काथलिक और बौद्ध नेता दिवंगत कार्डिनल अयूसो की याद में बैंकॉक में एकत्र हुए
चाइनारोंग मोन्थिएनविचिएनचाई द्वारा, लीकास न्यूज़
बैंकॉक, सोमवार, 2 दिसंबर 2024 : दिवंगत कार्डिनल मिगुएल एंजेल अयूसो गुइसोट, अंतरधार्मिक संवाद विभाग के प्रीफेक्ट, को 1 दिसंबर को बैंकॉक के सबसे प्रमुख बौद्ध मंदिरों में से एक (जिसे लेटे हुए बुद्ध के मंदिर के रूप में जाना जाता है) वाट फ्रा चेतुफोन विमोनमंगक्लारम रत्चवोरमाहविहान में उनकी मृत्यु पर शोक समारोह में सम्मानित किया गया।
इस अभूतपूर्व घटना ने थाईलैंड में काथलिक और बौद्ध समुदायों के बीच गहरे बंधन को उजागर किया, एक ऐसा संबंध जो कार्डिनल के अंतरधार्मिक समझ को बढ़ावा देने के लिए अथक समर्पण से मजबूत हुआ।
वाट फ्रा चेतुफोन के मठाधीश माननीय सोमदत फ्रा महा थिराचन ने कार्डिनल के लिए एक पुण्य-निर्माण समारोह का नेतृत्व किया, जिसमें दस बौद्ध भिक्षुओं ने उनकी आत्मा के मार्ग का मार्गदर्शन करने के लिए एक अनुष्ठान में प्रार्थना की।
थाईलैंड के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष जोसेफ चुसाक सिरिसुत ने काथलिक धर्मविधि के तहत संत योहन के सुसमाचार से पाठ लिया: "जब तक गेहूँ का दाना धरती पर गिरकर मर नहीं जाता, तब तक वह एक दाना ही रहता है; लेकिन अगर वह मर जाता है, तो वह बहुत फल देता है।"
यह श्लोक अंतरधार्मिक संबंधों के निर्माण में कार्डिनल की स्थायी विरासत को रेखांकित करता है।
यह कार्यक्रम कार्डिनल अयूसो के जीवन मिशन की एक मार्मिक याद दिलाता है, जिसमें बौद्ध भिक्षुओं और काथलिक धर्माध्यक्षों को एकता और आपसी सम्मान के प्रदर्शन में एक साथ लाया गया।
कार्डिनल अयूसो अंतरधार्मिक संवाद में एक वैश्विक नेता थे। नवंबर 2022 में, उन्होंने थाईलैंड में सातवें बौद्ध-ख्रीस्तीय संगोष्ठी में भाग लिया, जिसमें दुनिया भर से 150 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।
संगोष्ठी का विषय था "घायल मानवता और पृथ्वी के उपचार के लिए संवाद में करुणा और अगापे", सामाजिक और पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए करुणा और प्रेम पर जोर दिया गया।
संगोष्ठी ने धर्मों के बीच बढ़ते सहयोग का भी प्रतीक बनाया, जो एक महत्वपूर्ण इशारे से चिह्नित है: थाईलैंड के बौद्ध नेताओं ने संत पापा फ्राँसिस और कार्डिनल अयुसो को उपहार भेंट किए, वैश्विक संकटों के लिए सहानुभूति और साझा जिम्मेदारी को बढ़ावा देने में आपसी समर्थन का वचन दिया।
स्पेन में जन्मे कार्डिनल अयुसो ने अपना जीवन अंतरधार्मिक संवाद के लिए समर्पित कर दिया। मिस्र और सूडान में एक मिशनरी के रूप में उनके अनुभव ने उनके दृष्टिकोण को समृद्ध किया, जिससे वे ख्रीस्तीय-मुस्लिम संबंधों को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए। उनके नेतृत्व में, अंतरधार्मिक संवाद विभाग ने संत पापा फ्राँसिस और अल अजहर के ग्रैंड इमाम अहमद अल-तैयब द्वारा मानव बंधुत्व पर 2019 दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने जैसे मील के पत्थर हासिल किया।
कार्डिनल अयुसो ने मुस्लिम बहुल देशों की ऐतिहासिक यात्राओं पर संत पापा फ्राँसिस के साथ काम किया और उन क्षेत्रों में शांति और समझ की वकालत की जहाँ ख्रीस्तीय अल्पसंख्यक हैं। एकता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता ने दुनिया भर के अंतरधार्मिक समुदायों पर एक अमिट छाप छोड़ी।
जैसा कि थाईलैंड उनके निधन पर शोक मना रहा है, काथलिक और बौद्ध भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करने की उम्मीद में अंतरधार्मिक सद्भाव में कार्डिनल अयूसो के उल्लेखनीय योगदान का सम्मान करना चाहते हैं।
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