आप्रवासी एवं शरणार्थी दिवस ˸ दुर्बलों को केंद्र में रखना
उषा मनोरमा तिर्की -वाटिकन सिटी
संत पापा ने कहा, "लेकिन दुर्बलों को केंद्र में रखने का अर्थ क्या है"?
आप्रवासियों एवं शरणार्थियों पर संत पापा का वीडियो मंगलवार को प्रकाशित हुआ। जो कई आप्रवासियों एवं शर्णार्थियों तथा मानव तस्करी के शिकार लोगों की दुर्दशा पर प्रकाश डालता है।
संत पापा ने जोर देते हुए कहा, "भविष्य में किसी को भी वंचित न किया जाए।" उन्होंने सभी लोगों का आह्वान किया कि उन लोगों को (शारीरिक या अस्तितव) के केंद्र में रखा जाए
सबसे कमजोर लोगों को केंद्र में
वीडियो में केंद्र में सबसे कमजोर लोगों को रखने का क्या मतलब है, इस पर कई प्रतिबिंब हैं।
इसका अर्थ है "उन्हें सुसमाचार को केंद्र में रखना और यह समझना है कि किसी भी मोड़ पर, हम में से प्रत्येक, किसी भी समय खुद को हाशिए पर, कमजोरी की स्थिति में पा सकता है।"
एक और विचार बताता है कि इसमें “सब को समान अवसर देकर एक होना” शामिल है।
अन्ना एलिसा सेमप्रुन फरिया वेनेजुएला में तीन बच्चों की माँ हैं जिन्हें संकट के कारण वे अपने पति के साथ इक्वाडोर भागना पड़ा ताकि अपने बच्चों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित कर सकें। इक्वाडोर में नया जीवन शुरू करने के बाद अना ने "साइकोमामा" बनाया जिससे वे समुदाय को मदद करती हैं।
अना ने कहा, "हमारे परिवार की कहानी यहाँ फिर शुरू हुई। मेरे बच्चे यहीं बड़े हुए। मैंने यहाँ नई यादें बनायी, हम यहाँ अपने कहानी पुनः स्थापित कर रहे हैं।"
विश्व आप्रवासी और शरणार्थी दिवस
विश्व आप्रवासी एवं शरणार्थी दिवस हर साल सितम्बर माह के अंतिम रविवार को मनाया जाता है जो इस साल 25 सितम्बर को पड़ेगा।
विश्व आप्रवासी एवं शरणार्थी दिवस मनाने के लिए, समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद ने एक अभियान जारी किया है जिसमें वीडियो के माध्यम से आप्रवासियों एवं शरणार्थियों की कठिनाइयों को दर्शाया गया है।
संत पापा फ्राँसिस ने विश्व आप्रवासी एवं शरणार्थी दिवस 2022 हेतु अपने वार्षिक संदेश के विषयवस्तु के रूप में "आप्रवासियों और शरणार्थियों के साथ भविष्य का निर्माण" चुना है।"
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