झारखंड के धर्मप्रांतों में जुबली वर्ष 2025 का उद्घाटन
वाटिकन न्यूज
झारखंड, सोमवार 30 दिसंबर 2024 (काथलिक प्रेस) : विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरुओं द्वारा प्रत्येक 25वें वर्ष में विभिन्न शीर्षक को लेकर जुबली वर्ष घोषित किया जाता रहा है। संत पिता फ्राँसिस ने वर्ष 2025 को जुबली का वर्ष घोषित किया है जिसका शीर्षक है "आशा के तीर्थयात्री" - आशा निराश नहीं करती। संत पापा फ्राँसिस ने विश्व के सभी काथलिक धर्मप्रांतों के धर्माध्यक्षों एवं महाधर्माध्यक्षों को पवित्र परिवार के पर्व दिन दिनांक 29 दिसंबर 2024 को अपने अपने धर्मप्रांत में जुबली वर्ष 2025 "आशा के तीर्थयात्री" का उद्घाटन करने का आदेश दिया।
इसी अध्यादेश का पालन करते हुए झारखंड के धर्माध्यक्षों ने अपने अपने धर्मप्रांतों में में जुबिली वर्ष 2025 का उद्घाटन किया।
रांची महाधर्मप्रांत में जुबली वर्ष 2025 का उद्घाटन
रांची महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विंसेंट आईंद ने पवित्र परिवार के पर्व दिन, रांची के संत मरिया महागिरजा घर में जुबली वर्ष 2025 "आशा के तीर्थयात्री" का उद्घाटन किया।
इस उद्घाटन समारोह की धर्मविधि महागिरजा परिसर में आरंभ हुई जिसकी अगुवाई रांची काथलिक महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विंसेंट आईंद ने किया। इस जुबिली वर्ष के लिए एक विशेष क्रूस का निर्माण किया गया है जिसकी बनावट सामान्य क्रूस से भिन्न है। यह क्रूस दिखने में झुका हुआ और नीचे का हिस्सा जहाज के लंगर के समान है जो जीवन के हलचल में एक ठहराव प्रदान करने का प्रतीक है। चार रंग लाल, पीला, हरा, और नीला रंग के चार व्यक्ति एक के पीछे एक पीछे क्रूस पकड़े हुए हैं जो संपूर्ण मानव जाति का प्रतिनिधित्व करती है। इस क्रूस को रांची काथलिक महाधर्मप्रांत में पल्ली के माध्यम से सभी गांव और टोला में आराधना के लिए घुमाया जाएगा।
उद्घाटन समारोह में सभी लोग तीर्थयात्री का प्रतीक के रूप में अपने हाथों में मोमबत्ती लिए क्रूस के पीछे जुलुस में महागिरजाघर में प्रवेश किया। इसके पश्चात मिस्सा बलिदान समारोह में भाग लिया। महाधर्माध्यक्ष विंसेंट आईंद ने अपने प्रवचन में कहा कि "नाजरेथ के पवित्र परिवार के समान ही अपने परिवार को प्यार, स्नेह और क्षमा से भरें।"
मिस्सा के अंत में महाधर्माध्यक्ष ने इस जुबली वर्ष में आशा के तीर्थयात्री के रूप में तीर्थस्थल यात्रा करने का आह्वान किया। जिनमें क्षमता हो रोम जा सकते हैं, दूसरे पल्ली जा सकते हैं और जो बुजुर्ग हैं वे पड़ोसी के यहां यात्रा कर सकते हैं।
डाल्टनगंज धर्मप्रांत में जुबली वर्ष 2025 का उद्घाटन
डाल्टनगंज धर्मप्रांत में धर्माध्यक्ष थेओदोर मस्करेंहास ने डाल्टनगंज के महागिरजाघर में रविवार 29 दिसंबर 2024 को एक भव्य उद्घाटन समारोह के साथ जुबली वर्ष 2025 का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए, जो प्रभु में अपनी आशा और आस्था का बखान करने के लिए एक साथ आए थे।
पवित्र मिस्सा के दौरान अपने संदेश में, धर्माध्यक्ष मस्करेंहास ने जुबली वर्ष के महत्व पर जोर दिया, और श्रद्धालुओं से प्रभु में अटूट आस्था के साथ पवित्रता की ओर बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने समुदाय को याद दिलाया कि उनकी आशा प्रभु के क्रूस में निहित है, जहाँ मुक्ति मिलती है। यह क्रूस हर पल्ली में ले लिया जायेगा ताकि सभी लोग उस क्रूस का दर्शन कर प्रभु से प्रार्थना कर सकें। धर्माध्यक्ष थेओदोर ने घोषणा की कि इस जुबली समारोह के दौरान, श्रद्धालु आशा के तीर्थयात्री हैं, जो अपने विश्वास की गहरी समझ की ओर एक साथ यात्रा कर रहे हैं।
