एरबिल का काथलिक यूनिवर्सिटी आईए एरबिल का काथलिक यूनिवर्सिटी आईए 

आईएसआईएस से बचे लोगों को सशक्त करता एरबिल का काथलिक यूनिवर्सिटी

2015 में स्थापित, उत्तरी इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र में स्थित एरबिल का काथलिक यूनिवर्सिटी आईएसआईएस के अधीन पीड़ित इराकी अल्पसंख्यक समूहों को शिक्षा, छात्रवृत्ति और सहायता प्रदान कर रहा है।

वाटिकन न्यूज

एरबिल, बृहस्पतिवार, 14 नवम्बर 2024 (रेई) : 2014 में, तथाकथित इस्लामिक स्टेट ने उत्तरी इराक में अपना दबदबा कायम करते हुए, बड़े भूभाग पर कब्ज़ा कर लिया था।

आक्रमण के कारण बहुत से लोग विस्थापित हो गये, खासकर, अल्पसंख्यक दल जैसे – ख्रीस्तीय, याजिदी, तुर्कमन और शबक आदि।

इनमें से कई शरणार्थी पूर्वोत्तर इराक के कुर्द क्षेत्र में भाग गए, जहां स्थानीय खलदेई काथलिक महाधर्मप्रांत के फादर करम शाहमाशा कहते हैं कि स्थानीय कलीसिया ने उन्हें आवास, भोजन और चिकित्सा देखभाल प्रदान करने का प्रयास किया।

विश्वविद्यालय की स्थापना

फादर शाहमाशा ने वाटिकन न्यूज को बताया कि समय के साथ, इन परोपकारी प्रयासों ने एक और भी बड़ी परियोजना को जन्म दिया। एरबिल में काथलिक विश्वविद्यालय या सीयूई की स्थापना, जिसका उद्देश्य है "अराजकता के बीच प्रकाश की किरण" बनना।

इसका लक्ष्य हर पृष्ठभूमि के छात्रों का स्वागत करना है, विशेषकर, उन लोगों का, जो हाल ही में हुई हिंसा से सबसे अधिक पीड़ित हैं।

2023 में बोस्टन कॉलेज में एक वार्ता में, सीयूई के चांसलर और बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के अध्यक्ष, महाधर्माध्यक्ष बशर वर्दा ने जोर देकर कहा था कि "हमने आईएसआईएस से सबसे अधिक प्रभावित लोगों : जबरन विस्थापित, ख्रीस्तीय और यजीदी के लिए सीयूई के दरवाजे खोले हैं: हम पीड़ित लोगों की एक मजबूत आवाज बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

यजीदी संस्कृति का उत्सव

फादर शाहमाशा ने इस बात पर जोर दिया कि सीयूई यजीदी समुदाय के छात्रों को समर्थन प्रदान करता है, जिन्होंने आईएसआईएस के हाथों क्रूर नरसंहार झेला, जो इस क्षेत्र के ख्रीस्तीयों के साथ किए गए क्रूर व्यवहार से भी अधिक है।

फादर शाहमाशा कहते हैं कि काथलिक और गैर-काथलिक दोनों तरह के उदार परोपकारियों की बदौलत सीयूई हर साल यज़ीदी छात्रों के लिए कई छात्रवृत्तियाँ देने में सक्षम है। यह नियमित रूप से यज़ीदी संस्कृति का उत्सव मनाने वाले कार्यक्रमों का आयोजन भी करता है, जैसे कि यज़ीदी नव वर्ष का वार्षिक उत्सव, और यज़ीदी अधिकारों के लिए लड़नेवाले संगठनों के साथ सहयोग करता है। इसके अलावा, परमधर्मपीठीय फाऊंडेशन एड टू द चर्च इन नीड की मदद से, सीयूई हर साल बड़ी संख्या में 'पोप फ्रांसिस छात्रवृत्ति' देने में सक्षम है, जो मुख्य रूप से ख्रीस्तीय छात्रों के लिए है।

सीयूई आज

आज, अपनी स्थापना के नौ साल बाद, विश्वविद्यालय में विभिन्न मजहबों के 600 से अधिक छात्र हैं।

फादर शाहमाशा विश्वविद्यालय की नवीनतम पहल, विश्वविद्यालय के कला महाविद्यालय द्वारा आयोजित एक ओरिएंटल अध्ययन कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हैं।

फादर शाहमाशा ने जोर देकर कहा कि यह कार्यक्रम इस क्षेत्र में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है, जिसमें “मेसोपोटामिया क्षेत्र में लंबे समय से निवास करनेवाले धर्मों और जातियों की विविधता” पर पाठ्यक्रम पेश किए जाते हैं, जिसमें कुर्दिस्तानी अध्ययन, काथलिक ईशशास्त्रीय और तोरह की पुस्तकें जैसे विविध विषय शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य इराक के विभिन्न जातीय और धार्मिक समूहों के बीच “शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना” है, जिससे “एक जीवंत समुदाय के निर्माण” में योगदान मिल सके।

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14 November 2024, 16:50