव तस्करी की बुराई के बारे में बताया जा सके। मेरा मानना ​​है कि लोगों को शिक्षित करना और उन्हें जागरूक करना बेहतर है ताकि वे इसका शिकार न बनें।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

13 June 2024, 11:17