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सन्त पापा फ्राँसिस माल्टा में सन्त पापा फ्राँसिस माल्टा में  

रूस के "बचकाने और विनाशकारी आक्रमण" की सन्त पापा ने की निन्दा

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की कड़ी निन्दा करते हुए शनिवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने विगत 37 दिनों से जारी यूक्रेन पर रूस के युद्ध को "बचकाना और विनाशकारी आक्रमण" निरूपित किया। "बर्बर" युद्ध शुरू करने वाले बलशाली नेता को फटकार लगाते हुए उन्होंने कहा कि "किसी बलशाली" ने "बचकाने और विनाशकारी आक्रमण" से विश्व पर परमाणु युद्ध के ख़तरे को उजागर कर दिया था।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाल्लेत्ता, माल्टा, रविवार, 3 अप्रैल 2022 (रेई, एपी, वाटिकन रेडियो): यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की कड़ी निन्दा करते हुए शनिवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने विगत 37 दिनों से जारी यूक्रेन पर रूस के युद्ध को  "बचकाना और विनाशकारी आक्रमण"  निरूपित किया। "बर्बर" युद्ध शुरू करने वाले बलशाली नेता को फटकार लगाते हुए उन्होंने कहा कि "किसी बलशाली" ने "बचकाने और विनाशकारी आक्रमण" से विश्व पर परमाणु युद्ध के ख़तरे को उजागर कर दिया था।

श्रोताओ, 02 और 03 अप्रैल को काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु भूमध्यसागरीय द्वीप माल्टा की प्रेरितिक यात्रा पर हैं।  इटली से बाहर सन्त पापा फ्राँसिस की यह 36 वीं प्रेरितिक यात्रा है। शनिवार को सन्त पापा ने रोम के फ्यूमीचीनो अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से वाटिकन के वरिष्ठ धर्माधिकारियों एवं 74 पत्रकारों के साथ माल्टा की दो दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के लिये प्रस्थान किया था।

यूक्रेन पर युद्ध की निन्दा

माल्टा में देश के वरिष्ठ अधिकारियों एवं राजनयिक कोर को सम्बोधित करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने शनिवार को बिना किसी का नाम लिये कहा कि "कोई बलवान" अन्यों पर हावी होने की कोशिश कर रहा था, जिसने विश्व पर परमाणु युद्ध के ख़तरे को उजागर कर दिया था। उन्होंने कहा, "हमने सोचा था कि अन्य देशों पर आक्रमण, सड़कों पर जंगली लड़ाई और परमाणु ख़तरे दूर के अतीत की गंभीर यादें थीं।"

रूस द्वारा यूक्रेन पर युद्ध की, आरम्भिक क्षण से ही, सन्त पापा फ्राँसिस निन्दा करते रहे हैं तथा युद्ध विराम और वार्ताओं द्वारा समाधान ढूँढ़ने का आह्वान करते रहे हैं। शनिवार को भी वार्ताओं के विकल्प को खुला रखते हुए उन्होंने किसी व्यक्ति विशेष का नाम न लेने की वाटिकन की परम्परा को जारी रखा, तथापि, युद्ध के लिए ज़िम्मेदार बलवान व्यक्ति की आलोचना ने सन्त पापा फ्राँसिस के आक्रोश के एक नये स्तर को चिह्नित किया है। माल्टा के वरिष्ठ प्रशासनाधिकारियों एवं कूटनीतिज्ञों के समक्ष उन्होंने कहा, "एक बार फिर, कुछ शक्तिशाली, दुर्भाग्यवश, राष्ट्रवादी हितों के कालानुक्रमिक दावों में फंसकर संघर्षों को भड़का रहे हैं, जबकि आम लोग एक ऐसे भविष्य के निर्माण की आवश्यकता महसूस करते हैं जो या तो साझा किया जाएगा या बिल्कुल भी नहीं होगा।"  

यूक्रेन की संभावित यात्रा

रोम से माल्टा की हवाई यात्रा के दौरान पत्रकारों से रुबरू होते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने यूक्रेन में अपनी यात्रा की मंशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, कीव की संभावित यात्रा "मेज़ पर" है, किन्तु इसके लिये न तो कोई तारीख निर्धारित  की गई है और न ही यात्रा की पुष्टि हुई है।

यूक्रेन की राजधानी कीव के नगराध्यक्ष ने 08 मार्च को सन्त पापा फ्रांसिस को अन्य धार्मिक हस्तियों के साथ शांति के दूत के रूप में यूक्रेन आने का निमंत्रण दिया था, लेकिन हाल ही में उन्होंने शहर के निवासियों को भी चेतावनी दी है कि शहर अभी भी रूसी शत्रुता के ख़तरे से खाली नहीं है।

युद्ध की भयावहता को अभिव्यक्ति प्रदान करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने पत्रकारों से यह भी कहा कि इस युद्ध ने उनके हृदय को इतना दुख पहुँचाया है कि कभी-कभी वे अपने घुटनों के दर्द को भी भूल जाते हैं। विगत कई माहों से सन्त पापा फ्राँसिस घुटनों में दर्द से पीड़ित हैं। घुटनों की सूजन इतनी बढ़ गई है कि शनिवार को माल्टा जानेवाली उड़ान में चढ़ने एवं उतरने के लिये वाटिकन ने एक टरमैक लिफ्ट की व्यवस्था की थी।

ग़ौरतलब है कि माल्टा में सन्त पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा वैसे तो 2020 के लिये निर्धारित थी किन्तु कोविद महामारी के चलते इसे मुल्तवी कर दिया गया था। इस यात्रा का केन्द्र बिन्दु, आरम्भ ही से यूरोपीय प्रवसन बहस के केंद्र में माल्टा की भूमिका को देखते हुए, आप्रवास पर ध्यान केंद्रित करना रहा था, और अब 40 लाख से अधिक यूक्रेनी शरणार्थियों के बलात पलायन के साथ यह मुद्दा और अधिक महत्वपूर्ण हो उठा है।

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03 April 2022, 11:54