येसु छोटेपन से महानता का मार्ग दिखाते हैं,संत पापा
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, शनिवार 25 दिसम्बर 2021 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने 24 दिसम्बर को स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों को देखते हुए एक छोटे समुदाय के साथ संत पेत्रुस महागिरजाघर में रात्रि जागरण मिस्सा समारोह का अनुष्ठान किया।
अपने प्रवचन में संत पापा ने कहा, “अँधेरे में एक उजाला चमकता है। एक स्वर्गदूत प्रकट होता है, प्रभु की महिमा चरवाहों के चारों ओर चमकती है और सदियों से प्रतीक्षा किया गया संदेश सुनाया जाता है: "आज आपके लिए एक उद्धारकर्ता प्रभु मसीह का जन्म हुआ है।" (लूका 2:11) स्वर्गदूत चरवाहों को बताता है कि ईश्वर जो पृथ्वी पर उतर आया है उसे कैसे पहचाना जाए, "यह आप लोगों के लिए पहचान होगी-आप एक बालक को कपड़े में लपेटा और चरनी में लिटाया हुआ पायेंगे।" (पद 12) वह संकेत है: एक बालक, एक चरनी की भीषण गरीबी में पड़ा हुआ है। कोई और अधिक चमकदार रोशनी या स्वर्गदूतों के गायन नहीं है। केवल एक बच्चा। जैसा कि इशायाह ने भविष्यवाणी की थी: "हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ।" (इशा 9:6)
कपड़े में लिपटा एक गरीब बच्चा
संत पापा ने सुसमाचार पाठ पर चिंतन करते हुए कहा कि सांसारिक शक्तियों की भव्यता के बीच, जब कैसर अगस्तुस ने बेथलहम के छोटे से शहर में दुनिया की जनगणना का आदेश दिया, जहां हम नवजात, गरीब बच्चे को चरनी में पाते हैं। जन्म का संदेश यह है कि "ईश्वर दुनिया की भव्यता में अपने को प्रकट नहीं करते हैं, लेकिन खुद को छोटा, दीन-हीन बनाते हैं।" संत पापा ने कहा, कि ईश्वर हमारे पास आने के लिए, हमें बचाने के लिए और हमें वापस लाने के लिए इस मार्ग को अपनाते हैं, छोटेपन और दीनता का मार्ग।
ईश्वर की भव्यता छोटेपन में प्रकट होती है
संत पापा ने कहा कि आज हम जिस छवि और संदेश पर विचार कर रहे हैं, वह बालक है, कैसे ईश्वर पूरी तरह से अपने छोटेपन में मौजूद है। उसने हमें “इस अपवादजनक सत्य से चकित” होने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे "ब्रह्मांड को चलाने वाले को दूसरे का बाहों में रहने की जरूरत है," सूर्य के निर्माता को कैसे खुद को गर्म रखने की आवश्यकता है।" मानव तर्क को उल्टा करते हुए, संत पापा ने कहा, "ईश्वर संसार में मासुम छोटा बच्चा बनकर आते हैं। उनकी भव्यता छोटपन में दिखाई देती है।”
कोमल प्रेम व आंतरिक सूक्ष्मता की मांग
संत पापा ने कहा कि हमारी मानवीय प्रवृत्ति सांसारिक भव्यता की तलाश करती है। ऐसे समय में हमारे लिए क्रिसमस की चुनौती है, "क्या हम ईश्वर के काम करने के तरीके को स्वीकार कर सकते हैं।" चरवाहों और गरीबों के बीच येसु के जन्म को याद करते हुए उन्होंने कहा, "ईश्वर खुद को छोटा बनाते हैं ... हम महान बनने की कोशिश करते हैं।" "ईश्वर शक्ति और पराक्रम की तलाश नहीं करते, वे कोमल प्रेम और आंतरिक सूक्ष्मता की माँग करते है।" संत पापा ने हमें प्रोत्साहित किया कि हम येसु को हमारे दैनिक जीवन, हमारे परिवारों, हमारे समुदायों में आमंत्रित करके "आंतरिक रुप मे छोटेपन की कृपा" मांगे, ताकि हम एक दूसरे को वही प्यार दे सकें जैसा उसने हमें प्यार करना सिखाया था। उन्होंने आगे कहा, "हमारे सामान्य जीवन के अनुभव के बीच, वह असाधारण चीजें करना चाहते हैं। उनका संदेश अपार आशा का संदेश है।"
