7 अक्टूबर : दुनियाभर के काथलिकों ने शांति के लिए प्रार्थना और उपवास की
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सटी, मंगलवार, 8 अक्टूबर 2024 (रेई) : सोमवार 7 अक्टूबर को, इजराइल-हमास युद्ध के शुरू होने के ठीक एक साल पूरे हुए।
दुनियाभर के काथलिकों ने पोप की अपील के जवाब में शांति के लिए प्रार्थना और उपवास के दिन के साथ वर्षगांठ मनाया।
कुछ दिन पहले येरूसालेम के लैटिन प्राधिधर्माध्यक्ष, पियेरबत्तिस्ता पित्साबाला ने शांति के लिए प्रार्थना और उपवास की अपील की थी। पोप ने प्राधिधर्माध्यक्ष द्वारा की गई इसी अपील को दोहराया।
शांति का एक दृष्टिकोण
प्राधिधर्माध्यक्ष और पोप की इस अपील को दुनियाभर के कई काथलिक समूहों ने अपनाया, जिसमें फोकोलारे मूवमेंट और ऑर्डर ऑफ फ्रायर्स माइनर से लेकर यूरोपीय संघ में धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के आयोग तक शामिल हैं।
फादर पिओटर जेलास्को, जो इस्राएल के हिब्रू-भाषी काथलिक समुदाय की सेवा करते हैं, ने वाटिकन न्यूज़ को बताया कि उनके पल्लीवासी भी शांति के लिए प्रार्थना और उपवास कर रहे हैं।
फादर जेलास्को ने कहा कि युद्ध के कारण होनेवाली अपार पीड़ा के बावजूद, "हिब्रू-भाषी काथलिक शांति और चंगाई के दृष्टिकोण को अपनाये हुए हैं, जो उनके गहरे विश्वास और ईश्वर की प्रतिज्ञा पर आधारित है।"
मन-परिवर्तन, प्रायश्चित और क्षमा
प्रार्थना के दिन का आह्वान करते हुए अपने मूल वक्तव्य में, प्राधिधर्माध्यक्ष पित्साबाला ने कहा कि ख्रीस्तीयों का "कर्तव्य है कि वे शांति के लिए खुद को प्रतिबद्ध करें" सबसे पहले "अपने दिलों को घृणा की सभी भावनाओं से बचाकर" और "सभी के लिए अच्छाई की इच्छा को पोषित करें।"
प्राधिधर्माध्यक्ष ने अपने पाठकों से आग्रह किया कि वे “जरूरतमंदों की सहायता करें, उन लोगों की मदद करें जो इस युद्ध से प्रभावित लोगों की पीड़ा को कम करने में व्यक्तिगत रूप से लगे हुए हैं, तथा शांति, मेल-मिलाप और मुलाकात के हर कार्य को बढ़ावा दें।”
हालाँकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि "हमें प्रार्थना करने की भी जरूरत है, ताकि हम अपने दर्द और शांति की इच्छा को ईश्वर तक पहुँचा सकें। हमें मन-परिवर्तन करने, प्रायश्चित करने और क्षमा माँगने की आवश्यकता है।"
दान
यह दिन रोम में भी मनाया गये, जहाँ सिनॉडालिटी पर धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का दूसरा सत्र पूरे जोश में है।
वाटिकन के परोपकार विभाग के अध्यक्ष कार्डिनल क्रेजवस्की ने कहा कि वे गज़ा के लोगों के लिए, विशेष रूप से वहाँ के काथलिक पल्ली के लिए धर्मसभा में दान एकत्र करेंगे।
उन्होंने कहा, "संत पापा ने हमें प्रार्थना में विशेष रूप से एकजुट होने, प्रार्थना, उपवास करने और पूरे विश्व के लिए शांति की याचना करने के लिए कहा है।" "हालांकि, प्रार्थना और उपवास, दान के बिना नहीं किया जा सकता, जिसके लिए त्याग की आवश्यकता होती है: इससे हमें कष्ट होता है, क्योंकि हम जरूरतमंद पड़ोसी को देने के लिए अपनी वस्तु का त्याग करते हैं।"
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