डेंटल ड्रिल और स्मार्टफोन के माध्यम से ईश्वर की सेवा करना
बहन फ्रांसिन-मेरी कूपर, आईएसएसएम
इक्वाडोर, शनिवार 13 जुलाई 2024 (वाटिकन न्यूज) : "यह एक उपहार है कि मैं वह सब कुछ कर सकती हूँ जो मुझे पसंद है। मैं आईएसएसएम बहन हूँ - मैंने शोनस्टाट की माता मरिया की समर्पित बहन बनने के लिए दंत चिकित्सा छोड़ दिया था। बाद में मैं फिर से उसी में लग गई। और अब मैं सोशल मीडिया का उपयोग करती हूँ, यह मेरा शौक है।" इस तरह इक्वाडोर की बहन एम. पावला ब्लुम, आईएसएसएम, एक दंत चिकित्सक बनने के रास्ते पर हैं, एक समर्पित बहन के रूप में अपने जीवन का सारांश देती हैं।
वाटिकन न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में, बहन एम. पावला ने बताया कि कैसे वह इन विविध कार्य क्षेत्रों में अपने मिशन को पूरा करने लगीं।
"जब मैं 11 साल की थी, तो मैंने तय किया कि मैं एक दंत चिकित्सक बनुँगी।" शोनस्टाट की माता मरिया की समर्पित बहनों कr संस्था में प्रवेश करने से पहले, उन्होंने पहले से ही तीन साल तक दंत चिकित्सा का अध्ययन किया था। वह शोनस्टाट बहनों को शोनस्टाट आंदोलन में उनके द्वारा किए गए काम के माध्यम से जानती थीं, विशेष रूप से युवाओं और परिवारों के साथ। बहन एम. पावला ने इस जीवन शैली को अपनाने का आह्वान महसूस किया और कल्पना की कि वह शोनस्टाट आंदोलन के साथ प्रेरितिक कार्य करने के लिए भी अपनी सेवा समर्पित करेंगी।
उन्होंने कहा "जब मैंने आईएसएसएम समुदाय में प्रवेश किया, तो मुझे नहीं पता था कि हम एक सेकुलर संस्थान हैं और बहनें कोई भी पेशा अपना सकती हैं।"
सेकुलर संस्थान समर्पित लोगों का समुदाय हैं जो दुनिया में अकेले रह सकते हैं और किसी भी कार्य क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। उनका मिशन समाज के बीच अपनी उपस्थिति के माध्यम से दुनिया को "भीतर से" पवित्र करना है।
बहन एम. पावला को याद आया कि उनकी सुपीरियर ने उनसे पूछा कि क्या वह "काम करना जारी रखना चाहती हैं, या दंत चिकित्सा का अध्ययन करना चाहती हैं?" उन्होंने कहा कि उन्होंने इस पर विचार किया और कहा, "यदि यह संभव है, तो हाँ।" दूसरी ओर, वह यह भी सोच रही थी कि क्या वह सोशल मीडिया की तर्ज पर कुछ नहीं पढ़ सकती।
फिर वह इस निर्णय पर पहुँची: "मैंने सोचा कि शायद मैं बिना किसी उपाधि के सोशल मीडिया कर सकती हूँ। मैं काम कर सकती हूँ, कोर्स कर सकती हूँ, लेकिन मैं अपने डिप्लोमा के बिना दंत चिकित्सक नहीं बन सकती।"
दांत एक खजाना हैं
बहन पावला ने कहा, "मैं जानती हूँ कि लोग आमतौर पर दंत चिकित्सक के पास जाने से डरते हैं और उन्हें यह अजीब लगता है कि हम लोगों के मुंह पर काम करना पसंद करते हैं। आमतौर पर लोग हमारे बारे में यही सोचते हैं, फिर भी मैं लोगों के दांतों और मुंह को "एक खजाना" मानती हैं।"
उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि मुझे इतना प्रशिक्षित होना होगा कि मैं दांतों की देखभाल कर सकूँ, जो हमें बोलने, खाने और अच्छे रिश्ते बनाने में मदद करते हैं, क्योंकि जिन लोगों की मुस्कान अच्छी नहीं होती, उनका आत्म-सम्मान अक्सर कम होता है, कभी-कभी तो वे बोल भी नहीं पाते।"
बहन एम. पावला इस क्षेत्र के काम को लोगों को उनके स्वयं के मूल्य और गरिमा का अनुभव करने में मदद करने का एक बहुत ही व्यावहारिक तरीका मानती हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की मदद करना हमेशा उनकी इच्छा रही है। उन्होंने कहा, "मैं जानती हूँ कि एक दंत चिकित्सक के रूप में मैं कई लोगों के स्वस्थ जीवनशैली को फिर से पाने, अच्छा खाने और जो वे चाहें खाने में मदद कर सकती हूँ और उनके आत्म-सम्मान को बेहतर बना सकती हूँ।"
