लेबनान के महाधर्माध्यक्ष : ‘युद्ध कोई नहीं चाहता’
वाटिकन न्यूज
लेबनान, शनिवार, 21 सितंबर 2024 (रेई) : दक्षिणी लेबनान के लोगों को एक बार फिर ऐसा लग रहा है कि जैसे वे अपने नियंत्रण से बाहर के संघर्ष में बंधक बनाए जा रहे हैं।
बहुत से लोग पहले ही इस क्षेत्र से भाग चुके हैं, हज़ारों लोग 8 अक्टूबर 2023 से इस्राएली सीमा के पास अपने गाँवों को छोड़कर बेरूत या उत्तर में अन्य शहरों में शरण ले रहे हैं।
तब से, इस्राएली रक्षा बलों (आईडीएफ) और हिजबुल्लाह के बीच दैनिक झड़पें एक गंभीर दिनचर्या बन गई हैं।
मंगलवार, 17 सितंबर और बुधवार, 18 सितंबर को हिजबुल्लाह के दूरसंचार बुनियादी ढांचे पर हुए हमलों ने चिंता और अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है।
पूर्ण पैमाने पर युद्ध की आशंका
हिजबुल्लाह लड़ाकों के तात्कालिक लक्ष्यों से परे, उत्तरी क्षेत्र में आंशिक सैन्य तैनाती की इस्राएल की घोषणा ने इस्राएल और लेबनान के बीच बड़े पैमाने पर युद्ध की आशंकाओं को फिर से जगा दिया है।
पिछले कुछ घंटों में, आईडीएफ ने दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों और एक हथियार डिपो पर नए हवाई हमलों की घोषणा की है।
गुरुवार, 19 सितंबर को लेबनान के निवर्तमान प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने संयुक्त राष्ट्र से अपने देश के खिलाफ इजरायल के "तकनीकी युद्ध" को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने का आह्वान किया।
उन्होंने सुझाव दिया कि लोग "एक और युद्ध के बारे में सोच भी नहीं सकते, क्योंकि 2006 का युद्ध अभी भी हमारे दिलो-दिमाग पर भारी है।"
कोई भी नहीं चाहता कि संघर्ष बढ़े
देश के दक्षिण में स्थित प्रमुख शहर टायर के मैरोनाइट महाधर्माध्यक्ष चारबेल अब्दुल्ला ने कहा, "कोई भी नहीं चाहता कि संघर्ष बढ़े।"
इसके अलावा, उन्होंने स्थानीय जनता की नाजुक स्थिति और 2006 में इस्राएली सेना और हिजबुल्लाह के बीच हुए विनाशकारी युद्ध को याद किया।
अंत में, मैरोनाइट महाधर्माध्यक्ष ने इस बात पर भी जोर दिया कि लड़ाई के बावजूद, प्रार्थना उन ख्रीस्तीय समुदायों के दिल में बनी हुई है जो इस क्षेत्र में रह रहे हैं।
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