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रोम में बेघर लोग रोम में बेघर लोग 

फ्रायर माईनर के सदस्यों से पोप ˸ गरीब और बहिष्कृत आपके शिक्षक है

संत पापा फ्राँसिस ने फ्रांसिस्कन ऑर्डर, फ्रायर्स माइनर की महासभा में भाग लेनेवालों को एक संदेश भेजते हुए उन्हें हमेशा भ्रातृत्व और एक सरल एवं आनंदमय जीवन के साक्षी बनने की याद दिलाई जब वे अपनी दृष्टि को नवीनीकृत करने और भविष्य को अपनाने के लिए एकत्रित हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 17 जुलाई 2021 (रेई) – संत पापा ने कहा, "कई महीनों से, महामारी के कारण हम अपने आपको आपातकाल, अलगाव और पीड़ा की स्थिति में पा रहे हैं। यह संकटपूर्ण अनुभव, एक ओर हमें यह समझने के लिए प्रेरित करता है कि पृथ्वी पर हमें एक तीर्थयात्री और अजनबी की तरह सभी चीजों से मुक्त यात्रा करनेवालों के समान जीना है, वहीं दूसरी ओर, यह ख्रीस्त और भाइयों के साथ संबंध प्रगाढ़ करने का एक अनुकूल अवसर है।"

संत पापा ने फ्रायर माईनर के धर्मबंधुओं की बुलाहट की याद दिलाते हुए कहा कि वे ईश प्रजा के बीच एक विनम्र नबी बनने एवं सभी के लिए भाईचारापूर्ण तथा सरल और प्रसन्नचित जीवन जीने के लिए बुलाये गये हैं। 

एक दर्शन और एक भविष्य जो जी उठे हुए मसीह में निहित है  

महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बीच धर्मसमाज की महासभा को संत पापा ने ईश्वर की स्तुति एवं धन्यवाद का कारण बताया, जिसमें वे "अपने दर्शन को नवीकृत करना एवं अपने भविष्य का आलिंगन" करना चाहते हैं। संत पापा ने कहा, "संत पौलुस के शब्द आपका मार्गदर्शन करें ˸ नींद से जागो...और मसीह आपको आलोकित कर देंगे।" (एफे.5˸14) उन्होंने कहा कि ये पुनरूत्थान के शब्द हैं जिनका मूल पास्का में है क्योंकि पुनर्जीवित ख्रीस्त के बिना किसी तरह की नवीनता और भविष्य नहीं है। अतः वे कृतज्ञपूर्ण हृदय से ईश्वर की उपस्थिति एवं उनके कार्यों के लिए अपने आपको खोलें तथा कारिज्म के वरदान एवं भाईचारापूर्ण पहचान की खोज करें।

संत फ्राँसिस असीसी की याद दिलाते हुए संत पापा ने कहा कि युवा फ्रांसिस असीसी ने अपने दृष्टिकोण को नवीकृत किया। जब एक कोढ़ी से उनकी मुलाकात हुई तो कड़वापन, आत्मा और शरीर की मिठास में बदल गयी। भाइयों के प्रति करुणा प्रकट करने के द्वारा ईश्वर ने फ्रांसिस के हृदय का स्पर्श किया। आज खासकर सबसे जरूरतमंद लोगों से मुलाकात करने पर वे हमारे हृदय को भी छूते हैं। दृष्टिकोण में नवीनता तभी शुरू हो सकती है जब गरीब और हाशिये पर जीवनयापन करनेवाले भाई-बहनों में हम ईश्वर की उपस्थिति पर चिंतन कर पायेंगे। इसी दृष्टिकोण, पड़ोसियों से मुलाकात एवं उनके घावों को महसूस करने के ठोस अनुभव द्वारा, हम भविष्य को भाईचारा एवं छोटों (माईनर) के रूप में देखने की नई उर्जा प्राप्त कर सकेंगे।

'गरीबों से मिलें, धरती की रक्षा करें, शांति और सुलह के लिए काम करें'

नवीनीकरण हेतु उन्हें प्रोत्साहन देते हुए संत पापा ने कहा कि नवीनीकरण की शक्ति ईश्वर की आत्मा से आती है। वह आत्मा जिसने फ्रांसिस की कोढ़ी से मुलाकात की कड़वाहट को आत्मा और शरीर की मिठास में बदल दिया। वह आज भी आप प्रत्येक को नई ताजगी और ऊर्जा प्रदान करेगा, यदि आप खुद को उनसे प्रेरित होने देंगे।

संत पापा ने कहा, "मैं आप को प्रोत्साहन देता हूँ कि आप उन लोगों से मुलाकात करने जाएँ जो आत्मा और शरीर से पीड़ित हैं। उन्हें अपनी विनम्र एवं भ्रातृत्वपूर्ण उपस्थिति प्रदान करें, बड़े भाषणों द्वारा नहीं बल्कि छोटे भाइयों की तरह अपना सामीप्य व्यक्त करने के द्वारा। घायल सृष्टि, हमारे आमघर की ओर जायें जो थोड़े लोगों की समृद्धि के लिए पृथ्वी के संसाधनों के अत्यधिक शोषण से जबकि अधिक लोगों की दयनीय स्थिति के कारण पीड़ित है। वार्ता के व्यक्ति की तरह बढ़ें, दीवार के बदले सेतु का निर्माण करने की कोशिश करें, आम योजना के लिए रास्ता की खोज हेतु संघर्षरत विश्व में भ्रातृत्व एवं सामाजिक मित्रता का उपहार दें। शांति और मेल-मिलाप के व्यक्ति की तरह आगे आकर घृणा, विभाजन और हिंसा के बीज बोनेवालों को हृदय परिवर्तन के लिए आमंत्रित करें तथा इसके शिकार लोगों को वह आशा प्रदान करें जो सच्चाई, न्याय और क्षमा से आती है।

डरिये नहीं

संत पापा ने बुलाहट की चुनौतियों पर गौर करते हुए कहा कि धर्मसमाज में बुलाहट की संख्या में गिरावट और उम्र की चुनौती की चिंता और भय उन्हें अपने हृदय और मन को नवीकृत होने हेतु खोलने से न रोके, जिसको पवित्र आत्मा हममें जगाता है। उन्होंने कहा, " आपके पास अतुलनीय समृद्धि की आध्यात्मिक विरासत है, जो सुसमाचारी जीवन में निहित है और प्रार्थना, बंधुत्व, गरीबी, अल्पसंख्यक और यात्रा द्वारा चिन्हित है। यह न भूलें कि हमने, ईश्वर के लिए भविष्य के प्रति खुला होने की शक्ति, गरीबों, आधुनिक दासता के शिकार, शरणार्थी एवं दुनिया के बहिष्कृत लोगों के निकट होने हेतु नवीकृत दृष्टि प्राप्त किया है। वे ही हमारे प्रभु हैं, हम संत फ्रांसिस की तरह उनका आलिंगन करें।

संत पापा ने प्रभु से प्रार्थना की कि वे सुसमाचार के अधिक विश्वस्त एवं प्रसन्नचित साक्षी बन सकें, सरल और भाईचारापूर्ण जीवन जी सकें तथा विश्वास एवं आशा के सुसमाचार के बीच के साथ दुनिया की सड़कों पर जा सकें। अंत में, उन्होंने उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।     

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17 जुलाई 2021, 16:12
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