लेबनान में ऑर्डर ऑफ माल्टा का समर्पण
वाटिकन सिटी
लेबनान, शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): लेबनान में ऑर्डर ऑफ माल्टा नामक काथलिक धर्मसमाज के सदस्य युद्धरत क्षेत्रों के लोगों को राहत पहुँचाने का सराहनीय कार्य कर रहे हैं। ऑर्डर ऑफ माल्टा में संचार विभाग की अध्यक्षा आऊमम्मा फराह ने बताया कि लेबनान की ऐसी स्थिति है जिसका पहले कभी अनुभव नहीं किया गया था।
लेबनान में स्थिति
उन्होंने कहा कि हालांकि लेबनान पहले भी कई बार युद्ध की स्थिति से गुज़रा है किन्तु इस समय की स्थिति दर्दनाक है। विस्थापित और शरणार्थी लोग स्वागत केंद्रों में जगह पाने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे थे। लोग कई दिनों तक खाना नहीं खाते हैं और खुद को धो नहीं पाते हैं, जिससे कई रोग उनकी त्वचा पर उभर आये हैं।
ऑर्डर ऑफ माल्टा का फराह कहती है कि लेबनान के लोग युद्ध नहीं चाहते हैं, क्योंकि कोई नहीं जानता कि "यह युद्ध कैसे विकसित होगा, लेकिन हमें आगे की ओर देखना जारी रखना चाहिए", यह उनका, विशेष रूप से, उनके मानवतावादी लोकोपकारी कार्यों में विश्वास है। हालाँकि, अब, उन्होंने कहा, "हम दिन-ब-दिन नहीं, बल्कि घंटे-दर-घंटे जीते हैं"। सभी का डर यही है कि इससे गृह युद्ध हो जाएगा जो लोग नहीं चाहते हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उदासीनता
फराह आगे कहती हैं, "बहुत सारे "परस्पर जुड़े तनाव" हैं, हालांकि लेबनानी "एक आस्थावान और स्वागत करने वाला व्यक्ति है, जो अपनी बांहें खोलता है, चाहे वह ईसाई हो या मुस्लिम, और जिसने हमेशा अपने भाई का ख्याल रखा है, आज वह खुद को संघर्ष करता हुआ पा रहा है उसका स्वागत करने के लिए, क्योंकि आपके इस भाई ने पूरी आबादी, पूरे देश को एक ऐसे युद्ध में घसीट लिया है, जिसका उससे कोई लेना-देना नहीं है।"
फराह ने आगे कहा, “दुखदायी बात तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अमानवीयकरण है, जैसा कि गाज़ा से आने वाली तस्वीरों में दिखाया गया है, और आज अंतर्राष्ट्रीय समुदाय मौन होकर देख रहा है, यह दुबारा आघात पहुँचाता है।" उनकी अपील लेबनान को न भूलने की है, यह पुकार पूरी दुनिया के साथ-साथ लेबनानी प्रवासियों के लिए भी है, जो हालांकि "इतना संगठित हो गया है कि शायद इससे अधिक कुछ नहीं दे सकता है"।
ऑर्डर ऑफ माल्टा सहित अनेक ग़ैरसरकारी संस्थाओं की सभी टीमें आश्रय स्थलों में रहने वालों की मदद के लिए जुट गई हैं, जिसके लिये उन्होंने आभार व्यक्त किया।
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