घाना की धर्मबहनों द्वारा ‘कल के लिए हरित खेती’ एक स्कूल परियोजना
सिस्टर सिल्वी लुम चो, एमएसएचआर
घाना, डोनकोरक्रोम, मंगलवार 17 दिसंबर 2024 : घाना में कोयले को जलाने के लिए पेड़ों को काटना आम बात है, जिसे स्थानीय भाषा में 'गैलमसी' कहा जाता है। गैलमसी का मुद्दा घाना काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (जीसीबीसी) और घाना के धर्मसंघियों के प्रमुखों के सम्मेलन (सीएमएसआर-जीएच) दोनों द्वारा बहुत चर्चा का विषय रहा है, जिन्होंने अवैध खनन और पर्यावरण के विनाश के खिलाफ एक प्रार्थना संकलित की है, जिसे घाना में सभी धार्मिक समुदायों द्वारा प्रार्थना की जाती है।
अफ़्राम मैदानों में वनों की कटाई की समस्या
घाना में पेड़ों की कटाई से कई बड़ी पर्यावरणीय समस्याएँ पैदा होती हैं, जिनमें से एक जलवायु परिवर्तन भी है। इस प्रथा के कारण अत्यधिक तापमान और मिट्टी का कटाव होता है, जिससे मिट्टी का क्षरण और पोषक तत्वों की कमी होती है, धरती बाढ़ और भूस्खलन के संपर्क में आती है और कृषि एक चुनौती बन जाती है।
इससे गंभीर जल संकट भी पैदा हो सकता है। पेड़ वर्षा को अवशोषित करके, भूजल भंडार को फिर से भरकर और नदी के प्रवाह को नियंत्रित करके जल चक्र को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दरअसल, डोनकोरक्रोम शहर तीन मुख्य नदियों से घिरा हुआ है: वोल्टा, अफ़्राम और ओबोसम, फिर भी यह अभी भी जल संकट से ग्रस्त है।
पवित्र रोज़री की मिशनरी धर्मबहनों का योगदान
अफ़्राम मैदानों में अनुभव की गई इन स्थितियों में से कुछ को टालने के तरीके के रूप में, पवित्र रोज़री की मिशनरी धर्मबहनों ने कई वर्षों से अपने स्कूल के मैदान में पेड़ और फूल लगाए हैं। अपने सीमित संसाधनों के साथ भी, उन्होंने सभी की भलाई के लिए इन हरे पौधों को उगाने को प्राथमिकता देना जारी रखा है।
अपने संस्थापक, धर्माध्यक्ष जोसेफ शहनहान, सीएसएसपी की भावना में ईश्वरीय प्रावधान पर भरोसा करते हुए और संत पापा फ्राँसिस के विश्वपत्र ‘लौदातो सी’ से प्रेरित होकर, पृथ्वी की देखभाल करने का आह्वान करते हुए, हमारे आम घर, घाना में एमएसएचआर धर्मबहनों ने पौधे लगाने और उनका पोषण करने के इस धर्मोपदेश को जारी रखा है।
हर साल, धर्मबहनों द्वारा संचालित संस्थानों के बच्चे पेड़ लगाते हैं और उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है कि कैसे पृथ्वी की देखभाल की जाए। इन वर्षों में, पौधे बड़े हो गए हैं और उन्होंने मैदान की प्राकृतिक सुंदरता में बहुत वृद्धि की है। नम डोनकोरक्रोम में बाहरी गतिविधियों के दौरान बच्चों के लिए आश्रय प्रदान करने के लिए पेड़ बढ़ रहे हैं। वे सीखने के लिए एक सक्षम वातावरण भी बनाते हैं, परिसर के चारों ओर घूमने की सुविधा के लिए घास फैली हुई है और साथ ही बारिश के मौसम में कीचड़ को खत्म करती है, जिससे बच्चों के लिए एक उपयुक्त खेल का मैदान बनता है।
अफ्राम मैदानों की वास्तविकता के बीच स्कूल के मैदानों का रखरखाव
अनुमान है कि 80% से अधिक आबादी गरीबी रेखा से नीचे रहती है। गरीबी की स्थिति से उबरने के लिए भोजन और आय की तलाश में पलायन क्षेत्र के विकास को बाधित करता है, जिससे स्कूलों और अन्य संस्थाओं, निजी और सार्वजनिक दोनों के सुचारू संचालन पर असर पड़ता है।
इसलिए ऐसे माहौल में स्कूल के मैदानों का रखरखाव करना स्कूल प्रबंधन के लिए आसान नहीं है। रखरखाव की लागत बहुत अधिक है और हमेशा अधिक कर्मचारियों को काम पर रखने की आवश्यकता होती है।
पवित्र रोजरी की माता मरियम की मिशनरी धर्मबहनों ने ने इस चुनौतीपूर्ण संदर्भ में अपने स्कूलों का सफलतापूर्वक प्रबंधन करने की कोशिश की है।
धर्मबहनों के अनुसार, उनका मिशनरी करिश्मा उनकी अपनी देशों और संस्कृतियों की सीमाओं से परे भेजे जाने की तत्परता में व्यक्त होता है, ताकि किसी भी ज़रूरतमंद के साथ सुसमाचार साझा किया जा सके।
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