परमाणु हथियार उपयोग न करना धर्मशिक्षा में जोड़ा जाएगा,संत पापा
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
विमान, बुधवार 27 नवम्बर 2019 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस थाईलैंड और जापान की अपनी सात दिवसीय प्रेरितिक यात्रा समाप्त कर 26 नवम्बर को हानेदा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से अल्ल निपोन एयरवेज द्वारा रोम वापसी के लिए यात्रा शुरु किया। विमान में संत पापा ने सभी पत्रकारों का अभिवादन कर उनके कामों की सराहना करते हुए उनके साथ रहने और उनका साथ देने के लिए धन्यवाद दिया।
संत पापा ने अनेक पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। "परमाणु हथियारों के उपयोग की अनैतिकता के बारे में संत पापा ने कहा कि इसे काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा में जोड़ा जाना चाहिए। न केवल परमाणु हथियारों का उपयोग बल्कि उन्हें पास रखना भी अनैतिक है। एक व्यक्ति के पागलपन से या कुछ सरकारी नेता के पागलपन और गलत निर्णय से पूरी मानवता को नष्ट कर सकता है।
नागासाकी और हिरोशिमा के दौरे का अनुभव
काथलिक शिमबुम के पत्रकार नागासाकी के फादर माकोतो ने संत पापा से नागासाकी और हिरोशीमा के अनुभव के बारे पूछा। साथ ही पूर्वी कलीसिया और समाज दवारा पच्छिम देशों के लिए क्या संदेश दे सकता है?
संत पापा ने कहा, “ प्रकाश पूर्व से आता है, विलासिता, उपभोक्तावाद, पश्चिम से आते हैं। पूर्वी ज्ञान, जो न केवल ज्ञान का, बल्कि समय का, चिंतन का ज्ञान है। चिंतन करने के लिए सीखना, हमारे पश्चिमी समाज के लिए बहुत मददगार होगा। यह मेरी व्यक्तिगत राय है, लेकिन मुझे लगता है कि पश्चिम में कुछ सुंदर काव्यात्मक बातें हैं, लेकिन पूरब इससे उपर है। पूरब आंखों से उन चीजों को देखने में सक्षम है जो उससे आगे जाती हैं। मैं "ट्रान्सेंडेंट" शब्द का उपयोग नहीं करना चाहता क्योंकि कुछ पूर्वी धर्मों में ट्रान्सेंडेंट का उल्लेख नहीं है, लेकिन एक दृष्टि है जो ट्रांसेंडेंट कहे बिना अनुकरण की सीमा से परे जाती है, इसीलिए मैं पूर्वी ऋषियों के ज्ञान को पढ़कर उपवास, तपस्या के माध्यम से वैयक्तिक पूर्णता की खोज, काव्य जैसे शब्दों का प्रयोग करता हूँ। मेरा मानना है कि पश्चिमी देशों को थोड़ा रुककर और ज्ञान के लिए समय देने से अच्छा होगा।”
नागासाकी और हिरोशिमा के दौरे के बारे संत पापा ने कहा "नागासाकी और हिरोशिमा दोनों ने परमाणु बम का सामना किया, लेकिन एक अंतर है: नागासाकी ने न केवल बम का अनुभव किया, बल्कि ख्रीस्तीय उत्पीड़न भी। नागासाकी में ख्रीस्तीय जड़ें हैं। हालांकि पूरे जापान में ख्रीस्तियों पर उत्पीड़न हो रहा था, लेकिन नागासाकी में यह बहुत मजबूत था। राजदूतावास के सचिव ने संत पापा को उस समय के "वांटेड" संकेत के साथ एक लकड़ी का तख्ता दिया जिसमें लिखा था, “यदि कोई एक ख्रीस्तीय को खोज निकाले तो उसे इनाम मिलेगा और अगर एक पुरोहित का पता बताये तो उसे और बड़ा इनाम मिलेगा।”
संत पापा ने कहा,“हिरोशिमा, केवल परमाणु बम हमले की याद में था, क्योंकि यह नागासाकी जैसा ख्रीस्तीय शहर नहीं है। इसीलिए मैं दोनों के पास जाना चाहता था। दोनों में परमाणु आपदा थी।”
“हिरोशिमा एक वास्तविक मानव क्रूरता पर धर्मशिक्षा थी। संत पापा समय की कमी के कारण हिरोशिमा संग्रहालय नहीं जा सके। लेकिन उन्होंने बताया कि संग्राहलय में राष्ट्राध्यक्षों के पत्र हैं, जिसमें सेना के जनरल बताते हैं कि अधिक से अधिक आपदा का उत्पादन कैसे किया जा सकता है। यह अनुभव संत पापा के लिए बहुत अधिक मार्मिक था और वहां उन्होंने फिर से कहा कि परमाणु हथियारों का उपयोग अनैतिक है, इसे काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा में जोड़ा जाना चाहिए। न केवल परमाणु हथियारों का उपयोग बल्कि उन्हें पास रखना भी अनैतिक है। एक व्यक्ति के पागलपन से या कुछ सरकारी नेता के पागलपन और गलत निर्णय से पूरी मानवता को नष्ट कर सकता है।
परमाणु ऊर्जा का उपयोग
द असाही शिंबम से शिनिची कवाड़ा ने संत पापा से कहा,“जैसा कि आपने कहा, स्थायी शांति को निरस्त्रीकरण के बिना प्राप्त नहीं किया जा सकता है। जापान एक ऐसा देश है जो संयुक्त राज्य अमेरिका के परमाणु संरक्षण का आनंद लेता है और परमाणु ऊर्जा का निर्माता भी है। इसके निर्माण में फुकुशिमा जैसी बड़ी घटनायें और भी हो सकती हैं। जापान विश्व शांति में कैसे योगदान दे सकता है? क्या परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को बंद कर देना चाहिए?
