कलीसिया ने संचारकों को मिशन के लिए डिजिटल उपकरणों का उपयोग करना सिखाया
लिकास न्यूज
भारत में काथलिक कलीसिया की आधिकारिक समाचार सेवा, काथलिक कनेक्ट के अनुसार, भागलपुर के आर.सी. बिशप हाउस ऑडिटोरियम में 7 से 8 नवंबर तक आयोजित इस सेमिनार की विषयवस्तु है, “सिनॉडल कलीसिया: डिजिटल वातावरण में एक संचार करनेवाली कलीसिया।”
इस कार्यक्रम में दुमका, पूर्णिया, बेतिया, बक्सर, मुजफ्फरपुर और भागलपुर के धर्मप्रांतों से आए प्रतिभागियों का स्वागत किया गया, जिन्होंने तेजी से डिजिटल होती दुनिया में सुसमाचार का प्रचार करने के नए तरीकों की खोज की।
भागलपुर के धर्माध्यक्ष कुरियन वलियाकंदथिल ने अपने उद्घाटन भाषण में कलीसिया के मिशन में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और इसे “ईश्वर का उपहार” बताया, जो सुसमाचार प्रचार के लिए अवसर और चुनौतियां दोनों लाता है।
उन्होंने ख्रीस्त के प्रेम और उद्धार का संदेश फैलाने के लिए मत्ती 28,19-20 से बाइबिल के आदेश का हवाला दिया, प्रतिभागियों से ऑनलाइन नकारात्मकता का मुकाबला करने और सकारात्मक ऑनलाइन समुदायों को बढ़ावा देने के लिए यूट्यूब, वाट्सअप और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करने का आग्रह किया। धर्माध्यक्ष ने कहा, "कलीसिया को जीवंत ऑनलाइन समुदायों का निर्माण करने, सार्थक संबंधों को बढ़ावा देने और नए क्षेत्रों में सुसमाचार का प्रचार करने के लिए रचनात्मक रूप से प्रौद्योगिकी को अपनाना चाहिए।"
सेमिनार में भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीसीबीआई) के मीडिया प्रेरिताई के फादर सिरिल विक्टर जोसेफ एक वक्ता के रूप में शामिल हुए, जिन्होंने कलीसिया की प्रेरितिक योजना और धर्मप्रांतों के भीतर संचार को आगे बढ़ाने के लिए इसके दृष्टिकोण के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने काथलिक कनेक्ट की शुरुआत की, जिसके साथ धर्मप्रांतीय टीमें अपने मीडिया प्रयासों को मजबूत करने के लिए सहयोग कर सकती हैं।
प्रशिक्षण सत्रों में प्रत्येक धर्मप्रांत के लिए अनुकूलित मीडिया योजनाएँ बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया, ताकि सीसीबीआई प्रेरितिक योजना 2033 के व्यापक उद्देश्यों के साथ संरेखण सुनिश्चित किया जा सके।
प्रतिभागियों ने अपनी संचार गतिविधियों के प्रभाव का आकलन करने के लिए मीट्रिक विकसित करने की रणनीतियों पर चर्चा की, जिसका उद्देश्य एक एकीकृत दृष्टिकोण बनाना जो स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर कलीसिया के मिशन को दर्शाता हो।
बिहार के क्षेत्रीय सचिव फादर रिजेश सेबास्तियन के. ने कार्यवाही का मार्गदर्शन किया और संचार के लिए धर्मसभा दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया।
परस्पर संवादात्मक सत्रों और सामूहिक चर्चाओं के अलावा, इस कार्यक्रम में प्रार्थना सत्र और द फेस ऑफ द फेसलेस की स्क्रीनिंग भी शामिल थी, जो एक ऐसी फिल्म थी जिसने कलीसिया की पहुंच और विविध समुदायों के साथ संबंधों पर और अधिक विचार प्रदान किया।
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