जैरूसालेम की शांति पूरे विश्व के लिए शांति है, प्राधिधर्माध्यक्ष
वाटिकन सिटी
पोलैण्ड, शुक्रवार, 8 नवम्बर 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): जैरूसालेम में लातीनी रीति के प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल पियरबत्तिस्ता पित्साबाल्ला ने पोलैंड के ल्यूबलिन स्थित जॉन पॉल द्वितीय काथलिक विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मेलन में भाग लेने वालों को एक संदेश भेजकर सभी लोगों को पवित्र भूमि में शांति हेतु प्रार्थना करने के लिए आमंत्रित किया है।
जैरूसालेम शांति अनिवार्य तथ्य
"जैरूसालेम की शांति के लिए प्रार्थना करें" शीर्षक से पोलैण्ड के उक्त विश्वविद्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को अपना संदेश भेजकर कार्डिनल पियरबत्तिस्ता पित्साबाल्ला ने इस बात पर बल दिया है कि पवित्र भूमि में रहने वाले लोगों के बीच के सम्बन्धों में ईश्वर की उपस्थिति और दैवीय सामीप्य झलकना चाहिए।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जैरूसालेम में शांति के लिए प्रार्थना करना वास्तव में पूरे विश्व में शांति का आह्वान है और कहगा कि पवित्र भूमि में जटिल और चुनौतीपूर्ण स्थिति के मद्देनज़र जैरूसालेम में शांति के लिए बाइबिल की प्रार्थना अत्यंत प्रासंगिक है।
पवित्र भूमि में कलीसिया का मिशन
कार्डिनल पियरबत्तिस्ता पित्साबाल्ला ने कहा, "हम ख्रीस्तीयों के लिये शांति कलीसिया के जीवन का सिर्फ एक पहलू नहीं है बल्कि शांति और शांति की खोज कलीसिया की पहचान और मिशन के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा, शांति, सबसे पहले, इससे भी पहले कि यह एक ऐसा कार्य बन जाए जिसके लिए ईश्वर हमें आमंत्रित करते हैं, हमें ईश्वर की पहचान के बारे में बताती है" इसलिये "कलीसिया का मिशन ईश्वर की घोषणा करना है, और ईश्वर का मुखमण्डल, सबसे पहले, शांति का मुखमण्डल है।"
पवित्र भूमि में कलीसिया के मिशन के बारे में, कार्डिनल पित्साबाल्ला ने बाईबिल धर्मग्रन्थ में निहित प्रकाशना ग्रन्थ की दो छवियों का उल्लेख किया, जो हैं: तम्बू और दुल्हन। उन्होंने कहा, "एक निश्चित अर्थ में, यह जैरूसालेम की पहचान हैं।"
जैरूसालेम शहर
प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल पित्साबाल्ला ने इस बात को रेखांकित किया कि "स्वर्ग से उतरता हुआ" जैरूसालेम ईश्वर की उपस्थिति का शहर है - जिसका प्रतीक तम्बू है – यह शहर सृष्टिकर्ता के साथ अंतरंग निकटता का शहर है, जिसे दुल्हन के रूप में चित्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि "यह हमें बताता है कि जैरूसालेम में जीवन कैसा होना चाहिए।" "जैरूसालेम शहर, जैरूसालेम की कलीसिया, एक ऐसा स्थान होना चाहिए जहाँ ईश्वर की उपस्थिति दिखाई दे, और हमारे कार्यों में ईश्वर की आत्मीयता स्पष्ट हो।"
पवित्रभूमि में शांति हेतु प्रार्थना का अनुरोध करते हुए कार्डिनल महोदय ने कहा, "जैरूसालेम में शांति के लिए प्रार्थना, सभी राष्ट्रों के बीच शांति के लिए प्रार्थना है, क्योंकि सभी राष्ट्रों का प्राण जैरूसालेम में बसा है और वहीं उनका हृदय भी धड़कता है।" उन्होंने कहा कि इसीलिये पवित्र भूमि के निवासियों का आह्वान किया जाता है कि वे ईश्वर के साथ निकटता के जीवन का साक्ष्य दें तथा ईश्वर के प्रेम के माध्यम से दूसरों में जीवन और आशा का संचार करें।
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