महाधर्माध्यक्ष गालाघेरः फिलीपिन्स के काथलिक धर्माध्यक्षों से
वाटिकन सिटी
फिलीपिन्स, बुकीदनॉन, शुक्रवार, 5 जुलाई 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): फिलीपिन्स के काथलिक धर्माध्यक्षों को बुकीदनॉन स्थित प्रभु येसु के रूपान्तरण को समर्पित मठ के गिरजाघर में वाटिकन के विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल गालाघेर ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने काथलिक कलीसिया के सामाजिक धर्मशिक्षा संग्रह के प्रकाशन की 20वीं वर्षगाँठ को याद किया तथा वर्तमान परिप्रेक्षेय में इस संग्रह के महत्व पर प्रकाश डाला।
कम्पेन्डियुम की 20 वीं वर्षगाँठ
"कम्पेन्डियुम ऑफ द सोशल डॉक्ट्रिन ऑफ द चर्च" शीर्षक से 02 अप्रैल 2004 को काथलिक कलीसिया के धर्मशिक्षा संग्रह का विमोचन परमधर्मपीठीय न्याय एवं शांति सम्बन्धी समिति के तत्कालीन अध्यक्ष कार्डिनल रेनातो आर मार्तिनो द्वारा किया गया था।
फिलीपिनी धर्माध्यक्षों से वाटिकन विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल गालाघेर ने कहा कि काथलिक कलीसिया के सामाजिक धर्मशिक्षा संग्रह का प्रकाशन कलीसिया के जीवन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण था, इसलिये यह उचित ही है कि इसकी 20 वीं वर्षगाँठ पर हम इस पर चर्चा करें।
संग्रह के शब्द समसामयिक
महाधर्माध्यक्ष गालाघेर ने स्मरण दिलाया कि कलीसिया की सामाजिक धर्मशिक्षा संग्रह के प्रकाशन के अवसर पर तत्कालीन वाटिकन राज्य के सचिव कार्डिनल आन्जेलो सोदानो ने कहा थाः "मानवता आज वैश्वीकरण की विशाल परिघटना से निपटने के लिये अधिक न्याय की अपेक्षा करती है; उसे पारिस्थितिकी और सार्वजनिक मामलों के सही प्रबंधन की गहरी चिंता है; वह राष्ट्रीय विवेक की रक्षा करने की आवश्यकता महसूस करती है, तथापि कानून के मार्ग और मानव परिवार की एकता के प्रति जागरूकता को नजरअंदाज नहीं करती है।"
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि कार्डिनल सोदानो के शब्द आज भी उतने ही समसामयिक और सत्य हैं जितने वे दो दशक पहले थे जब उन्होंने इन्हें लिखा था। उन्होंने कहा, "शायद वे आज हमारे वर्तमान समय में और भी अधिक प्रासंगिक हो उठे हैं: वैश्वीकरण के परिणाम, पारिस्थितिकी संकट और सार्वजनिक मामलों के सही और न्यायपूर्ण प्रबंधन की आवश्यकता; ये ऐसे मुद्दे हैं जो आज, बीस साल पहले की तुलना में, कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो उठे हैं।"
संग्रह और सन्त पापा फ्राँसिस
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि यह ध्यान देने योग्य बात है कि सन्त पापा फ्रांसिस ने अपने परमाध्यक्षीय नियुक्ति के बाद से ही कलीसिया की सामाजिक धर्मशिक्षा संग्रह का लगातार उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि इसे सन्त पापा के परमाध्यक्षीय काल का आधारभूत दस्तावेज़ कहा जा सकता है, 2013 में प्रकाशित प्रेरितिक उदबोधन एवान्जेली गाओदियुम में, सन्त पापा ने लिखा कि यह संग्रह एक "सबसे उपयुक्त उपकरण है [...], जिसके उपयोग और अध्ययन की मैं दिल से अनुशंसा करता हूँ" और फिर, उनके विश्वपत्र पत्र फ्रातेल्ली तूती में, कलीसिया के सामाजिक धर्मशिक्षा संग्रह का नौ बार उल्लेख किया गया है।
संग्रह हमारा मार्गदर्शक
फिलीपीनी धर्माध्यक्षों से उन्होंने आग्रह किया कि अपनी प्रेरिताई में अधिकाधिक कलीसिया के सामाजिक धर्मशिक्षा संग्रह का उपयोग कर इससे मार्गदर्शन लें।
उन्होंने स्मरण दिलाया कि "...कलीसिया के सामाजिक धर्मशिक्षा संग्रह में चिंतन हेतु सिद्धांत, निर्णय के मानदंड और कार्रवाई के निर्देश पाए जा सकते हैं जो एक समग्र और एकजुट मानवतावाद को बढ़ावा देने के लिए शुरुआती बिंदु हैं। अस्तु, उन्होंने कहा कि उक्त संग्रह में निहित धर्मतत्व सिद्धांतों का प्रसार एक वास्तविक पुरोहित एवं मिशनरी की प्राथमिकता होनी चाहिये, ताकि पुरुष और महिलाएं इससे प्रबुद्ध होकर आज की वास्तविकता की व्याख्या करने और कार्रवाई के उचित मार्ग तलाशने में सक्षम बन सकें।"
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