मसीह के शरीर का सच्चा सम्मान
अंद्रेया तोर्नेली - संपादक
वाटिकन सिटी, शनिवार 27 जुलाई 2024 : 17 जुलाई की शाम को इंडियानापोलिस में यू.एस. यूखरिस्तीय कांग्रेस के उद्घाटन पर दिए गए भाषण में, प्रेरितिक राजदूत क्रिस्टोफ़ पियरे ने एक प्रश्न पूछा: "यूखरीस्तीय पुनरजीवन" का वास्तव में क्या अर्थ है? और, उन्होंने पूछा, हम कैसे निर्धारित कर सकते हैं कि हम एक सच्चे यूखरीस्तीय जागरण का अनुभव कर रहे हैं?
कार्डिनल पियरे के अनुसार, एक वास्तविक यूखरीस्तीय पुनरजीवन, हालांकि हमेशा पवित्र भक्ति के साथ-जैसे कि आराधना, जुलूस और धर्मशिक्षा-भक्ति प्रथाओं से परे होना चाहिए। कार्डिनल पियरे ने समझाया कि एक सच्चा "यूखरीस्तीय जागरण का अर्थ है दूसरों में मसीह को देखना, न केवल हमारे अपने परिवारों, दोस्तों और समुदायों में, बल्कि उन लोगों में भी जिन्हें हम उनकी जातीयता, सामाजिक स्थिति या भिन्न विचारों के कारण दूर महसूस करते हैं। ये शब्द विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अमेरिकी समाज की विशेषता ध्रुवीकरण है, जिससे उस महान देश की कलीसिया अछूती नहीं है।
राजदूत के विचार कलीसिया महान आचार्य, संत जॉन क्रिसोस्तम के एक प्रवचन की याद दिलाते हैं, जिन्होंने कहा था: "क्या आप मसीह के शरीर का सम्मान करना चाहते हैं? इसे अपने सदस्यों के माध्यम से तिरस्कृत न होने दें, अर्थात् उन गरीबों के माध्यम से जिनके पास खुद को ढकने के लिए कपड़े नहीं हैं। यहाँ गिरजाघऱ में रेशमी कपड़ों से उसका सम्मान न करें, जबकि बाहर उसकी उपेक्षा करते हैं, जहाँ वह ठंड और नंगेपन से पीड़ित है... मसीह को इससे क्या लाभ है यदि बलिदान के लिए मेज सोने के बर्तनों से लदी हो, जबकि वह गरीब के रुप में भूख से मरता है?"संत क्रिसोस्तम ने आगे कहा, "उसी तरह से मसीह के बारे में सोचें जब वह तीर्थयात्री के रूप में आश्रय की तलाश में भटकता है। आप उसे अजनबी में स्वागत करने से इनकार करते हैं, फिर भी पवित्र इमारत के फर्श, दीवारों, स्तंभों और दीवारों को सजाते हैं... जब आप आराधना के लिए जगह सजाते हैं, तो अपने पीड़ित भाई के लिए अपना दिल बंद न करें। वह जीवित मंदिर है जो दूसरे इमारत की तुलना में अधिक कीमती है।"
एक अन्य महान धर्माध्यक्ष, डॉन तोनिनो बे्लो ने कहा था: "दुर्भाग्यवश, हमारे शहरों की दिखावटी समृद्धि हमें हमारी वेदियों के यूखरिस्ट में मसीह के शरीर को आसानी से पहचानने देती है, लेकिन दुखित,जरुरतमंद, पीड़ित और अकेलेपन के असुविधाजनक ताबूतों में मसीह के शरीर को देखने से रोकती है। यही कारण है कि हमारे यूखरिस्त सनकी हैं..."
संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थिति को देखते हुए, हम केवल यही उम्मीद कर सकते हैं कि यूखरीस्तीय पुनरजीवन गरीबी और हाशिए पर पड़े "असुविधाजनक ताबूत" में मसीह के शरीर पर अधिक ध्यान आकर्षित करेगा। हम यह भी उम्मीद कर सकते हैं कि यह पुनरजीवन मानव जीवन और गरिमा, विशेष रूप से कमजोर और असहाय: अजन्मे, बेघर, प्रवासी और अन्य लोगों के प्रति नए सिरे से ध्यान आकर्षित करेगा। उन लोगों पर नए सिरे से ध्यान देने की आवश्यकता है, जिनका जीवन प्रतिदिन हिंसा और आग्नेयास्त्रों के अनियंत्रित प्रसार से खतरे में रहती है, जिन्हें आसानी से बेचा जाता है - एक ऐसा अभिशाप जो विशेष रूप से इस महान देश को प्रभावित करता है। ख्रीस्तीय उस व्यक्ति के अनुयायी हैं, जिसने गेथसेमनी में, पेत्रुस को बचाव में खींची अपनी तलवार को म्यान में रखने का निर्देश दिया और फिर महायाजक के सेवक के कान को ठीक किया, उन्हें संकट से लड़ना कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
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