संत पापा के आगमन से पहले सिंगापुर में प्रदर्शित बिलबोर्ड संत पापा के आगमन से पहले सिंगापुर में प्रदर्शित बिलबोर्ड  (AFP or licensors)

सिंगापुर के धार्मिक समुदाय संत पापा फ्राँसिस के आगमन की आशा से प्रतीक्षा कर रहे हैं

बुधवार 11 सितंबर को संत पापा फ्राँसिस के सिंगापुर आगमन से पहले, विभिन्न धर्मों के कई नेताओं ने एशियाई देश में शांति और अंतरधार्मिक संवाद की अपनी आशा व्यक्त की है।

लीकास  न्यूज़

सिंगापुर, बुधवार 11 सितंबर 2024 : संत पापा फ्राँसिस की सिंगापुर यात्रा से कुछ दिन पहले, सिंगापुर के महाधर्मप्रांतीय अंतरधार्मिक संवाद और एंड इक्यूमेनिज्म सेंटर (एएईआरडीईसीएस) और काथलिक न्यूज़ ने विभिन्न धर्मों के नेताओं से संत पापा के अंतरधार्मिक संवाद पर रुख के बारे में विचार मांगे।

हिंदू सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष श्री के सेंगकुट्टुवा ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस द्वारा सभी विश्वासियों से धर्मांतरण और बाधाओं से मुक्त होकर आपसी सम्मान के साथ शांति स्थापित करने का आह्वान "हिंदू प्रवासियों के लिए शुभ संकेत है"।

श्री सेंगकुट्टुवा ने अपने संदेश में संत पापा फ्राँसिस को संबोधित करते हुए कहा, "आपके उपदेशों के माध्यम से धार्मिक सद्भाव की घंटियाँ बज रही हैं। दुनिया को जिस रामबाण औषधि की आवश्यकता है, आपने उसे लागू किया है।"

यहूदी समुदाय के मुख्य रब्बी मोर्दकै एबरगेल ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस की सिंगापुर यात्रा के बारे में जानकर उन्हें बहुत खुशी हुई है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा “भाग्यपूर्ण है क्योंकि यह दुनिया के कई हिस्सों में बढ़ती धार्मिक हिंसा के समय सह-अस्तित्व का संदेश देगी।” रब्बी ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस की यात्रा “निःसंदेह” सिंगापुर में अब्राहमिक धर्मों और विभिन्न धर्मों के बीच संबंधों को मजबूत करेगी, जिसके प्रति संत पापा बहुत समर्पित हैं।

दक्षिण पूर्व एशिया के पारसी जोरास्ट्रियन एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री होर्मुज ई. अवारी ने कहा कि संत पापा ने विभिन्न धर्मों के बीच आपसी समझ, सम्मान और शांति को बढ़ावा देने के साधन के रूप में अंतरधार्मिक संवाद पर लगातार जोर दिया है। उनहोंने कहा, "पारसी लोग पुल बनाने, तनाव कम करने और समानता, सामाजिक न्याय, पर्यावरण और मानवीय मामलों पर प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए संवाद को बढ़ावा देने में समान विश्वास रखते हैं।"

सिंगापुर बौद्ध संघ के आदरणीय सेक क्वांग फिंग ने कहा कि विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं ने शांति और सद्भाव की वकालत करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को पहचाना है, जो हर समय और दुनिया भर में आवश्यक है। इस समझ ने द्वितीय विश्व युद्ध के तुरंत बाद 1949 में फोर कार्क सी मठ में अंतर-धार्मिक संगठन की स्थापना को प्रेरित किया। उन्होंने कहा, "संत पापा फ्राँसिस की सिंगापुर यात्रा निश्चित रूप से हमारे द्वीप राष्ट्र में धार्मिक सद्भाव के निर्माण के कार्य को प्रोत्साहित और पुष्ट करेगी।"

ताओवादी संघ के श्री टैन थियाम लाइ और जैन धार्मिक समाज के श्री केनल कोठारी दोनों इस बात पर सहमत थे कि संत पापा फ्राँसिस की यात्रा अंतर-धार्मिक समझ को गहरा करेगी, आपसी विश्वास को मजबूत करेगी और सिंगापुर में धार्मिक सद्भाव को बढ़ाएगी।

देश की अग्रणी प्रोटेस्टेंट परिषद ने संत पापा के “वैश्विक काथलिक समुदाय का मार्गदर्शन करने में निरंतर स्वास्थ्य और बुद्धिमता” के लिए प्रार्थना की।

लूथरन बिशप लू गुआन हो ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस की उपस्थिति एक “गहन आशीर्वाद” है और “शांति, एकता और सेवा के प्रति हमारी साझा आस्था और प्रतिबद्धता का एक शक्तिशाली अनुस्मारक है।”

सिंगापुर के इस्लामिक धार्मिक परिषद के मुफ़्ती डॉ. नज़ीरुद्दीन मोहम्मद नासिर ने संत पापा  को शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के एक प्रमुख समर्थक के रूप में वर्णित किया और शांति और सद्भाव के प्रतीक के रूप में सिंगापुर की प्रतिष्ठा का उल्लेख किया। डॉ. नासिर ने मानव बंधुत्व पर दस्तावेज़ का संदर्भ दिया, जिसे संत पापा फ्राँसिस ने अल-अज़हर के शेख के साथ मिलकर लिखा था, जो मुस्लिम समुदाय के साथ संबंधों को बढ़ाने के लिए वाटिकन के दीर्घकालिक प्रयासों की निरंतरता है।

सिख सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष श्री मलमिंदरजीत सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि सिख धर्म विश्व शांति को बढ़ावा देने और दूसरों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है, ऐसे मूल्य जिनकी वकालत संत पापा फ्रांसिस ने अपने पूरे जीवन के काम के दौरान की है और जिन्हें मजबूत किया है।

सिंगापुर के बहाई आध्यात्मिक सभा के मानद अध्यक्ष श्री के एलंगो ने कहा कि संत पापा की यात्रा से सिंगापुर भर के विभिन्न समुदायों, संस्थानों और धार्मिक समूहों के शुभचिंतकों के सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

13 सितंबर को काथलिक जूनियर कॉलेज में संत पापा फ्राँसिस सिंगापुर के विभिन्न धर्मों और आस्थाओं के युवा नेताओं से मिलने वाले हैं। सिंगापुर के महाधर्मप्रांत ने "संत पापा फ्राँसिस के साथ अंतरधार्मिक युवा" कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसके बाद काथलिक जूनियर कॉलेज में एक कला प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी।

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

11 September 2024, 14:34