मिस्सा के बाद, एक जुलूस निकाला गया, जिसमें मसीह को प्रभु और उद्धारकर्ता के रूप में घोषित किया गया। जुलूस, जो सड़कों से होकर गुजरा, क्रूस में श्रद्धालुओं की आशा की एक शक्तिशाली घोषणा थी। जुलूस का समापन शाहपुर डाल्टनगंज के सहोदया हाई स्कूल में हुआ, जहाँ धर्माध्यक्ष थेओदोर ने अपना अंतिम आशीर्वाद दिया। जुलूस उत्सव के दोपहर के भोजन के साथ समाप्त हुआ, जहाँ श्रद्धालु इस अवसर की खुशी साझा करने के लिए एकत्र हुए।
जब वे विदा हुए, तो श्रद्धालु अपने साथ धर्माध्यक्ष थेओदोर के संदेश और पवित्र समारोह से प्रेरित होकर आशा और उद्देश्य की नई भावना लेकर गए। वे आशा के तीर्थयात्री के रूप में विदा हुए, जो प्रभु के प्रति अपनी आस्था और प्रतिबद्धता में एकजुट थे। जुबली वर्ष 2025 का उद्घाटन समारोह काथलिक कलीसिया के कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, और आध्यात्मिक चिंतन, विकास और उत्सव के एक वर्ष के लिए माहौल तैयार किया।
हजारीबाग धर्मप्रांत में जुबली वर्ष 2025 का उद्घाटन
हजारीबाग धर्मप्रांत में धर्माध्यक्ष आनंद जोजो ने हजारीबाग स्थित प्रभु के रुपांतरण महागिरजाघर में रविवार 29 दिसंबर 2024 को एक भव्य समारोह के साथ जुबली वर्ष 2025 का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में भाग लेने धर्मप्रांत के सभी पल्लियों और मिशन स्टेशनों से दस दस प्रतिनिधि आये थे।
रविवार को जुबली उदधाटन समारोह शुरु करने के लिए सभी विश्वासीगण हजारीबाग के होली क्रॉस अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्रांगण में जमा हुए। होली क्रॉस धर्मबहनों की अगुवाई में प्रवेश गान के साथ समारोह शुरु हुआ। धर्माध्यक्ष आनंद ने जुबली वर्ष के महत्व और संत पापा फ्राँसिस के जुबली अध्यादेश को पढ़ सुनाया। इसके बाद जुबली के लिए विशेष रुप से तैयार किये गये क्रूस को आशीष दिया। यह क्रूस पूरे पवित्र जुबली वर्ष के दौरान विश्वासियों की आराधना के लिए पल्ली के गिरजाघऱों में स्थापित किया जायेगा।
पवित्र क्रूस को सम्मान जुलुस में रोजरी करते और गीत गाते हुए विश्वासीगण महागिरजाघर के प्रांगण पहुँचे। वहाँ धर्माध्यक्ष आनंद द्वारा जुबली वर्ष का झंडोत्तोलन किया गया। इसके बाद धर्माध्यक्ष आनंद जोजो ने महागिरजाघर के प्रमुख द्वार को खोला। सभी विश्वासीगण भक्तिभाव से महागिरजाघऱ में प्रवेश किये।
पवित्र मिस्सा समारोह के दौरान धर्माध्यक्ष आनंद ने अपने प्रवचन में कहा कि ईसा मसीह ही हमारे जीवन के आधार हैं जो कभी नहीं मरेंगे औऱ हमारे साथ रहेंगे, वही आशा के स्रोत हैं l हमें जीवन में उसे कभी नहीं त्याग देना चाहिएI उसके द्वारा हमें दुनिया में सफल जीवन जीने के लिए बहुत अधिक आध्यात्मिक वरदान मिले हैं, विश्वास, प्रेम, दया, क्षमा, सेवा, आशा, धैर्य, ज्ञान इत्यादिI इस पवित्र जुबली वर्ष में हमें आध्यात्मिक दृष्टीकोण से समृद्धिशाली बनने की कोशिश करनी चाहिएI
पवित्र मिस्सा समारोह के बाद जुबली वर्ष 2025 का उद्घाटन उत्सव दोपहर के भोज के साथ समाप्त हुआ।
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