भरोसा करें और दिल खुला रखें
संत पापा ने कहा कि जब हम येसु को अपने जीवन के छोटे-छोटे पहलुओं में आमंत्रित करते हैं, तो हमें उन्हें अपने स्वयं के छोटेपन के अनुभव में आमंत्रित करने की भी आवश्यकता है, अर्थात हमारी अपनी कमजोरियों और परेशानियों में येसु यह महसूस कराना चाहते हैं, विशेष रूप से इस रात को, कि वह हमें वैसे ही प्यार करते हैं जैसे हम हैं। वे हमारे करीब हैं और वे हमसे भरोसा और खुले दिल की मांग करते हैं। इसे स्वीकार करते हुए, हम सभी अपने भाइयों और बहनों, गरीबों और जरूरतमंदों में "आज के छोटे लोगों में येसु" को गले लगाने के लिए बुलाये गये हैं। जैसा कि उनमें येसु खुद को प्रकट करते हैं।
येसु के साथ सब कुछ एकजुट
संत पापा ने कहा कि येसु का जन्म हाशिये पर रहने वाले लोगों और गरीबों के पास हुआ था और अपने जन्म द्वारा येसु ने परित्यक्त और गरीबों को पहले स्वयं को प्रकट करके उन्हें ऊँचा उठाते हैं, न कि उन लोगों को जो दुनिया की नज़रों में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने उन सभी की गरिमा को याद किया जो साधारण काम करते हैं, विशेष रूप से समाज की नजरों में ऐसे काम जिसका कोई मोल नहीं। संत पापा ने प्रत्येक मानव व्यक्ति की गरिमा का सम्मान करने की आवश्यकता को याद किया। संत पापा ने कहा, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए कि "कार्यस्थल पर किसी और मौत न हो!"
संत पापा ने याद किया कि क्रिसमस के घटना में, हम ज्योतिषियों को भी देखते हैं ये विद्वान और धनी प्रभु की आराधना करने आते हैं, यह दर्शाता है कि कैसे येसु बेथलहेम में अमीर और गरीब को एक साथ लाते हैं। "जब येसु केंद्र में होते हैं तो सब कुछ एकीकृत होता है: येसु मात्र हमारे विचार नहीं, बल्कि स्वयं येसु, जीवित व्यक्ति हैं।"
हम अपने मूल, बेथलहम लौटें
अंत में, संत पापा ने हमें अतीत के तीर्थयात्रियों की तरह, आज एक धर्मसभा और यात्रा करने वाली कलीसिया के रूप में "मूल की ओर लौटने" और "विश्वास की अनिवार्यता, हमारे पहले प्यार, आराधना और उदारता के लिए" प्रोत्साहित किया। प्रभु की आराधना में मानव परिवार की एकता का प्रतिनिधित्व पवित्र परिवार, चरवाहों और ज्योतिषियों द्वारा किया जाता है, जो आज हमारे लिए एक उदाहरण हैं।
सभी से आनन्दित होने का आह्वान करते हुए, संत पापा ने अपना प्रवचन अंत करते हुए कहा, "आइए, हम स्वयं को जगाएं, क्योंकि आज रात एक प्रकाश प्रज्ज्वलित हुआ है, एक दयामय प्रकाश, जो हमें याद दिलाता है कि, हमारे छोटेपन में, हम प्यारे बेटे और बेटियां, प्रकाश की संतान हैं।"
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