केबेक का नोत्र-दाम दे केबेक महागिरजाघर
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
केबेक, शुक्रवार, 29 जुलाई 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): "हथियारों की होड़ और प्रतिरोध की रणनीतियां शांति और सुरक्षा नहीं ला सकतीं। हमें यह पूछने की ज़रूरत नहीं है कि युद्धों को कैसे आगे बढ़ाया जाए, बल्कि उन्हें कैसे रोका जाए। जरूरत है रचनात्मक और दूरदर्शी नीतियों की जो विपक्ष की श्रेणियों से आगे बढ़ने में सक्षम सिद्ध हो सकें।"
कनाडा में अपनी प्रायश्चित तीर्थयात्रा के दौरान भी सन्त पापा फ्रांसिस विश्व के अन्य भूभागों की गतिविधियों से अन्नभिज्ञ नहीं रहे। अपनी प्रेरितिक यात्रा के पाँचवे दिन गुरुवार को उन्होंने उक्त ट्वीट के माध्यम से यूक्रेन तथा विश्व के अन्य क्षेत्रों में जारी युद्धों की तर्कणा का खण्डन किया तथा झगड़ों के समाधान हेतु रचनात्मक और दूरदर्शी नीतियों की आवश्यकता को रेखांकित किया।
कार्डिनल जेराल्ड ला क्रोआ
कनाडा के केबेब शहर में गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने देश के काथलिक पुरोहितों, धर्मसमाजियों, धर्मसंघियों एवं गुरुकुल छात्रों के लिये सान्ध्य वन्दना समारोह की अध्यक्षता की तथा इन्हें अपना सन्देश दिया। इस अवसर पर केबेक के काथलिक धर्माधिपति तथा कनाडाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जेराल्ड ला क्रोआ ने उनके आदर में अभिवादन पत्र पढ़ा।
कार्डिनल ला क्रोआ ने कहा, महामहिम सन्त पापा मैं अपने सभी धर्माध्यक्षों की ओर से कनाडा में आपकी उपस्थिति के लिए प्रसन्नता एवं गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ। हमारे निमंत्रण पर आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया और आज केबेक में आपकी उपस्थिति हमारे लिए स्नेह का एक बहुत ही सराहनीय प्रमाण है।
उन्होंने कहा, कनाडा में आपकी यह "मुलाकात" काथलिक कलीसिया के लिए हमारे देशज भाइयों एवं बहनों के साथ मेल-मिलाप का हिस्सा है। आपकी कनाडा यात्रा हमारे देश के सभी निवासियों तक सुलह के इस मार्ग को बढ़ावा देती है। यह उपस्थिति अपने आप में पुनर्मिलन और सुलह का एक वादा है, एक साझा भूमि में भाईचारे सहित जीवन यापन की और "एक साथ चलने" की प्रतिबद्धता है। हमारे बीच आपका आगमन कनाडा के धर्माध्यक्षों और उनके सहयोगियों को सुसमाचार प्रचार और मेल-मिलाप के निरंतर प्रयासों के लिये महान समर्थन एक प्रतीक है।
केबेक का नोत्र-दाम महागिरजाघर
केबेक के नोत्र-दाम दे केबेक महागिरजाघर का निर्माण 1647 ई. में किया गया था तथा इसे शांति की रानी माँ मरियम को समर्पित कर नोत्र दाम दे ला पाक्स नाम दिया गया था। पत्थरों से निर्मित शहर का यह सबसे पहला काथलिक गिरजाघर है, जिसके निर्माण के लगभग 200 वर्षों बाद सन्त पापा पियुस 9वें ने इसे, तीर्थयात्रियों की महत्वपूर्ण संख्या के मद्देनज़र, बेसिलिका अर्थात् महागिरजाघर घोषित किया था।
ब्रिटिश घेराबंदी के दौरान 1759 में गिरजाघर पर बमबारी कर इसे आग के हवाले कर दिया गया था और फिर मूल योजनाओं के अनुसार इसका पुनर्निर्माण किया गया था। शनैःशनैः दशकों के अन्तराल में इसके विभिन्न भागों का निर्माण किया गया तथा सजावटी घटकों को जोड़ा गया। एक बार फिर आग में भस्म होने के बाद 1922 ई. पुरानी योजनाओं का उपयोग करके फिर से इसका निर्माण कराया गया था।
सन् 1984 में, सन्त जॉन पौल द्वितीय ने अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान केबेक के काथलिक समुदाय के लोगों के साथ विश्वास की भावना को साझा करते हुए महागिरजाघर में श्रद्धार्पण किया था।
नोत्र-दाम दे केबेक महागिरजाघर प्राचीन केबेब के केन्द्र में स्थित है, तथा इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल नामित किया गया है।
शुक्रवार को कनाडा के आर्कटिक क्षेत्र के नुनावुत में सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा वैश्विक जलवायु परिवर्तन की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित करायेगी, जिसमें समुद्री बर्फ तेज़ी से गायब हो रही है और पर्माफ्रॉस्ट पिघल रही है। शनिवार को काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस कनाडा में अपनी एक साप्ताहिक यात्रा के उपरान्त पुनः रोम लौट रहे हैं।
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