संत पापा ने कहा कि परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में हमेशा दुर्घटना हो सकती है। परमाणु ऊर्जा के उपयोग की सीमाएं हैं क्योंकि हम अभी तक पूर्ण सुरक्षा प्राप्त नहीं की है। सुरक्षा की कमी के कारण भी बिजली एक आपदा का कारण बन सकती है, लेकिन यह एक बहुत छोटी आपदा होगी। एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र आपदा बहुत बड़ी आपदा होगी। संत पापा की निजी राय है कि वे तब तक परमाणु ऊर्जा का उपयोग नहीं करेंगे जब तक कि इसका उपयोग पूरी तरह से सुरक्षित न हो। कुछ लोगों का कहना है कि यह पृथ्वी की देखभाल के लिए एक जोखिम है और परमाणु ऊर्जा का उपयोग करना बंद करना होगा। हर दस साल में दुनिया का निर्माण होता है। संत पापा ने उक्रेन का उदाहरण देते हुए कहा कि परमाणु शक्ति सृजन मानव व्यक्ति पर आपदा का कारण बनता है। उनका मानना है कि पर्यावरण के संबंध में सुरक्षा की मर्यादा को भंग किया गया है जैसे कृषि कीटनाशकों में, मुर्गियों को पालने में। डॉक्टर माताओं को अपने बच्चों को नहीं खिलाने के लिए कहते हैं क्योंकि उन्हें हार्मोन दिया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बुरा है। पर्यावरण के गलत उपयोग के कारण आज बहुत सारे दुर्लभ रोग हैं।
वाटिकन के अंदर वित्तीय जांच
टीवी 2000 से ख्रीस्टीना कारिकातो ने कहा कि परमधर्मपीठ दवारा लंदन के केंद्र में करोड़ों यूरो की संपत्ति खरीदी गई है। खासकर इसमें संत पेत्रुस की उदारता के यूरो को खर्च किया गया है इस उपयोग से लोग निराश हैं। आप पूरा मामला कैसे देखते हैं?
संत पापा ने कहा कि रुपये संदूक में बंद रखने के लिए नहीं होते, इसका सही तरह से प्रयोग करना चाहिए जो सुरक्षित और नैतिक हो। संत पेत्रुस के यूरो को हथियार बनाने वाले फैक्टरी में खर्च नहीं किया जा सकता है। संत पापा ने कहा, “यदि आप एक निवेश करते हैं और वर्षों तक पूंजी को नहीं छूते हैं, तो यह सही नहीं है। पेत्रुस के रुपये एक साल या एक साल के भीतर खर्च किया जाना चाहिए, जब तक कि अगला संग्रह दुनिया भर में नहीं किया जाता है।संत पापा ने समझाया कि आप पेत्रुस के रुपये एक संपत्ति खरीद सकते हैं, उसे किराए पर दे सकते हैं और फिर उसे बेच सकते हैं, लेकिन हमेशा सुरक्षित रूप से, लोगों की भलाई के लिए रुपये का सही उपयोग हो।
संत पापा ने स्वीकार किया कि वाटिकन में जो हुआ, वह एक तरह का कलंक था। उन्होंने ऐसे काम किए जो पारदर्शी नहीं थे। यह आरोप बाहर से नहीं आया। संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें द्वारा आर्थिक सुधार के तहत आंतरिक लेखा परीक्षक ने इस बात को उठायी थी। लंदन की सम्पति के मामले का वाटिकन न्याय प्रणाली द्वारा जाँच जारी है। पांच कार्यालयों की तलाशी ली गई। आज, यद्यपि निर्दोषता का अनुमान है। परंतु यह स्पस्ट है पूंजी का अच्छी तरह से उपयोग नहीं किया गया था। एक महीने के अंदर पांच लोगों पर कार्यवाही शुरू हो जाएगी, जिन्हें निलंबित कर दिया गया था खोज के परिणाम दिखाएंगे कि वे दोषी हैं या नहीं। वाटिकन के अंदर इन चीजों का होना अच्छा नहीं है। लेकिन वे आंतरिक तंत्र द्वारा हल किए जा रहे हैं वाटिकन का नियंत्रण तंत्र अच्छी तरह से काम कर रहा है।
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