भविष्य के लिए उनकी इच्छा "मेरी निजी प्रैक्टिस होगी। अन्य सहकर्मियों के साथ क्लिनिक में काम करना और उन लोगों की भी मदद करना जो दंत चिकित्सक का खर्च वहन नहीं कर सकते हैं।”
सिस्टर पावला का एक और जुनून है: सोशल मीडिया।
ईश्वर को वहां मौजूद होना चाहिए जहां लोग मौजूद हों
बहन एम. पावला ने खुलासा किया, "जब मैं खुद से पूछ रही थी कि क्या मुझे समर्पित बहन बनना चाहिए, मैंने गूगल से सिस्टर्स ऑफ मेरी समुदाय के बारे में पूछा। तो मुझे समझ में आया कि लोग इंटरनेट पर जवाब खोजते हैं।"
उन्होंने बताया कि लोगों के करीब रहने के लिए उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है।
"मुझे लगता है कि एक मिलेनियल होने के नाते, सोशल मीडिया के साथ बड़े होने के दौरान, Hi5 और Facebook ने मुझे हमेशा इस बात के प्रति सचेत किया है कि लोग सोशल मीडिया पर बहुत समय बिताते हैं, क्योंकि मैंने भी ऐसा ही किया है। मैं हमेशा वहीं रहना चाहती थी जहां लोग हैं। ईश्वर को वहां मौजूद होना चाहिए जहां लोग मौजूद हैं, जहां लोग जवाब खोज रहे हैं।"
बहन एम. पावला ने एक इंस्टाग्राम चैनल विकसित करना शुरू किया, जिसे इक्वाडोर के समुदाय ने 2020 में स्थापित किया था। उन्होंने अपनी बहनों को ऑनलाइन समुदाय के लिए प्रेरणादायक सामग्री बनाने में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार, उनका अकाउंट (@hermanasdemariaec) बना।
उन्होंने स्वीकार किया कि सामुदायिक जीवन, विश्वविद्यालय की पढ़ाई और सोशल मीडिया के बीच अपने समय को संतुलित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। “समय मेरी सबसे बड़ी चुनौती है। मुझे लगता है कि मेरे पास एक उपहार है, मैं वह सब कुछ कर सकती हूँ जो मुझे पसंद है। लेकिन जब आप जो कुछ भी करते हैं उससे प्यार करते हैं तो समय का प्रबंधन करना एक चुनौती है।”
उन्होंने कहा कि उनके पास सोशल मीडिया पर काम करने के लिए हर हफ़्ते केवल आधा दिन होता है। ऐसे मौके आते हैं जब यह पर्याप्त नहीं होता। सिस्टर एम. पावला ने कहा, “कुछ सेमेस्टर, जब मेरी पढ़ाई में ज्यादा समय देना पड़ता है, तो मैं घर जाते समय गाड़ी में वीडियो एडिट करती हूँ। जब मैं घर पहुँचती हूँ तो मेरा वीडियो एडिटिंग पूरा हो जाता है! परंतु मुझे चक्कर आने लगता है, यह चुनौती भरा है।”
सोशल मीडिया पर धर्मबहनें
बहन एम. पावला ने सोशल मीडिया की दुनिया में समर्पित बहनों द्वारा किए जाने वाले विशेष योगदान पर अपने विचार साझा किया।
उन्होंने कहा कि एक सवाल ने उन्हें प्रेरित किया। “मैं सोच रही थी कि अगर माता मरिया आज यहाँ होतीं और उनके पास सोशल मीडिया होता, तो वे इस सदी में अपने बेटे का संदेश इस दुनिया को कैसे देतीं?”
“मुझे लगता है कि एक समर्पित महिला के रूप में हम यही योगदान दे सकती हैं: ईश्वर का संदेश स्त्रीवत तरीके से देना, जैसे हमारी माता मरिया करती थीं, उस भाषा के साथ, उन मूल्यों के साथ।”
और चूँकि “बहुत सारी झूठी खबरें हैं, और महिलाओं की झूठी छवियाँ भी हैं,” सिस्टर एम. पावला ने कहा, “मुझे लगता है कि दुनिया को महिलाओं की सच्ची छवि देने का हमारा भी यही मिशन है।”
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here