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पाकिस्तान की एक ख्रीस्तीय महिला को ईशनिंदा के आरोप में मौत की सजा पाकिस्तान की एक ख्रीस्तीय महिला को ईशनिंदा के आरोप में मौत की सजा  (ANSA)

पाकिस्तान : ख्रीस्तीय महिला को ईशनिंदा के आरोप में मौत की सजा

जजों के अनुसार, शगुफ्ता किरण ने व्हाट्सएप पर इस्लाम के खिलाफ एक आपत्तिजनक संदेश साझा किया था। वर्तमान में रावलपिंडी में कैद इस महिला को तीन साल की सुनवाई के बाद मौत की सजा सुनाई गई।

वाटिकन न्यूज

पाकिस्तान, शनिवार, 21 सितंबर 2024 (फिदेस) : 40 वर्षीय पाकिस्तानी ख्रीस्तीय महिला शगुफ्ता किरण को ईशनिंदा का दोषी पाया गया है और पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-सी के तहत मौत की सजा सुनाई गई है, जो पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपराधों को दंडित करती है।

यह आरोप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर शेयर किए गए एक संदेश से निकला है। फिदेस न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, किरण के वकील राणा अब्दुल हमीद ने बताया कि यह फैसला इस्लामाबाद की एक निचली अदालत के न्यायाधीश ने इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम अधिनियम (पीईसीए) के तहत सुनाया है। मौत की सजा के साथ-साथ, किरण पर तीन साल तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद 3,00,000 रुपये (लगभग 1,000 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना भी लगाया गया है।

उनके बचाव दल ने तर्क दिया कि किरण आपत्तिजनक सामग्री की लेखिका नहीं थीं, बल्कि उन्होंने इसे पढ़े बिना ही ग्रुप चैट में फॉरवर्ड कर दिया था, फिर भी यह बचाव उनकी दोषसिद्धि को रोकने के लिए अपर्याप्त था।

रावलपिंडी में हिरासत में

शगुफ्ता किरण, जो एक पत्नी और चार बच्चों की माँ हैं, उन्हें संघीय जाँच एजेंसी (एफआईए) ने 29 जुलाई, 2021 को इस्लामाबाद में सितंबर 2020 में एक व्हाट्सएप ग्रुप में ईशनिंदा वाली सामग्री साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह वर्तमान में रावलपिंडी की सेंट्रल अड्याला जेल में बंद हैं, जहाँ वह अपनी सजा पूरी होने तक रहेंगी।

ख्रीस्तीय होने के कारण असुरक्षित

उनके वकील ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में निर्णय के विरुद्ध अपील करने की योजना की घोषणा की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि "जिस व्यक्ति ने मूल रूप से आपत्तिजनक संदेश लिखा था, वह अभी भी स्वतंत्र है, जबकि जिसने इसे बिना समर्थन के केवल साझा किया, वह दोषी है।" उनका मानना है कि शगुफ्ता को इसलिए निशाना बनाया गया है क्योंकि वह एक ख्रीस्तीय हैं, जिससे वे एक आसान और असुरक्षित बलि का बकरा बन गई हैं।

पाकिस्तान में, ऑनलाइन संभावित ईशनिंदा अपराधों की निगरानी पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है, इस्लामी संगठन ऐसी कार्रवाइयों को एक बढ़ते खतरे के रूप में देखते हैं, जिनका सामना वे सबसे कठोर दंड से करना चाहते हैं। एफआईए की साइबर क्राइम विभाग को ईशनिंदा मानी जानेवाली ऑनलाइन सामग्री की निगरानी और रिपोर्टिंग का काम सौंपा गया है, जिससे आगे की पुलिस कार्रवाई हो सके।

 

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21 September 2024, 15:11