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2024.08.14तंजानिया  में विश्व एस्पेरांतो कांग्रेस 2024.08.14तंजानिया में विश्व एस्पेरांतो कांग्रेस  

तंजानिया ने विश्व एस्पेरांतो कांग्रेस के 109वें संस्करण की मेजबानी की

तंजानिया में 109वें विश्व एस्पेरांतो कांग्रेस में 66 देशों से 850 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें वैज्ञानिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों, अनुवादों और पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। काथलिक एस्पेरांतिस्टों के अंतर्राष्ट्रीय संघ ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं को संबोधित किया और इसमें ख्रीस्तीय एकता वर्धक सेवाएं और पवित्र मिस्सा समारोह शामिल थे।

वाटिकन न्यूज़

तंजानिया, अरुशा, बुधवार 14 अगस्त 2024 : 3-10 अगस्त, 2024 को तंजानिया के शहर अरुशा ने 109वीं विश्व एस्पेरांतो कांग्रेस की मेजबानी की। यह एस्पेरांतो बोलने वालों के सबसे महत्वपूर्ण सम्मेलनों में से एक है और इसमें पाँच महाद्वीपों के 66 देशों से 850 लोगों ने भाग लिया।

सप्ताह के दौरान, विशेष, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित विभिन्न कार्यक्रम हुए। काथलिक एस्पेरांतिस्टों के अंतर्राष्ट्रीय संघ (आईकेयूई) ने इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सम्मेलन का विषय था “एक बेहतर दुनिया के लिए भाषा, मनुष्य और पर्यावरण।” काथलिक एस्पेरांतिस्टों के अंतर्राष्ट्रीय संघ ने एस्पेरांतो में दो महत्वपूर्ण अनुवाद संपादित किए थे: विश्वकोश “लौदातो सी” जबकि दूसरा प्रेरितिक याचिका “लौदाते देउम” से संबंधित है। अनुवादित पाठ दस या उससे अधिक विशेषज्ञ एस्पेरांतो अनुवादकों के बीच सहयोग का परिणाम हैं।

कांग्रेस के दौरान, दोनों संस्करणों की एक प्रस्तुति आयोजित की गई, जिसने पर्यावरण की सुरक्षा और "हमारे आम घर" के संरक्षण के बारे में जागरूकता परएक दिलचस्प चर्चा हुई।

आईकेयूई की अध्यक्ष, मारिजा बेलोसेविक ने कांग्रेस के सामान्य विषय में योगदान देने के लिए "लौदातो सी" के विषय पर एक भाषण दिया।

कांग्रेस सप्ताह के दौरान, आईकेयूई ने कैमरून के एडिया धर्मप्रांत से एस्पेरांतो-भाषी पुरोहित गेब्रियल एंडा द्वारा बालक येसु के संत तेरेसा महागिरजाघऱ में एक ख्रीस्तीय एकता वर्धक प्रार्थना और पवित्र मिस्सा समारोह का आयोजन किया।

यह कांग्रेस, जो अफ्रीका में पहली बार आयोजित की गई थी, ने कई स्थानीय एस्पेरांतिस्टों को, जिनमें से कई अंतरराष्ट्रीय भाषा के महान वक्ता हैं, मिलने और बातचीत करने का अवसर दिया। कई लोग काथलिक एस्पेरांतिस्ट आंदोलन में भी रुचि रखते थे।

11 फरवरी, 1992 को, आईकेयूई को लोकधर्मियों के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद के एक आदेश द्वारा विश्वासियों के एक निजी संघ के रूप में मान्यता दी गई।

आईकेयूई का करिश्मा एस्पेरांतो भाषा के माध्यम से येसु के आदेश का पालन करना है कि “सारी दुनिया में जाओ और सारी सृष्टि को सुसमाचार का प्रचार करो” (मरकुस 16:15), साथ ही अपनी धर्मविधि और प्रेरितिक कार्यों में अंतर्राष्ट्रीय भाषा का उपयोग करके कलीसिया की एकरूपता का प्रदर्शन करना और मनुष्यों के बीच आपसी समझ में योगदान देना।

प्रकाशन और सूचना: आईकेयूई पत्रिका, "एस्पेरो कथोलिका" और वाटिकन रेडियो कलीसिया की शिक्षाओं का एस्पेरांतो भाषा में प्रसार करते हैं।

पिछले चार वर्षों में, आईकेयूई  आभासी क्षेत्र में भी गहनता से काम कर रहा है। कांग्रेस और सम्मेलन आयोजित किए हैं और हर दिन एक अनोखा रोज़री पाठ होता है, जिसमें दुनिया के सबसे विविध हिस्सों - ब्राज़ील, क्यूबा, ​​यूएसए, यूरोपीय देश, दक्षिण कोरिया और फिलीपींस से एस्पेरांतिस्ट शामिल होते हैं।

धर्मार्थ कार्यों में वृद्धि हुई है। ठोस रूप से, कैमरून (मौआंको, एडिया धर्मप्रांत) में एक पल्ली को लगातार मदद दी जाती है, जहाँ आईकेयूई ने सौर पैनल लगाए हैं, एक मछली फार्म परियोजना शुरू की है और बच्चों के लिए एक स्कूल की स्थापना की है।

आईकेयूई के संरक्षक हैं: आशा की माता मरिया, संत पियुस दसवें, संत मक्सिमिलियन कोल्बे, संत पापा जॉन पॉल द्वितीय और संत तितुस ब्रैंड्समा।

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14 August 2024, 15:40