कांतालामेस्साः क्रूस भ्रातृत्व की नींव
दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 02 अप्रैल 2021 (रेई) वाटिकन प्रवचनकर्ता कार्डिनल रानियेरो कांतालामेस्सा ने वाटिकन संत पेत्रुस महागिरजाघर में पुण्य शुक्रवार की धर्मविधि, प्रभु के दुःखभोग की कथा उपरांत अपने चिंतन में कहा, “हम भ्रातृत्व निर्माण उसी भांति करते हैं जैसे कि शांति की स्थापना की जाती है जो स्वयं से शुरू होती है।”
भ्रातृत्व का अर्थ
पुण्य शुक्रवार को ख्रीस्तियों द्वारा प्रभु के दुःखभोग की यादगारी मनाने के अवसर पर कार्डिनल ने भ्रातृत्व और एकता की विषयवस्तु पर प्रकाश डाला जो संत पापा फ्रांसिस के विश्व प्रेरितिक पत्र फ्रातेल्ली तूत्ती की आधारशिला है।
उन्होंने कहा कि फ्रातेल्ली तूत्ती का दस्तावेज कलीसिया के अंदर और बाहर एक विस्तृत समुदाय, सारी मानवता को अपने में सम्माहित करता है। यह व्यक्तिगत और जन सामान्य जीवन से लेकर धार्मिक, सामाजिक, और राजनैतिक विभिन्न स्तरों में सच्ची और न्यायसंगत भ्रातृत्व के आलिंगन हेतु दिशा निर्देशित करता है।
कार्डिनल ने कहा “क्रूस का रहस्य जिसे हम मना रहे हैं हमें कलवारी की बेदी पर स्थापित ख्रीस्तीय भ्रातृत्व के भाव पर ध्यान क्रेन्दित करने का आहृवान करता है।” भाई शब्द का सामान्य अर्थ सहोदर है। लेकिन यदि हम एक कदम आगे जाये तो इसका अर्थ एक देश या एक ही लोग है। इसका विस्तृत अर्थ पूरी मानव जाति को अपने में सम्माहित करता है जहाँ भाई शब्द को पड़ोसी के रुप में अनुवादित पाते हैं जैसा का धर्मग्रँथ बाईबल हमें कहता है। “जो कुछ तुमने छोटे से छोटे मेरे भाइयों के लिए किया तुमने वह मेरे लिए किया।” येसु अपने इन वचनों के द्वारा जरूरत में पड़े सभी लोगों को हमारे बीच लाते हैं।
पास्का के उपरांत भ्रातृत्व
पास्का में शब्द भाई अपने में और भी विशेष अर्थ को व्यक्त करता है। पास्का रहस्य में येसु ख्रीस्त “भाइयों में पहलौठे (रोम.8.29) हैं। शिष्यगण इस भांति एक नये और गहरे अर्थ में भाई-बहन बनते हैं। वास्तव में, कांतालामेस्सा ने कहा कि पुनरूत्थान के बाद केवल येसु पहली बार शिष्यों को भाई कह कर सबोधित करते हैं। वे मरियम मगदलेना से कहते हैं, “मेरे भाइयों के पास जा कर कहो कि मैं अपने पिता और तुम्हारे पिता, अपने ईश्वर और तुम्हारे ईश्वर के पास ऊपर जा रहा हूँ (यो.20.18)।”
पास्का के बाद भाई शब्द हमारे लिए विश्वास के मनोभाव को दिखलाता है, जो ख्रीस्तीय समुदाय की ओर इंगित करता है- जहाँ हम येसु ख्रीस्त के खून से संबंधित सगे भाई-बहन बनते हैं। परिवार, देश, या जाति के भ्रातृत्व को हस्तातंरित करने के बदले यह येसु ख्रीस्त के भ्रातृत्व में हमें सुशोभित करता है। ख्रीस्तीय विश्वास इसे और भी सुदृढ़ करता है हम सृष्ट प्राणियों के रुप में केवल एक पिता की संतान मात्र नहीं बल्कि हमारा एक भाई है जो मुक्तिविधान में भाइयों में पहलौठा है।
कलीसियाई विभाजन की चंगाई
वाटिकन उपदेशक ने कहा कि भ्रातृत्व ख्रीस्तियों के मध्य धर्मसिद्धांतों, संस्कारों और प्रेरिताई के आधार पर घायल और विभाजित है जिसे हम कलीसियाओं में पाते हैं। “विभाजन ख्रीस्तियों को ध्रुवीकृत करता है जहाँ हम राजनीति विचारों को कलीसियाओं की प्रथमिकता के आधार पर आदर्शो में परिवर्तित होता पाते हैं, जो कलीसिया में आज्ञाकरिता के मूल्यों और कर्यत्वों का पूर्णरूपेण नजरअंदाज करती है।”
हम विशेष रुप से भ्रातृत्व का निर्माण उसकी तरह करते हैं जैसे शांति स्थापना हेतु कार्य किया जाता है जिसकी शुरूआत व्यक्तिगत रुप में कलीसिया के अंदर होती है। इसके लिए सबसे अहम बात यह है कि हम आत्म-जाँच करते हुए अपने में परिवर्तन लायें। विभाजन लाना शैतान का कार्य है, जो हमारे बीच “शत्रु के रुप में जंगली बीज बोता है।”
इस संदर्भ में हम येसु का उदाहरण ले सकते हैं उन्होंने अपने समय के चार दलों, फरीसी, सदूकियों, हेरोदियों, शस्त्रियों में से किसी का पक्ष नहीं लिया।
कांतालामेस्सा ने कहा, “चरवाहों को चाहिए कि वे सर्वप्रथम अपना आत्म-मंथन करें। उन्हें अपने में यह पूछने की जरुरत है कि क्या वे झुण्ड को अपनी ओर ले रहें हैं या येसु की ओर।”
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