क्यूबेक में 'मूलवासियों के साथ एकता को बढ़ावा देने' के लिए संत पापा
माग्रेट सनीता मिंज-वाटिकन सिटी
क्यूबेक, गुरुवार 28 जुलाई 2022 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्रांसिस "प्रायश्चित तीर्थयात्रा" के दूसरे चरण में क्यूबेक सिटी के दौरे पर हैं, वे शुक्रवार तक इकालुइत के लिए रवाना होने तक यहीं रहेंगे।
गुरुवार शाम को, संत पापा नॉट्रे डेम डी क्यूबेक महागिरजाघर में कनाडा के धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मसंघियों,धर्मबहनों और सेमिनरियों के साथ संध्या प्रार्थना की अध्यक्षता करेंगे। महागिरजाघर नोट्रे डेम के रेक्टर, फादर जिमी रोड्रिग्स, देश में संत पापा की उपस्थिति और मूलवासियों के लिए चंगाई और सुलह के संदेश पर अपने विचार साझा करते हैं।
शब्दों के साथ क्रिया
वाटिकन न्यूज 'सिल्वोनी प्रोट्ज़ से बात करते हुए, फादर रोड्रिग्स ने क्यूबेक के महागिरजाघर में संत पापा के दौरे को "गहरा सार्थक क्षण" के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा,संत पापा का दौरा "एक ऐसा कार्य है, जो शब्दों के साथ सम्पन्न होगा"
महागिरजाघर के रेक्टर ने जोर देकर कहा कि जो शब्द संत पापा बोलेंगे उन्हें "सावधान और गहन दृष्टिकोण" के साथ स्वीकार करना होगा ताकि आगे की बातचीत को बढ़ावा मिल सके।
उन्होंने आगे जोर दिया कि कनाडा के मूलवासियों के साथ प्रेरितिक कार्यों में नई रचनात्मकता लाने के दिशा-निर्देशों को अपनाने के लिए यह "प्रमुख मनोभाव" है।
मिलन का संकेत
हालांकि महागिरजाघर में संध्या प्रार्थना मुख्य रूप से धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मसंघियों,धर्मबहनों और सेमिनरियों और क्यूबेक के प्रेरितिक कार्यकर्ताओं के लिए है, लेकिन फादर रोड्रिगस का कहना है कि यह "कनाडा में पूरी कलीसिया" के लिए भी है।
फादर रोड्रिग्स ने कहा, "संत पापा फ्राँसिस के गुरुवार शाम के कार्यक्रम में एक उपदेश देंगे। यह एक संकेत होगा, संत पापा के शब्दों को एक साथ प्राप्त करने का एक बहुत ही सुंदर संकेत होगा।" उन्हें उम्मीद है कि यह "भविष्य को आशा के साथ देखने की ताकत" प्रदान करेगा।
क्यूबेक का नोट्रे डेम महागिरजाघर
क्यूबेक का नोट्रे डेम कनाडा का सबसे पुराना गिरजाघर है और इसे देश के ऐतिहासिक स्मारकों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
1664 में, यह मेक्सिको के उत्तर में पहला पारिश गिरजाघर बना और निष्कलंक गर्भागमन माता मरियम को समर्पित था। 1674 में, क्यूबेक सिटी के पहले धर्माध्यक्ष के रूप में संत फ्रांसिस डी लावल की नियुक्ति के बाद यह महागिरजाघर बन गया। दो सौ साल बाद, पापा पायस नवें ने इसे बसिलिका का दर्जा दिया।
महागिरजाघर में संत फ्रांसिस डी लावल का मकबरा है, जो कनाडा के संतों और धन्यों का एक बड़ा अवशेष है और एक पवित्र द्वार से सजाया गया है जिसे 2014 में नोट्रे-डेम डी क्यूबेक पल्ली की 350 वीं वर्षगांठ पर स्थापित किया गया था।
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