इंडोनेशियाई काथलिकों के लिए सुर्खियों में एक पल
जोसेफ तुलोक और लिंडा बोरदोनी – जकार्ता
गुरुवार की शाम को पोप फ्राँसिस ने जकार्ता के गेलोरा बुंग कार्नो स्टेडियम में करीब 100,000 विश्वासियों के साथ ख्रीस्तयाग अर्पित किया।
जब मिस्सा से पहले सीटें भर रही थीं, तो दो युवा इंडोनेशियाई लोगों ने वाटिकन न्यूज़ से देश के काथलिक अल्पसंख्यक के रूप में अपने अनुभव और पोप की यात्रा के लिए अपनी उम्मीदों के बारे में बात की।
24 वर्षीय वहनीयता सलाहकार यूजीन और 20 वर्षीय ग्राफिक डिजाइन की छात्रा नताशा ने बताया कि वे एक काथलिक युवा दल से जुड़े हैं जो विश्वास पर चर्चा और परोपकारी कार्यों का आयोजित करता है। दोनों ने कहा कि वे पोप की यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित हैं।
यूजीन ने कहा, "एक ही धर्म के प्रभुत्व वाले देश में अल्पसंख्यक समूह के रूप में, उनकी यात्रा से हम अल्पसंख्यकों का बहुत अधिक खुलासा और प्रचार हो रहा है, जो पहले कभी नहीं हुआ।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने पहले कभी इतना बड़ा अंतर-धार्मिक आयोजन नहीं देखा, जिसके कारण अन्य धर्मों के हमारे भाई-बहन भी कहने लगे कि 'अच्छा, तो यही काथलिक धर्म है'... मुझे लगता है कि यह उनके लिए एक बिल्कुल अलग संस्कृति और एक बिल्कुल अलग धर्म को पाने और जानने का अवसर है।"
जब नताशा से पूछा गया कि इटली में काथलिकों के लिए उनका क्या संदेश है, तो उन्होंने कहा, "मैं बस उन्हें बताना चाहती हूँ कि हम भी यहाँ हैं। हम इंडोनेशियाई हैं, हम काथलिक हैं और हम जो कर रहे हैं, उसका आनंद लेते हैं।"
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